शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh Cluster Schools, राज्य के सरकारी स्कूलों की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव होगा। नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई के तौर तरीके के अलावा प्रशासनिक व्यवस्था को
बदलने की प्रक्रिया पर शिक्षा विभाग ने होमवर्क शुरू कर दिया है। प्रदेश में 1050 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को कांप्लेक्स (कलस्टर) स्कूलों का दर्जा दिया जाएगा। स्कूलों के चयन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। ये क्लस्टर स्कूल शिक्षा में गवर्नेंस की मूल इकाई होंगे। प्रदेश में 3000 के करीब उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं हैं। स्कूल काॅम्प्लेक्स के तहत आसपास के छोटे स्कूलों को एक सांगठनिक और प्रशासनिक इकाई के तहत लाया जाएगा। एक सेकंडरी स्कूल इनमें प्रमुख होगा, जबकि उसके आसपास के इलाके के सभी सरकारी स्कूल इसके तहत आएंगे। इससे इन सभी स्कूलों के संसाधनों को आपस में साझा करने में मदद मिलेगी।वर्चुअल क्लास की होगी सुविधा
कलस्टर स्कूल के प्रधानाचार्य इसके संबंध आने वाले अन्य स्कूलों के प्रबंधन की व्यवस्था को देखेंगे। इन स्कूलों में पुस्तकालय, प्रयोगशाला, सोशल वर्कर, काउंसलर और विशेष विषयों के शिक्षकों जैसे संसाधन साझा किए जा सकेंगे। चार से 12 स्कूलों को जोड़कर एक स्कूल क्लस्टर बनाया जाएगा। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी की समस्या भी दूर हो जाएगी। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में क्लस्टर से शिक्षक भेजे जा सकते हैं। स्कूल क्लस्टर बनाने से स्कूलों की कला, संगीत, खेल, व्यवसायिक विषयों, कंप्यूटर की शिक्षा और विषय से संबंधित शिक्षकों का आदान-प्रदान करना संभव होगा। पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब, खेल के मैदान, खेल उपकरण जैसी सुविधाएं साझा रूप से प्रयोग की जा सकेंगी। शिक्षण अधिगम सामग्री के साझाकरण, संयुक्त सामग्री निर्माण, आईसीटी के माध्यम से वर्चुअल कक्षाओं का आयोजन, कला और विज्ञान प्रदर्शनियां, खेल गतिविधियां, प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद, भाषण प्रतियोगिता की संयुक्त तैयारी और प्रदर्शन सुगम होगा।
क्या कहते हैं निदेशक
शिक्षा विभाग के निदेशक डाक्टर अमरजीत शर्मा का कहना है नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। कलस्टर स्कूल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 1050 स्कूलों को कलस्टर स्कूलों का दर्जा दिया जाएगा।