ब्यूरो/अमर उजाला/ऊना सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी लगाने के लिए लगाई गईं बायोमीट्रिक मशीनें सही ढंग से न चलने के कारण शिक्षकों को हाजिरी लगाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह नेट न चलने के कारण मशीन काम नहीं कर रही है तो कई स्कूलों में मशीन शिक्षकों के फिंगर प्रिंट ही स्कैन नहीं कर पा रही है।
सरकारी स्कूलों में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीनों में पहले कर्मचारियों को अपना आधार कार्ड का नंबर भरना पड़ता है, उसके बाद उंगली पंच करनी पड़ती है। जानकारी के अनुसार दुलैहड़ स्कूल में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट स्कैन न होने के कारण शिक्षकों को अपनी हाजिरी लगाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल में हाजिरी लगाने के लिए लगाई गई मशीन सही ढंग से न चलने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि स्कूलों में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन में हाजिरी लगाने के लिए शिक्षक सुबह सवेरे ही लाइन में लग जाते हैं। मशीन में फिंगर प्रिंट सही तरीके से स्कैन न होने के कारण कर्मचारियों को करीब 10 से 15 मिनट तक हाजिरी लगाने के लिए खड़े रहना पड़ता है।
ऐसे में स्कूलों में सुबह के समय शिक्षकों को कक्षाओं में पहुंचने के लिए दिक्कत हो रही है। स्कूल प्रधानाचार्य सुभाष अग्निहोत्री ने माना है कि स्कूल में लगाई गई मशीन में शिक्षकों को हाजिरी लगाने के लिए परेशानी हो रही है। प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके स्कूल में लगभग 36 से अधिक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन स्कूल के कई कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट स्कैन नहीं कर रही है। प्रधानाचार्य ने कहा कि फिंगर प्रिंट स्कैन न होने पर शिक्षकों की स्कूल हाजिरी रजिस्टर पर ही लगाई जा रही है। उधर, उच्च शिक्षा उपनिदेशक भूप सिंह का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है, उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक मशीन में यदि कोई दिक्कत है तो उसे दुरुस्त करवाया जाएगा।
बायोमीट्रिक मशीन तीन तरह की हैं, जिनमें एक मशीन में मात्र अंगूठा पंच किया जाता है और एक बायोमीट्रिक मशीन में आधार कार्ड नंबर के आठ डिजिट भरने के बाद अंगूठा पंच करके हाजिरी लगाई जाती है। एक बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा पंच करने के साथ कर्मचारी की फोटो भी स्कैन होती है।
सरकारी स्कूलों में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीनों में पहले कर्मचारियों को अपना आधार कार्ड का नंबर भरना पड़ता है, उसके बाद उंगली पंच करनी पड़ती है। जानकारी के अनुसार दुलैहड़ स्कूल में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट स्कैन न होने के कारण शिक्षकों को अपनी हाजिरी लगाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्कूल में हाजिरी लगाने के लिए लगाई गई मशीन सही ढंग से न चलने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हैं कि स्कूलों में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन में हाजिरी लगाने के लिए शिक्षक सुबह सवेरे ही लाइन में लग जाते हैं। मशीन में फिंगर प्रिंट सही तरीके से स्कैन न होने के कारण कर्मचारियों को करीब 10 से 15 मिनट तक हाजिरी लगाने के लिए खड़े रहना पड़ता है।
ऐसे में स्कूलों में सुबह के समय शिक्षकों को कक्षाओं में पहुंचने के लिए दिक्कत हो रही है। स्कूल प्रधानाचार्य सुभाष अग्निहोत्री ने माना है कि स्कूल में लगाई गई मशीन में शिक्षकों को हाजिरी लगाने के लिए परेशानी हो रही है। प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके स्कूल में लगभग 36 से अधिक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में लगाई गई बायोमीट्रिक मशीन स्कूल के कई कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट स्कैन नहीं कर रही है। प्रधानाचार्य ने कहा कि फिंगर प्रिंट स्कैन न होने पर शिक्षकों की स्कूल हाजिरी रजिस्टर पर ही लगाई जा रही है। उधर, उच्च शिक्षा उपनिदेशक भूप सिंह का कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है, उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक मशीन में यदि कोई दिक्कत है तो उसे दुरुस्त करवाया जाएगा।
बायोमीट्रिक मशीन तीन तरह की हैं, जिनमें एक मशीन में मात्र अंगूठा पंच किया जाता है और एक बायोमीट्रिक मशीन में आधार कार्ड नंबर के आठ डिजिट भरने के बाद अंगूठा पंच करके हाजिरी लगाई जाती है। एक बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा पंच करने के साथ कर्मचारी की फोटो भी स्कैन होती है।