शिमला (प्रीति): प्रदेश
सरकार स्कूलों में लगे अपात्र एस.एम.सी. शिक्षकों को जल्द ही बाहर का
रास्ता दिखा सकती हैं। सरकार ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को निर्देश जारी
कर दिए हैं। इसके तहत सरकार ने विभाग को स्कूलों में स्कूल मैनेजमैंट
कमेटी के तहत लगे शिक्षकों का रिकॉर्ड खंगालने को कहा है।
इस दौरान यदि कोई
शिक्षक विभाग के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को पूरा नहीं करते हैं तो उन
शिक्षकों की नौकरी की जा सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार को ऐसी दर्जनों
शिकायतें मिली हैं, जिसमें स्कूलों में अपात्र एस.एम.सी. शिक्षकों की
तैनाती की जांच करवाने की मांग की गई है।
इन शिकायतों के बाद ही सरकार ने मामले पर
कड़ा संज्ञान लिया है और विभाग को स्कूलों में लगेे एस.एम.सी. के दस्तावेज
खंगालने के निर्देश दिए हैं। एस.एम.सी. शिक्षक की नियुक्ति के लिए सरकार ने
एस.डी.एम. की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में एस.एम.सी. के
प्रधान, स्कूल का प्रधानाचार्य और स्कूल का वरिष्ठ शिक्षक सदस्य थे।
शिक्षकों की नियुक्ति इस क मेटी ककी सिफारिशों पर ही की गई थी, ऐसे में यदि
स्कूलों में अपात्र शिक्षक सामने आते हैं, तो एस.डी.एम. सहित स्कूल
प्रधानाचार्य और वरिष्ठ शिक्षक पर गाज गिरना तय है।
योग्यता पूरी न करने वाले शिक्षकों को नियुक्ति देने वाले अधिकारी की रुकेगी इन्क्रीमैंट
सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन अधिकारियों
ने अपात्र शिक्षकों को नियुक्त किया है, उन अधिकारियों पर कार्रवाई की
जाएगी। ऐसे अधिकारियों की इन्क्रीमैंट पर भी रोक लगाई जा सकती है। इसके साथ
ही अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। गौर हो कि प्रदेश
में इस समय ग्रांट इन एड पर लगभग 2600 से ज्यादा एस.एम.सी. शिक्षक स्कूलों
में सेवाएं दे रहें हैं जबकि 1000 से ज्यादा स्कूलों में नॉन-ग्रांटिड
एस.एम.सी. शिक्षक हैं। सूत्रोंं की मानें तो इस दौरान स्कूलों में 100 से
ज्यादा अपात्र शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।