ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला प्रदेश विश्वविद्यालय को यूजीसी नैक टीम के निरीक्षण के बाद ए ग्रेड मिल जाने के बाद एचपीयू की गिनती देश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में होने लगी है। विश्वविद्यालय के 3 से 6 अक्तूबर तक ग्रेडिंग को निरीक्षण पर आई टीम ने कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी को सौंपी थी, उसे सार्वजनिक कर दिया गया है।
रिपोर्ट को कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने पढ़ कर सुनाया और टीम की ओर से विवि की बताई गई खूबियों और कमियों के साथ उसमें दी बताई गई चुनौतियों और सुझावों से अवगत करवाया। रिपोर्ट का विवि समुदाय को बेसब्री से इंतजार था। विवि की उपलब्धियों में विभागों में शिक्षकों के पद खाली होने के बावजूद शिक्षण कार्य के साथ किए गए शोध, पब्लिकेशन और अनुसंधान के कार्यों की सराहना की है।
इसे और बेहतर करने को विवि में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का सुझाव दिया है। विवि स्तर का सेंट्रल प्लेसमेंट सेल बनाने और मौजूदा जरूरतों को देख विवि के डिजिटाइजेशन और कंप्यूटराइजेशन की दिशा में भी आगे बढ़ने पर टीम ने जोर दिया है। विवि के शिक्षक, गैर शिक्षक श्रेणी के सभी पदों को भरकर छात्रों को बेहतर सुविधा और शिक्षा देने की बात कही है।
टीम ने विवि में चल रहे पाठ्यक्रमों और विभागों के मद्देनजर विवि कैंपस को छोटा पाया है। टीम ने विवि जैसे शैक्षणिक संस्थान में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने पर जोर देते हुए इसे चुनौती बताया है। टीम के दौरे के दौरान परिसर में लगातार रहे छात्र संगठन टकराव के माहौल को टीम ने इसे शैक्षणिक माहौल के मद्देनजर गंभीरता से लिया है।
विवि के लिए सबसे बड़ी और खुशी वाली बात यह है कि टीम ने दौरे में पाया कि विभागों में शिक्षकों की कमी और सीमित साधनों के बावजूद किए गए शोध, अनुसंधान के कार्यों की सराहना की है। शायद ही विवि की सबसे बड़ी ताकत भी बनी, जिसके बूते विवि को बी से ए ग्रेड मिला। नैक टीम ने यूजी के बाद अब पीजी में भी यूजीसी के आदेशों के मुताबिक रूसा सीबीसीएस को जल्द लागू किए जाने का सुझाव भी दिया है।
वहीं टीम ने विवि के नेतृत्व को संस्थान को विकास और गुणात्मक सुधार की दिशा में ले जाने के लिए सक्षम बताया है। जबकि विभागों खास तौर पर साइंस और शोध करवाने वाले संस्थानों के कार्य की सराहना रिपोर्ट में कर इसे और आगे ले जाने का सुझाव दिया गया है।
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रिपोर्ट को कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी ने पढ़ कर सुनाया और टीम की ओर से विवि की बताई गई खूबियों और कमियों के साथ उसमें दी बताई गई चुनौतियों और सुझावों से अवगत करवाया। रिपोर्ट का विवि समुदाय को बेसब्री से इंतजार था। विवि की उपलब्धियों में विभागों में शिक्षकों के पद खाली होने के बावजूद शिक्षण कार्य के साथ किए गए शोध, पब्लिकेशन और अनुसंधान के कार्यों की सराहना की है।
इसे और बेहतर करने को विवि में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का सुझाव दिया है। विवि स्तर का सेंट्रल प्लेसमेंट सेल बनाने और मौजूदा जरूरतों को देख विवि के डिजिटाइजेशन और कंप्यूटराइजेशन की दिशा में भी आगे बढ़ने पर टीम ने जोर दिया है। विवि के शिक्षक, गैर शिक्षक श्रेणी के सभी पदों को भरकर छात्रों को बेहतर सुविधा और शिक्षा देने की बात कही है।
टीम ने विवि में चल रहे पाठ्यक्रमों और विभागों के मद्देनजर विवि कैंपस को छोटा पाया है। टीम ने विवि जैसे शैक्षणिक संस्थान में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने पर जोर देते हुए इसे चुनौती बताया है। टीम के दौरे के दौरान परिसर में लगातार रहे छात्र संगठन टकराव के माहौल को टीम ने इसे शैक्षणिक माहौल के मद्देनजर गंभीरता से लिया है।
विवि के लिए सबसे बड़ी और खुशी वाली बात यह है कि टीम ने दौरे में पाया कि विभागों में शिक्षकों की कमी और सीमित साधनों के बावजूद किए गए शोध, अनुसंधान के कार्यों की सराहना की है। शायद ही विवि की सबसे बड़ी ताकत भी बनी, जिसके बूते विवि को बी से ए ग्रेड मिला। नैक टीम ने यूजी के बाद अब पीजी में भी यूजीसी के आदेशों के मुताबिक रूसा सीबीसीएस को जल्द लागू किए जाने का सुझाव भी दिया है।
वहीं टीम ने विवि के नेतृत्व को संस्थान को विकास और गुणात्मक सुधार की दिशा में ले जाने के लिए सक्षम बताया है। जबकि विभागों खास तौर पर साइंस और शोध करवाने वाले संस्थानों के कार्य की सराहना रिपोर्ट में कर इसे और आगे ले जाने का सुझाव दिया गया है।