प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जेबीटी शिक्षकों के पदों पर अपात्र लोगों की नियुक्तियों के मामले की विभागीय जांच लगभग पूरी हो गई है। शिक्षा निदेशालय ने तीन में से एक शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है जबकि और दो अध्यापकों की जांच जारी है। बर्खास्त शिक्षक से तीन साल के वेतन की रिकवरी भी की जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक संजय कुमार ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
साक्षात्कार लेने वाली स्क्रीनिंग कमेटी सदस्यों के खिलाफ भी विभागीय जांच बैठा दी गई है। स्क्रीनिंग कमेटी में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र (डाइट) गोना करौर के प्रिंसिपल, दो स्कूल लेक्चरर समेत चार अधिकारी शामिल थे। निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से भी जवाब तलब किया है। पूछा गया है कि बिना जेबीटी डिप्लोमा के किस आधार पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) का प्रमाण पत्र जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर ने वर्ष 2018 में बैचवाइज अनुबंध के आधार पर तीन जेबीटी शिक्षकों की भर्तियां की थीं। इसके लिए जेबीटी, डीएलएड या ईटीटी समकक्ष व्यावसायिक योग्यता और बारहवीं कक्षा में 50 फीसदी अंक, आरक्षित वर्ग के लिए 45 फीसदी अंकों की शर्त रखी थी।
लेकिन विभाग ने जिन तीन सामान्य श्रेणी के शिक्षकों को नियुक्तियां दी थीं, उनमें से एक ने दो वर्षीय प्री स्कूल टीचर एजूकेशन डिप्लोमा (एनटीटी) का कोर्स किया है जो जेबीटी के समकक्ष नहीं है। यह योग्यता प्री नर्सरी कक्षाओं के लिए है। दो अन्य शिक्षकों के बारहवीं कक्षा में 40 और 42 फीसदी अंक हैं। तीन साल का अनुबंध पूरा होने के बाद विभाग ने शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की तो इस कोताही का भंडाफोड़ हो गया।