शिमला हिमाचल में शिक्षकों के लिए तबादला एक्ट का अभी ड्राफ्ट ही तैयार हुआ
है लेकिन विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। शिक्षकों को यह बात अखर रही है
कि सरकार केवल उन्हीं के लिए ही क्यों तबादला नीति बना रही है। शिक्षकों का
प्रश्न है कि अन्य विभागों के कर्मचारियों के भी तबादले होते हैं तो क्या
उन्हें नई तबादला नीति के दायरे में लाने की जरूरत नहीं है।
शिक्षक संघों के पदाधिकारियों का कहना है कि तबादला एक्ट से दिक्कत नहीं है। दिक्कत केवल शिक्षकों के लिए तबादला एक्ट बनाए जाने से है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 की शुरुआत में शिक्षकों के लिए तबादला एक्ट बनाने की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में ड्राफ्ट भी तैयार कर दिया था। लेकिन इसमें कुछ खामियां थीं जिन्हें शिक्षा मंत्री ने दूर करने को कहा था। अब शिक्षा विभाग ने ड्राफ्ट में संशोधन कर उसे प्रदेश सरकार को सौंप दिया है। अभी इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन प्रदेश सरकार तबादला एक्ट को लागू करना चाहती है। सभी कर्मियों के लिए बने तबादला एक्ट
तबादला एक्ट सभी कर्मचारियों के लिए बनाया जाना चाहिए। केवल शिक्षकों
के लिए तबदाला एक्ट बनाना गलत है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शिक्षकों
को प्रताड़ित करने की तैयारी की जा रही है। तबादला एक्ट के दायरे में सभी
कर्मियों को शामिल किया जाए।
चमन लाल शर्मा, अध्यक्ष, राजकीय सीएंडवी अध्यापक संघ न हो भेदभाव
हम तबादला एक्ट के खिलाफ नहीं हैं। तबादला एक्ट लागू होगा तो शिक्षकों को तबादला करवाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लेकिन तबदाला एक्ट केवल शिक्षकों के लिए ही क्यों, अन्य कर्मचारियों के लिए क्यों न हो। ऐसा भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार यदि शिक्षकों के लिए ही तबादला एक्ट बनाती है तो हम सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे।
डॉ. प्रेमराज शर्मा, अध्यक्ष, हिमाचल शिक्षक महासंघ एक जैसे हों नियम
तबादला एक्ट बने और लागू हो। लेकिन इतना कठोर कानून न बनाएं कि शिक्षकों को प्रताड़ित होना पड़े। शिक्षकों के अलावा दूसरे भी विभाग हैं। वहां के कर्मचारियों को तबादला एक्ट से अलग क्यों रखा जा रहा है। वे भी तो सरकार के कर्मचारी है। सभी के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।
जीएस बेदी, अध्यक्ष, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ
शिक्षक संघों के पदाधिकारियों का कहना है कि तबादला एक्ट से दिक्कत नहीं है। दिक्कत केवल शिक्षकों के लिए तबादला एक्ट बनाए जाने से है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 की शुरुआत में शिक्षकों के लिए तबादला एक्ट बनाने की घोषणा की थी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में ड्राफ्ट भी तैयार कर दिया था। लेकिन इसमें कुछ खामियां थीं जिन्हें शिक्षा मंत्री ने दूर करने को कहा था। अब शिक्षा विभाग ने ड्राफ्ट में संशोधन कर उसे प्रदेश सरकार को सौंप दिया है। अभी इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन प्रदेश सरकार तबादला एक्ट को लागू करना चाहती है। सभी कर्मियों के लिए बने तबादला एक्ट
चमन लाल शर्मा, अध्यक्ष, राजकीय सीएंडवी अध्यापक संघ न हो भेदभाव
हम तबादला एक्ट के खिलाफ नहीं हैं। तबादला एक्ट लागू होगा तो शिक्षकों को तबादला करवाने के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। लेकिन तबदाला एक्ट केवल शिक्षकों के लिए ही क्यों, अन्य कर्मचारियों के लिए क्यों न हो। ऐसा भेदभाव नहीं होना चाहिए। सरकार यदि शिक्षकों के लिए ही तबादला एक्ट बनाती है तो हम सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे।
डॉ. प्रेमराज शर्मा, अध्यक्ष, हिमाचल शिक्षक महासंघ एक जैसे हों नियम
तबादला एक्ट बने और लागू हो। लेकिन इतना कठोर कानून न बनाएं कि शिक्षकों को प्रताड़ित होना पड़े। शिक्षकों के अलावा दूसरे भी विभाग हैं। वहां के कर्मचारियों को तबादला एक्ट से अलग क्यों रखा जा रहा है। वे भी तो सरकार के कर्मचारी है। सभी के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।
जीएस बेदी, अध्यक्ष, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ