राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सरकार से सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मुकद्दमों की सुनवाई में तेजी लाने सहित स्टे हटाने के लिए पीटीए मामले में विशेष याचिका दायर करने की मांग की है। संघ के मुख्य प्रेस सचिव कैलाश ठाकुर, महासचिव संजय, वित्त सचिव अरुण गुलेरिया, सरोज मेहता, विजय गोस्वामी, अजीत चौहान, चितरंजन और प्रदेश पीटीए शिक्षक
संघर्ष मंच के प्रदेशाध्यक्ष पंकज कुमार, महासचिव राजपूत संजीव ठाकुर ने कहा कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय का स्टे है तब तक अनुबंध से वंचित पीटीए अध्यापकों को अनुबंध अध्यापकों के समान लाभ जैसे ग्रांट इन एड 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत कर दी जाए। आकस्मिक अवकाश 8 से 12 करने, 10 मेडिकल लीव देने, 5 विशेष अवकाश देने, मातृत्व अवकाश, छुट्टियों की ग्रांट देने, पूर्व
सरकार के समय षड्यंत्र के तहत हटाए गए पीटीए अध्यापकों को जल्द बहाल करने के साथ प्रदेश में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे 7000 पीटीए अध्यापकों के सशर्त नियमितीकरण की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की भी सरकार से मांग की है। पीटीए अध्यापकों को सेवाएं देते हुए 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। कई पीटीए अध्यापकों की आयु 50 वर्ष पार कर चुकी है।
शिक्षक संघ ने सरकार द्वारा 5 साल के सेवाकाल के बाद अनुबंध कर्मचारियों और 7 साल के सेवाकाल के बाद दिहाड़ीदारों को नियमित करने का स्वागत किया है। कहा कि 10 साल के सेवाकाल के बाद भी नियमित नहीं होने से पीटीए अध्यापक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। संघ ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि पीटीए शिक्षकों सहित उन पर आश्रित हजारों परिवारों के साथ न्याय करते हुए जल्द 7000 पीटीए शिक्षकों को सशर्त नियमित करके अपने वायदे को निभाएं।
स्कूलों में हो मुख्याध्यापकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती- प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में मुख्याध्यापकों और प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की गई है। हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक संवर्ग अधिकारी संघ की जिला ऊना में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में प्रदेश सरकार के समक्ष संघ ने यह मांग रखी है। बैठक की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष उधम सिंह ने की। इस अवसर पर स्कूलों में कर्मचारियों व अधिकारियों को पेश आ रही समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।
उधम सिंह गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार तदर्थ आधार पर पदोन्नत हुए प्रधानाचार्यों को नियमित करें तथा प्रधानाचार्यों की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोई बदलाव न किया जाए। इसके अलावा निरीक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर इंस्पेक्शन के रिक्त पदों को भरा जाए तथा मुख्याध्यापकों व प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरा जाए।
संघ ने सरकार व शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि प्रदेश में बोर्ड से जो किताबें आती हैं, उन्हें शीघ्र अति शीघ्र विद्यालयों में वितरित करवाने के आदेश किए जाएं ताकि विद्यालयों में पढ़ाई नियमित हो सके। नए स्तरोन्नत विद्यालयों में क्लर्क व चौकीदार के पद सृजित किए जाएं।
इस अवसर पर प्रदेश महासचिव राम कुमार, वरिष्ठ उपप्रधान सुरेंद्र वर्मा, सतीश शर्मा, वित्त सचिव धर्म सिंह, मंडी जिला के प्रधान राजेश गुप्ता, मुख्य सलाहकार राममूर्ति लट्ठ, ऊना के प्रधान मतेंद्र लठ्ठ, बिलासपुर के प्रधान ओम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
संघर्ष मंच के प्रदेशाध्यक्ष पंकज कुमार, महासचिव राजपूत संजीव ठाकुर ने कहा कि जब तक सर्वोच्च न्यायालय का स्टे है तब तक अनुबंध से वंचित पीटीए अध्यापकों को अनुबंध अध्यापकों के समान लाभ जैसे ग्रांट इन एड 90 प्रतिशत से 100 प्रतिशत कर दी जाए। आकस्मिक अवकाश 8 से 12 करने, 10 मेडिकल लीव देने, 5 विशेष अवकाश देने, मातृत्व अवकाश, छुट्टियों की ग्रांट देने, पूर्व
सरकार के समय षड्यंत्र के तहत हटाए गए पीटीए अध्यापकों को जल्द बहाल करने के साथ प्रदेश में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे 7000 पीटीए अध्यापकों के सशर्त नियमितीकरण की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की भी सरकार से मांग की है। पीटीए अध्यापकों को सेवाएं देते हुए 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। कई पीटीए अध्यापकों की आयु 50 वर्ष पार कर चुकी है।
शिक्षक संघ ने सरकार द्वारा 5 साल के सेवाकाल के बाद अनुबंध कर्मचारियों और 7 साल के सेवाकाल के बाद दिहाड़ीदारों को नियमित करने का स्वागत किया है। कहा कि 10 साल के सेवाकाल के बाद भी नियमित नहीं होने से पीटीए अध्यापक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। संघ ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि पीटीए शिक्षकों सहित उन पर आश्रित हजारों परिवारों के साथ न्याय करते हुए जल्द 7000 पीटीए शिक्षकों को सशर्त नियमित करके अपने वायदे को निभाएं।
स्कूलों में हो मुख्याध्यापकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती- प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में मुख्याध्यापकों और प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग की गई है। हिमाचल प्रदेश मुख्याध्यापक संवर्ग अधिकारी संघ की जिला ऊना में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक में प्रदेश सरकार के समक्ष संघ ने यह मांग रखी है। बैठक की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष उधम सिंह ने की। इस अवसर पर स्कूलों में कर्मचारियों व अधिकारियों को पेश आ रही समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया।
उधम सिंह गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार तदर्थ आधार पर पदोन्नत हुए प्रधानाचार्यों को नियमित करें तथा प्रधानाचार्यों की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में कोई बदलाव न किया जाए। इसके अलावा निरीक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए डिप्टी डायरेक्टर इंस्पेक्शन के रिक्त पदों को भरा जाए तथा मुख्याध्यापकों व प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों को भरा जाए।
संघ ने सरकार व शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि प्रदेश में बोर्ड से जो किताबें आती हैं, उन्हें शीघ्र अति शीघ्र विद्यालयों में वितरित करवाने के आदेश किए जाएं ताकि विद्यालयों में पढ़ाई नियमित हो सके। नए स्तरोन्नत विद्यालयों में क्लर्क व चौकीदार के पद सृजित किए जाएं।
इस अवसर पर प्रदेश महासचिव राम कुमार, वरिष्ठ उपप्रधान सुरेंद्र वर्मा, सतीश शर्मा, वित्त सचिव धर्म सिंह, मंडी जिला के प्रधान राजेश गुप्ता, मुख्य सलाहकार राममूर्ति लट्ठ, ऊना के प्रधान मतेंद्र लठ्ठ, बिलासपुर के प्रधान ओम प्रकाश सहित अन्य उपस्थित थे।
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