राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में तीन हजार से अधिक कोर्ट केसों में
उलझा शिक्षा विभाग अब इनके समाधान के लिए नई व्यवस्था लागू करेगा। इस संबंध
में वीरवार को प्रधान शिक्षा सचिव केके पंत की अगुवाई में प्रारंभिक और
उच्चतर शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के साथ प्रदेश सचिवालय में बैठक हुई।
पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोर्ट से जुड़े मामलों की मॉनीटरिंग के लिए पुख्ता व्यवस्था की जाए। कई मामलों में कोर्ट के आदेशों को अधिकारी फील्ड में लागू करने के लिए कह देते हैं लेकिन उनकी स्टेटस रिपोर्ट नहीं मांगते हैं। इस कारण शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को यह जानकारी नहीं होती है कि कोर्ट के आदेश लागू हुए भी हैं या नहीं। विभाग को तब पता चलता है जब कोर्ट की अवमानना का केस हो जाता है। अब शिक्षा विभाग इस दिक्कत का हल निकालने के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में जुट गया है। पंत ने अधिकारियों से कोर्ट में चल रहे केसों का भी ब्योरा मांगा है। उन्होंने कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश और कोर्ट में कितने केस चल रहे हैं, इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपने को कहा है। कोर्ट के आदेश लागू करने तक की स्टेटस रिपोर्ट बनेगी
प्रारंभिक व उच्चतर शिक्षा निदेशालयों के तीन हजार से अधिक केस कोर्ट में हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रांरभिक शिक्षा निदेशालय के तहत करीब तीन हजार और उच्च्तर शिक्षा निदेशालय के तहत 55 कोर्ट केस हैं। अब इन केसों के स्टेटस की मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जाएगी। यदि कोर्ट से कोई आदेश आते हैं तो उन्हें लागू करने तक की स्टेटस रिपोर्ट तैयार होगी और इस संबंध में समय-समय पर प्रधान शिक्षा सचिव को अवगत करवाया जाएगा।
पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोर्ट से जुड़े मामलों की मॉनीटरिंग के लिए पुख्ता व्यवस्था की जाए। कई मामलों में कोर्ट के आदेशों को अधिकारी फील्ड में लागू करने के लिए कह देते हैं लेकिन उनकी स्टेटस रिपोर्ट नहीं मांगते हैं। इस कारण शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को यह जानकारी नहीं होती है कि कोर्ट के आदेश लागू हुए भी हैं या नहीं। विभाग को तब पता चलता है जब कोर्ट की अवमानना का केस हो जाता है। अब शिक्षा विभाग इस दिक्कत का हल निकालने के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में जुट गया है। पंत ने अधिकारियों से कोर्ट में चल रहे केसों का भी ब्योरा मांगा है। उन्होंने कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश और कोर्ट में कितने केस चल रहे हैं, इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपने को कहा है। कोर्ट के आदेश लागू करने तक की स्टेटस रिपोर्ट बनेगी
प्रारंभिक व उच्चतर शिक्षा निदेशालयों के तीन हजार से अधिक केस कोर्ट में हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रांरभिक शिक्षा निदेशालय के तहत करीब तीन हजार और उच्च्तर शिक्षा निदेशालय के तहत 55 कोर्ट केस हैं। अब इन केसों के स्टेटस की मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जाएगी। यदि कोर्ट से कोई आदेश आते हैं तो उन्हें लागू करने तक की स्टेटस रिपोर्ट तैयार होगी और इस संबंध में समय-समय पर प्रधान शिक्षा सचिव को अवगत करवाया जाएगा।