शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में समग्र शिक्षा अभियान के तहत बीआरसीसी यानी ब्लॉक रिसोर्स को-ऑर्डिनेटर की भर्ती 3 सालों के लिए ही की जाएगी। इसमें सरकार किसी भी तरह की एक्सटेंशन का प्रावधान नहीं रखेगी। यानी कि 3 साल का कार्यकाल बीआरसी के पद पर पूरा होने के बाद शिक्षकों को वापिस अपने स्कूल में जॉइनिंग देनी होगी।
मंत्रिमंडल की बैठक में बीआरसीसी को लेकर चर्चा
राज्य सरकार इसके लिए नई नीति तैयार कर रही है। मंगलवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा की गई। पिछले महीने समग्र शिक्षा अभियान ने बीआरसी की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही कुछ मामले कोर्ट में पहुंचना शुरू हो गए थे, इसे देखते हुए सरकार ने फिलहाल इस पर रोक लगाते हुए नए सिरे से इसकी पॉलिसी तैयार करने का निर्णय लिया।
बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कैबिनेट को बीआरसी नीति के बारे में बताया। भर्ती नियमों में सरकार अब कुछ संशोधन करेगी। अभी विभाग में बीआरसीसी के लिए एक्सपीरियंस की शर्त को 7 साल से घटाकर पांच साल किया गया था। नई पॉलिसी के तहत इसमें भी संशोधन किया जा सकता है।
ये होते हैं बीआरसीसी के कार्य
प्रारंभिक शिक्षा विभाग में नियुक्त होने वाले बीआरसीसी के कंधों पर सर्व शिक्षा अभियान, समग्र शिक्षा अभियान, शिक्षक प्रशिक्षण और सरकार की ओर से संचालित अन्य योजनाओं को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी रहती है। हालांकि, वर्तमान में यह सभी कार्य ऑनलाइन माध्यम से भी संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में अगर किसी केंद्रीय मुख्य शिक्षक को शिक्षण कार्य के साथ ही बीआरसीसी का कार्य भी दे दिया जाए तो सरकार को फायदा हो सकता है।