शिमला — प्रदेश में छात्रों को उच्च शिक्षा का बेहतर
विकल्प देने और छात्रों को उनके घर के नजदीक शिक्षा प्रदान करने का अवसर
देने के लिए सरकार ने तीन सालों में 36 नए कालेज खोले हैं। प्रदेश में
दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में कालेज तो खोले गए हैं, लेकिन इन कालेजों
में न तो शिक्षक हैं, न ही मूलभूत सुविधाएं।
यहां तक कि कुछ गिने-चुने विषयों पर ये कालेज चलाए जा रहे हैं। अब उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्र को भले ही नजदीक कालेज मिल रहा है, पर इसमें कुछ गिने-चुने विषय ही उसे पढ़ने का अवसर मिल रहा है। नए कालेजों के लिए भवन निर्माण सहित अन्य सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार ने पांच-पांच करोड़ की राशि देनी निर्धारित की है और नए कालेजों में शिक्षक भर्ती के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके अभी तक न तो शिक्षकों की भर्ती हो पाई है, न ही इन कालेजों में अपने भवन बन पाए हैं। नए कालेजों में केवल आर्ट्स विषय में पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, जियोग्राफी, हिंदी, इंग्लिश और कुछ में कॉमर्स विषय पढ़ने की सुविधा छात्रों को दी जा रही है। ऐसे में इन विषयों को पढ़ाने के लिए मात्र एक-एक शिक्षक कालेजों में तैनात किया गया है। यह शिक्षक भी उन कालेजों से इन नए खुले कालेजों में भेजे गए हैं, जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है। ऐसे में नए खुले कालेजों में शिक्षकों के पद भरने के लिए अन्य कालेजों से भी शिक्षकों के पद खाली किए जा रहे हैं। अभी तक हालात ये हैं कि नए खुले कुछ कालेजों में तो प्रिंसीपल तक के पद रिक्त पड़े हैं। हालांकि नए कालेज खोलने के साथ सरकार ने इन कालेजों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भरने की घोषणा की थी। इसके बावजूद अभी तक नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। हालात यह हैं कि प्रदेश में नण् संस्थान तो खोल दिए गए हैं, परंतु संस्थानों में शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ न होने से परेशानी हो रही है। खोले गए कालेजों में स्टाफ पूरा है नहीं और इसी सत्र और पांच नए कालेज खोलने की तैयारी की जा रही है। कालेजों में न तो पूरे कोर्स करवाए जा रहे हैं और न ही स्टाफ की कमी पूरी हो पा रही है। सरकार अगर इस पर ध्यान दे दे तो ग्रामीण छात्रों को पढ़ाई के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इतने नए कालेज
नए खुले कालेजों में कांगड़ा में छह, मंडी सात, कुल्लू में एक, सिरमौर में दो, शिमला में चार, सोलन में तीन और अन्य क्षेत्रों में भी कालेज खोले गए हैं।
जून में खुलेंगे पांच और कालेज
प्रदेश में इसी सत्र से पांच नए सरकारी डिग्री कालेज जून महीने से शुरू हो जाएंगे। जून माह में शैक्षणिक सत्र शुरू करने वाले हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, कुल्लू और चंबा में नए कालेज शामिल हैं। इन कालेजों में 90 टीचिंग और नॉन टीचिंग पद भरने की स्वीकृति भी मुख्यमंत्री ने दी है। मौजूदा समय में इन कालेजों में केवल प्रिंसीपलों की तैनाती की गई है।
बिना स्टाफ कैसे होंगे दाखिले
नए खुले कालेजों में जहां एक और शिक्षकों का अभाव है, वहीं नॉन टीचिंग स्टाफ न होने के चलते इन कालेजों में नए सत्र में प्रोस्पेक्टस बनाने के साथ-साथ प्रवेश प्रक्रिया किस तरह से पूरी होगी, इसे लेकर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यहां तक कि कुछ गिने-चुने विषयों पर ये कालेज चलाए जा रहे हैं। अब उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्र को भले ही नजदीक कालेज मिल रहा है, पर इसमें कुछ गिने-चुने विषय ही उसे पढ़ने का अवसर मिल रहा है। नए कालेजों के लिए भवन निर्माण सहित अन्य सुविधाओं के लिए प्रदेश सरकार ने पांच-पांच करोड़ की राशि देनी निर्धारित की है और नए कालेजों में शिक्षक भर्ती के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके अभी तक न तो शिक्षकों की भर्ती हो पाई है, न ही इन कालेजों में अपने भवन बन पाए हैं। नए कालेजों में केवल आर्ट्स विषय में पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, जियोग्राफी, हिंदी, इंग्लिश और कुछ में कॉमर्स विषय पढ़ने की सुविधा छात्रों को दी जा रही है। ऐसे में इन विषयों को पढ़ाने के लिए मात्र एक-एक शिक्षक कालेजों में तैनात किया गया है। यह शिक्षक भी उन कालेजों से इन नए खुले कालेजों में भेजे गए हैं, जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है। ऐसे में नए खुले कालेजों में शिक्षकों के पद भरने के लिए अन्य कालेजों से भी शिक्षकों के पद खाली किए जा रहे हैं। अभी तक हालात ये हैं कि नए खुले कुछ कालेजों में तो प्रिंसीपल तक के पद रिक्त पड़े हैं। हालांकि नए कालेज खोलने के साथ सरकार ने इन कालेजों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भरने की घोषणा की थी। इसके बावजूद अभी तक नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। हालात यह हैं कि प्रदेश में नण् संस्थान तो खोल दिए गए हैं, परंतु संस्थानों में शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ न होने से परेशानी हो रही है। खोले गए कालेजों में स्टाफ पूरा है नहीं और इसी सत्र और पांच नए कालेज खोलने की तैयारी की जा रही है। कालेजों में न तो पूरे कोर्स करवाए जा रहे हैं और न ही स्टाफ की कमी पूरी हो पा रही है। सरकार अगर इस पर ध्यान दे दे तो ग्रामीण छात्रों को पढ़ाई के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इतने नए कालेज
नए खुले कालेजों में कांगड़ा में छह, मंडी सात, कुल्लू में एक, सिरमौर में दो, शिमला में चार, सोलन में तीन और अन्य क्षेत्रों में भी कालेज खोले गए हैं।
जून में खुलेंगे पांच और कालेज
प्रदेश में इसी सत्र से पांच नए सरकारी डिग्री कालेज जून महीने से शुरू हो जाएंगे। जून माह में शैक्षणिक सत्र शुरू करने वाले हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, कुल्लू और चंबा में नए कालेज शामिल हैं। इन कालेजों में 90 टीचिंग और नॉन टीचिंग पद भरने की स्वीकृति भी मुख्यमंत्री ने दी है। मौजूदा समय में इन कालेजों में केवल प्रिंसीपलों की तैनाती की गई है।
बिना स्टाफ कैसे होंगे दाखिले
नए खुले कालेजों में जहां एक और शिक्षकों का अभाव है, वहीं नॉन टीचिंग स्टाफ न होने के चलते इन कालेजों में नए सत्र में प्रोस्पेक्टस बनाने के साथ-साथ प्रवेश प्रक्रिया किस तरह से पूरी होगी, इसे लेकर कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC