हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते कई वर्षों से सेवाएं दे रहे 2555
एसएमसी शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने को सरकार जल्द नीति बनाएगी। ये
शिक्षक प्रदेश के उन दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं, जहां जाने से
नियमित शिक्षक कतराते रहे हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने उच्च शिक्षा
निदेशालय में हुई राज्य शिक्षक महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में
यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षकों के मामले पर मुख्यमंत्री
गंभीर है। जल्द इनके लिए नीति बनेगी
शिक्षा निदेशालय में महासंघ की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए शिक्षा मंत्री ने भाषा और शास्त्री शिक्षकों को जल्द टीजीटी पदनाम देने का एलान किया। शिक्षकों को 4-9-14 (वेतन वृद्धि) के वित्तीय लाभ देने के लिए विशेष कमेटी बनाने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि महासंघ के साथ 30 बिंदुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि जो मांगें पूरी की जा सकेंगी, उन पर जल्द काम होगा। कई मामले हल करने के लिए छह कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया। एक सप्ताह में ये कमेटियां रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
कार्यक्रम में निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा डॉ. पंकज ललित, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार ने की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति के लिए मुख्य अध्यापक और प्रधानाचार्य की दोनों ऑप्शन बहाल करने का आश्वासन दिया गया।
टीजीटी को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन लाने, केंद्र द्वारा टेट की वैधता की तर्ज पर प्रदेश में आजीवन करने, वोकेशनल ट्रेनर्स के लिए अवकाश के दौरान वेतन देने के साथ शिक्षा विभाग में समायोजित करने, 2016 के बाद प्रधानाचार्य को नियमित पदोन्नति का लाभ देने, 20 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी नीति बनाने, पीईटी से डीपीई के साथ मुख्याध्यापकों और प्रवक्ताओं को पदोन्नति देने, जेबीटी और सीएंडवी अध्यापकों की ट्रांसफर में लगी शर्त 3 वर्ष करने की मांग प्रमुखता से रखी गई है।
कंप्यूटर शिक्षकों को 31 दिसंबर तक सेवा विस्तार
आउटसोर्स पर नियुक्त 1321 कंप्यूटर शिक्षकों को 31 दिसंबर, 2021 तक सेवा विस्तार दिया गया। 31 जून, 2021 को इन शिक्षकों को नियुक्त करने वाली कंपनी का सेवाकाल समाप्त हो गया था। कंप्यूटर शिक्षक नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को शिक्षक महासंघ ने भी यह मांग उठाई।
शिक्षा निदेशालय में महासंघ की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए शिक्षा मंत्री ने भाषा और शास्त्री शिक्षकों को जल्द टीजीटी पदनाम देने का एलान किया। शिक्षकों को 4-9-14 (वेतन वृद्धि) के वित्तीय लाभ देने के लिए विशेष कमेटी बनाने का आश्वासन दिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि महासंघ के साथ 30 बिंदुओं पर चर्चा हुई। उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि जो मांगें पूरी की जा सकेंगी, उन पर जल्द काम होगा। कई मामले हल करने के लिए छह कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया। एक सप्ताह में ये कमेटियां रिपोर्ट विभाग को सौंपेंगी।
कार्यक्रम में निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा डॉ. पंकज ललित, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा भी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार ने की। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2010 से पहले नियुक्त टीजीटी को पदोन्नति के लिए मुख्य अध्यापक और प्रधानाचार्य की दोनों ऑप्शन बहाल करने का आश्वासन दिया गया।
टीजीटी को उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन लाने, केंद्र द्वारा टेट की वैधता की तर्ज पर प्रदेश में आजीवन करने, वोकेशनल ट्रेनर्स के लिए अवकाश के दौरान वेतन देने के साथ शिक्षा विभाग में समायोजित करने, 2016 के बाद प्रधानाचार्य को नियमित पदोन्नति का लाभ देने, 20 वर्षों से कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी नीति बनाने, पीईटी से डीपीई के साथ मुख्याध्यापकों और प्रवक्ताओं को पदोन्नति देने, जेबीटी और सीएंडवी अध्यापकों की ट्रांसफर में लगी शर्त 3 वर्ष करने की मांग प्रमुखता से रखी गई है।
कंप्यूटर शिक्षकों को 31 दिसंबर तक सेवा विस्तार
आउटसोर्स पर नियुक्त 1321 कंप्यूटर शिक्षकों को 31 दिसंबर, 2021 तक सेवा विस्तार दिया गया। 31 जून, 2021 को इन शिक्षकों को नियुक्त करने वाली कंपनी का सेवाकाल समाप्त हो गया था। कंप्यूटर शिक्षक नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। मंगलवार को शिक्षक महासंघ ने भी यह मांग उठाई।