- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: देश में रोजगार को लेकर नहीं कोई आंकड़ा; 'भास्कर पड़ताल' में सामने आये संगठन, विशेषज्ञाें और कंपनियाें के अलग-अलग दावे देश में रोजगार को लेकर नहीं कोई आंकड़ा; 'भास्कर पड़ताल' में सामने आये संगठन, विशेषज्ञाें और कंपनियाें के अलग-अलग दावे

देश में रोजगार को लेकर नहीं कोई आंकड़ा; 'भास्कर पड़ताल' में सामने आये संगठन, विशेषज्ञाें और कंपनियाें के अलग-अलग दावे

नई दिल्ली.  देश में रोजगार के आंकड़ों को लेकर बहस लगातार जारी है। हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि दो करोड़ जॉब्स हर साल देने की बात प्रधानमंत्री ने कही थी, लेकिन हकीकत इससे परे है।
दूसरी ओर सरकार नए रोजगार बढ़ने की बात कहती है। देश में रोजगार को लेकर कोई भी एक आंकड़ा नहीं है। भास्कर की पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि संगठन, विशेषज्ञाें और कंपनियाें के दावे अलग-अलग हैं।
एम्प्लाॅई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) के पेरोल आंकड़ों के मुताबिक देश में जनवरी से मई 2018 तक 27 लाख 28 हजार से अधिक लोग इसमें जुड़े हैं। यानी इतने लोगों को नौकरियां मिलीं। वहीं देश की प्रमुख एचआर सर्विस कंपनी टीमलीज के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक संगठित क्षेत्र में 9 लाख प्राइवेट नौकरियां बढ़ी हैं। नौकरी डॉटकॉम के अनुसार, बीते वर्ष जुलाई की तुलना में इस वर्ष जुलाई में 9 फीसदी अधिक नियुक्तियां उसके प्लेटफॉर्म से हुईं हैं। दूसरी ओर सटीक आंकड़ों के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय शहरों में हर तिमाही में घरों में सर्वे करा रहा है। जिसका पहला आंकड़ा वर्ष अंत तक या अगले वर्ष के शुरुआत में आ जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे के आंकड़े अप्रैल 2019 तक आने की संभावना: ग्रामीण क्षेत्रों में यही सर्वे साल में एक बार करेगा, जिसके नतीजे अप्रैल 2019 तक आ सकते हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि जॉब की सही गणना के लिए दो कार्य हो रहे हैं। हर माह पेरोल डेटा इकट्‌ठा कर रहे हैं। सरल शब्दों में कहें तो एम्प्लाॅयर की ओर से डेटा इकट्‌ठा किया जाए कि कितनी नौकरी कंपनी विशेष ने दी। ईपीएफओ का डेटा इसका आधार होता है। ईपीएफओ हर महीने डेटा जारी कर रहा है कि कितने नए कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। इसी डेटा के आधार पर सामने आया था कि वर्ष 2016-17 में 70 लाख रोजगार मिले थे।

हाउस होल्ड सर्वे में घर विशेष और जॉब की जानकारी जुटाई जा रही: वहीं नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे कर रहा है। इसके द्वारा हर तिमाही पर शहरों में हाउस होल्ड सर्वे किया जा रहा है। इससे पता चलेगा कि घर विशेष में कितने लोग हैं उनमें से कितने लोग जॉब में हैं। यह सर्वे शुरू हो चुका है और इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष की शुरुआत में इसका पहली बार आंकड़ा आ जाएगा। सैंपल आधार पर यह सर्वे किया जाएगा। राजीव कुमार ने बताया कि ये आंकड़ा जब आ जाएगा तो फिर किसी प्रकार का शक नहीं रह जाएगा कि अर्बन एरिया में जॉब्स बढ़ रहे हैं या घट रहे हैं, पहली बार ऐसा होगा। नौकरियां देश में पैदा नहीं हो रही है यह तथ्यहीन बात है। इसका एक प्रमाण और है कि रूरल वेजेस का डेटा देखें तो पिछले तीन साल में वास्तविक मजदूरी बढ़ी है, वेज बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है फिर भी करीब पांच फीसदी या इससे अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी तभी बढ़ती है जब काम करने वाले लोग शहरों की ओर जाकर नौकरी ढ़ूंढने में सफल हो जाते हैं।

टीम लीज का अनुमान, जनवरी-जुलाई 2018 तक 9 लाख नई नौकरियां लगीं:  भर्तियां करने वाली देश की प्रमुख कंपनी टीम लीज की को-फाउंडर ऋतुपर्णा चक्रवर्ती के मुताबिक हमारा अनुमान है कि मुख्य तौर पर संगठित क्षेत्र में जनवरी से दिसंबर 2017 तक 15 लाख नई नौकरियां लगी थीं, जबकि इस वर्ष जनवरी से जुलाई 2018 तक देश में नौ लाख नई नौकरियां लगी हैं। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में जॉब की स्थिति थोड़ी सी बेहतर है। सरकारी क्षेत्र की तुलना में निजी क्षेत्र में 145 फीसदी अधिक जॉब आए हैं। बीते तीन-चार सालों से देश में सबसे बड़ी चुनौती स्किल्ड कर्मचारी का मिलना है। जो भी युवा नौकरी के लिए आ रहे हैं वो सेक्टर विशेष की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं। इसलिए हमारे अनुमान से कम नई नौकरियां लग रही हैं जबकि वास्तव में आवश्यकता हमारे अनुमान मुताबिक ही होती है। चक्रवर्ती कहती हैं कि टीमलीज के पूर्वानुमान के मुताबिक वित्तवर्ष 2018-19 में सर्वाधिक 18 लाख नौकरियां एज्युकेशनल सर्विस में, 15 लाख नौकरियां ऑटोमोबाइल एंड अलाएड सेक्टर में, रिटेल में 12 लाख और टेलीकम्युनिकेशन में 10 लाख नौकरियां आएंगी। वहीं सबसे कम नौकरियां कंस्ट्रक्शन-रियल एस्टेट में 2.5 लाख, आईटी एंड नॉलेज सर्विस में तीन लाख, पावर एंड एनर्जी और बीपीओ एंड आईटी इनेबल्ड सर्विस इंडस्टी में चार-चार लाख नए जॉब्स मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में सर्वाधिक 76 हजार रोजगार दिल्ली, मुंबई में 73,600 और बेंगलुरू से 72500 नए जॉब्स आने का हमारा अनुमान है। जबकि नौकरी के लिए सर्वाधिक आवेदन कंस्ट्रक्शन-रिअल एस्टेट, रिटेल और आईटी-नॉलेज सर्विसेज के लिए आ रहे हैं।

नौकरी डॉट कॉम से जुलाई महीने में 2101 लाेगों की भर्तियां: वहीं दूसरी ओर देश की प्रमुख जॉब साइट नौकरी डॉट कॉम के नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स के मुताबिक इस वर्ष जुलाई में बीते वर्ष जुलाई 2017 की तुलना में नौ फीसदी अधिक लोगों को नौकरी मिली है। जुलाई महीने के दौरान कुल 2,101 लोगों की भर्तियां हुईं। बीमा-बैंकिंग और रियल एस्टेट क्षेत्र में सर्वाधिक 34 और 28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले वर्ष तक ग्रोथ में कम वृद्धि के बाद इस वर्ष ऑटो क्षेत्र में भी 31 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

ऑटो, ऑटो एन्सिलरी, रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन आदि क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी:  नई नौकरी के मामले में 14 फीसदी की तेजी दिल्ली-एनसीआर में लोगों को मिली, जबकि चेन्नई में 13 और मुंबई में चार फीसदी की तेजी दर्ज की गई। इस संबंध में नौकरी डॉट काॅम के चीफ सेल्स ऑफिसर वी. सुरेश ने कहा कि जुलाई महीने के दौरान नौ फीसदी की बढ़ोतरी रही है, जून में भी नौ फीसदी जबकि मई में 11 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ऑटो, ऑटो एन्सिलरी, रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन आदि क्षेत्रों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि जॉब मार्केट में अच्छी स्थिति देखने को मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक तीन वर्ष तक के अनुभव वाले लोगों की हायरिंग में 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वहीं लीडरशिप रोल वाले लोगों की हायरिंग में सर्वाधिक 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

केन्द्रीय विभागों में दो साल में 2.53 लाख नौकरियां:  बजट दस्तावेज के मुताबिक मार्च 2018 तक केन्द्रीय कर्मचारियों की संख्या करीब 35 लाख 5 हजार थी, जबकि मार्च 2016 में इन कर्मचारियों की संख्या 32 लाख 52 हजार थी। ऐसे में दो साल में दो लाख 53 हजार नौकरियां मिलीं।

राज्यों में सरकारी नौकरियों की स्थिति
बिहार : बीते एक वर्ष में सात हजार नियुक्तियां:  बिहार में पिछले एक साल में 7008 नियुक्तियां हुई। इसमें सर्वाधिक गेस्ट टीचर की 4257 नियुक्तियां हुई हैं। आने वाले वर्ष में काॅन्स्टेबल फायरमैन पद पर 1965 पद खाली हैं। साथ ही बिहार पुलिस में भी सिपाही पद पर 9900 पद पर भर्तियां होनी है।
हरियाणा : एक साल में 15 हजार भर्तियां:  हरियाणा लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग के जरिए एक साल में 15,353 पदों पर भर्तियां की गई हैं। सर्वाधिक नियुक्तियां क्लर्क पद पर हुई हैं। अगले एक साल में कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 38 हजार फोर्थ क्लास और 7 हजार पुलिस कर्मचारियों समेत करीब 60 हजार पदों पर नई भर्तियां करने का लक्ष्य है। हरियाणा लोक सेवा आयोग 200 से ज्यादा अफसरों की भर्तियां करेगा।
महाराष्ट्र : दो साल में 72 हजार नियुक्तियां होंगी:  दो साल में सभी विभागों में कुल 72 हजार पदों के लिए भर्तियां होंगी। इसमें से 36000 भर्तियां 2018 में होगी, 36 हजार भर्तियां 2019 में होगी। राज्य के विद्यालयों में 2018 में 20 हजार टीचर की भर्ती होने वाली है। ऑनलाइन फाॅर्म भरने की प्रक्रिया जारी है। राज्य के आरोग्य विभाग में कुल 1 लाख 85 हजार पद खाली हैं। अन्य विभाग में राज्य में कर्मचारी और अधिकारियों के 1 लाख 80 हजार पद रिक्त हैं।

राजस्थान : एक साल में निकली 1.56 लाख भर्तियां: राजस्थान सरकार ने पिछले एक साल में 1,56,003 भर्तियां निकाली हैं। चुनावी साल होने के कारण इनमें भी अधिकांश भर्तियां इस साल फरवरी के बाद ही निकाली गईं। मई-2017 के बाद अब तक निकाली गई भर्तियां में सबसे अधिक शिक्षा विभाग में हो रही हैं। इसमें तृतीय श्रेणी शिक्षकों की 54 हजार भर्तियां की गई हैं। कई भर्तियां तो नियुक्ति तक पहुंच चुकी हैं। सबसे बड़ी भर्ती एलडीसी भर्ती-2018 की परीक्षा की तैयारियों की जा रही है।
इनपुट- शशि भूषण, पटना विनोद मित्तल, जयपुर मनोज कुमार, चंडीगढ़, अशोक अडसूल, औरंगाबाद


प्रमुख मंत्रालयों में नौकरियां

विभाग संख्या
कृषि 1944
पोस्ट विभाग 20,000
एटॉमिक एनर्जी  6279
सिविल एविएशन 1197
संस्कृति मंत्रालय 3024 
गृह मंत्रालय 1,06,655
रक्षा मंत्रालय 10,000 
पर्यावरण मंत्रालय 2234
विदेश मंत्रालय 1196
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