हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए नया सत्र शुरू होने के साथ ही परेशानियां भी बढ़ने लगी है। एचपीयू में शिक्षकों के करीब 220 पद खाली पड़े हुए, जबकि कोर्ट ने अभी तक नए गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों को रखने की मंजूरी नहीं दी है। अब विवि प्रशासन को कोर्ट की मंजूरी का बेसब्री से इंतजार है।
एचपीयू में कई ऐसे डिप्लोमा कोर्सिस है, जहां पर पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है। हालांकि, उन गेस्ट फैकल्टी पर लगे करीब 70 शिक्षकों को कोर्ट ने राहत प्रदान की हुई है, जो विवि में पढ़ा रहे हैं। कोर्ट ने आदेशों में साफ कहा है कि यदि जरूरी हुआ तो विवि प्रशासन को पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। ऐसे में विवि प्रशासन के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई है कि वह करीब 30 विभागों में कैसे छात्रों की पढ़ाई को सुचारू रख पाएंगे।
445 पद है शिक्षकों के स्वीकृत: विवि में वर्तमान में करीब 445 पद शिक्षकों के स्वीकृत हुए हैं। जिनमें से रीजनल सेंटर धर्मशाला, ईवनिंग कॉलेज और एचपीयू में कुल 225 के करीब शिक्षक वर्तमान में तैनात हैं। यानि की अभी भी 220 पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने करीब 70 शिक्षक गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे हुए हैं। इसके अलावा करीब 50 शिक्षक और गेस्ट फैकल्टी के तहत रखने हैं। जबकि अब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी हैं। विवि प्रशासन गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे शिक्षकों को 25 हजार रुपए प्रति माह वेतन देता हैं।
अब कोर्ट से राहत देने की लगाई गुहार
एचपी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रशासन ने कोर्ट से गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों को रखने के लिए इजाजत मांगी है। प्रशासन का कहना है कि कोर्ट यदि उन्हें इजाजत देता है, तभी व शिक्षकों को रख सकते हैं। क्योंकि रेगुलर शिक्षकों को इतनी जल्दी नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए पहले विज्ञापन निकालना पड़ेगा और पूरी प्रोसेसिंग में समय लगेगा। विवि प्रशासन को अब कोर्ट से उम्मीदें बंधी है। यदि कोर्ट से विवि प्रशासन को राहत नहीं मिली तो आने वाले समय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को दिक्कतें हो सकती हैं। क्योंकि, लीगल स्टडीज, यूआईआईटी, बीएचएम अौर अन्य प्रोफेशनल कोर्सिस में अधिकतर गेस्ट फैकल्टी के तहत ही शिक्षक रखे गए हैं।
नैक से मिला है ए ग्रेड, शिक्षकों की है कमी |एचपीयू को भले ही नैक ने ए ग्रेड दिया हो, लेकिन यहां शिक्षकों की पहले से ही कमी चली हुई है। बीती कांग्रेस सरकार ने यहां पर कुछ शिक्षकों के पदों को भरा था, इसके बाद इन्हें भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। पीजी में रूसा सिस्टम को भी शिक्षकों की कमी के कारण शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में यदि गेस्ट फैकल्टी पर इसी तरह रोक लगी रही तो दिक्कतें हो सकती हैं।
अभी तक गेस्ट फैकल्टी पर कोई फैसला कोर्ट ने नहीं दिया है। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। जो गेस्ट फैकल्टी पर शिक्षक लगे हुए है, वह अपनी सेवाएं देते रहेंगे। शिक्षकों की कमी को तभी पूरा किया जा सकता है, जब कोर्ट गेस्ट फैकल्टी को मंजूरी दें। डॉ. जेएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक एचपीयू
एचपीयू में कई ऐसे डिप्लोमा कोर्सिस है, जहां पर पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है। हालांकि, उन गेस्ट फैकल्टी पर लगे करीब 70 शिक्षकों को कोर्ट ने राहत प्रदान की हुई है, जो विवि में पढ़ा रहे हैं। कोर्ट ने आदेशों में साफ कहा है कि यदि जरूरी हुआ तो विवि प्रशासन को पहले इजाजत लेनी पड़ेगी। ऐसे में विवि प्रशासन के सामने दिक्कतें खड़ी हो गई है कि वह करीब 30 विभागों में कैसे छात्रों की पढ़ाई को सुचारू रख पाएंगे।
445 पद है शिक्षकों के स्वीकृत: विवि में वर्तमान में करीब 445 पद शिक्षकों के स्वीकृत हुए हैं। जिनमें से रीजनल सेंटर धर्मशाला, ईवनिंग कॉलेज और एचपीयू में कुल 225 के करीब शिक्षक वर्तमान में तैनात हैं। यानि की अभी भी 220 पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में विवि प्रशासन ने करीब 70 शिक्षक गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे हुए हैं। इसके अलावा करीब 50 शिक्षक और गेस्ट फैकल्टी के तहत रखने हैं। जबकि अब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी हैं। विवि प्रशासन गेस्ट फैकल्टी के तहत रखे शिक्षकों को 25 हजार रुपए प्रति माह वेतन देता हैं।
अब कोर्ट से राहत देने की लगाई गुहार
एचपी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अब फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रशासन ने कोर्ट से गेस्ट फैकल्टी के तहत शिक्षकों को रखने के लिए इजाजत मांगी है। प्रशासन का कहना है कि कोर्ट यदि उन्हें इजाजत देता है, तभी व शिक्षकों को रख सकते हैं। क्योंकि रेगुलर शिक्षकों को इतनी जल्दी नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए पहले विज्ञापन निकालना पड़ेगा और पूरी प्रोसेसिंग में समय लगेगा। विवि प्रशासन को अब कोर्ट से उम्मीदें बंधी है। यदि कोर्ट से विवि प्रशासन को राहत नहीं मिली तो आने वाले समय में शिक्षकों की कमी के कारण छात्रों को दिक्कतें हो सकती हैं। क्योंकि, लीगल स्टडीज, यूआईआईटी, बीएचएम अौर अन्य प्रोफेशनल कोर्सिस में अधिकतर गेस्ट फैकल्टी के तहत ही शिक्षक रखे गए हैं।
नैक से मिला है ए ग्रेड, शिक्षकों की है कमी |एचपीयू को भले ही नैक ने ए ग्रेड दिया हो, लेकिन यहां शिक्षकों की पहले से ही कमी चली हुई है। बीती कांग्रेस सरकार ने यहां पर कुछ शिक्षकों के पदों को भरा था, इसके बाद इन्हें भरने के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। पीजी में रूसा सिस्टम को भी शिक्षकों की कमी के कारण शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में यदि गेस्ट फैकल्टी पर इसी तरह रोक लगी रही तो दिक्कतें हो सकती हैं।
अभी तक गेस्ट फैकल्टी पर कोई फैसला कोर्ट ने नहीं दिया है। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। जो गेस्ट फैकल्टी पर शिक्षक लगे हुए है, वह अपनी सेवाएं देते रहेंगे। शिक्षकों की कमी को तभी पूरा किया जा सकता है, जब कोर्ट गेस्ट फैकल्टी को मंजूरी दें। डॉ. जेएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक एचपीयू