संवाद सहयोगी, तीसा : उपमंडल तीसा में बीते वर्ष एक अध्यापक द्वारा
स्कूल में छात्रा से अश्लील हरकतें करने के मामले में कोई कार्रवाई न होने
पर चाइल्डलाइन चंबा ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभाग
की ओर से एसएमसी के तहत उक्त शिक्षक को पास के ही एक स्कूल में तैनाती दे
दी गई है, ऐसे में विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्या बिना चरित्र प्रमाणपत्र जांचे शिक्षक की नियुक्ति की गई है।
चाइल्डलाइन चंबा के समन्वयक कपिल शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त 2016 को एक छात्रा ने चाइल्डलाइन चंबा के साथ मिलकर पुलिस थाना तीसा में स्कूल के भाषा अध्यापक द्वारा उससे अश्लील हरकतें करने का मामला दर्ज करवाया था।
इसके उपरांत चाइल्ड लाइन टीम ने गनेड़ स्कूल जाकर जब मामले की छानबीन की तो उन्हें पता चला कि आरोपी अध्यापक ने लगभग आधा दर्जन लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें की थी। पीड़ित छात्राओं ने यह भी बताया था कि जून 2016 में उन्होंने अध्यापक के विरुद्ध लिखित शिकायत भी मुख्याध्यापक को दी थी। जिस पर कारवाई करते हुए स्कूल प्रबंधन व एसएमसी ने 16 जुलाई 2016 को उसे स्कूल से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन उन पीड़ित छात्राओं में से एक छात्रा ने पुलिस में मामला दर्ज करवाने का निर्णय लिया तथा चाइल्ड लाइन के साथ मिलकर पुलिस थाना तीसा में शिकायत की जिस पर पुलिस ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व पोस्को एक्ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इसी बीच आरोपी अध्यापक ने उच्च न्यायालय से अपनी जमानत करवा ली। लेकिन हद तो तब हुई जब उक्त अध्यापक को इसी स्कूल के साथ लगते एक स्कूल में एसएमसी की ओर से नियुक्ति दे दी गई।
कपिल ने बताया कि एसएमसी और एसडीएम चुराह को इस बात की जानकारी कैसे नहीं लगी, जबकि यह मामला कई दिन समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित होता रहा। वहीं इतना संगीन आरोप लगने के बाद भी पुलिस द्वारा उसे चरित्र प्रमाणपत्र कैसे दे दिया गया।
इस मामले को लेकर 15 फरवरी 2017 को चाइल्डलाइन चंबा की टीम उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा से मिली थी और उन्हें इसकी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। इस पर उपायुक्त ने उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा के माध्यम से एसडीएम चुराह को आरोपी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। साथ ही पुलिस को आरोपी अध्यापक का चरित्र प्रमाणपत्र की जांच करने को भी कहा था।
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चाइल्डलाइन ने उपायुक्त को इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कारवाई करवाने के लिए आग्रह किया है। यदि जल्द ही आरोपी अध्यापक पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो चाइल्डलाइन इस मामले को लेकर महिला आयोग शिमला, राज्य बाल अधिकार आयोग तथा सचिव शिक्षा विभाग शिमला को सूचित करेगी और आरोपी अध्यापक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई करने की मांग करेगी।
-कपिल शर्मा, समन्वयक चाइल्डलाइन चंबा।
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इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर ही इस मामले के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
-हितेश आजाद, एसडीएम चुराह।
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इस मामले की जांच के लिए उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं एसडीएम चुराह को निर्देश दे दिए गए हैं।
-सुदेश मोख्टा, उपायुक्त चंबा।
क्या बिना चरित्र प्रमाणपत्र जांचे शिक्षक की नियुक्ति की गई है।
चाइल्डलाइन चंबा के समन्वयक कपिल शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त 2016 को एक छात्रा ने चाइल्डलाइन चंबा के साथ मिलकर पुलिस थाना तीसा में स्कूल के भाषा अध्यापक द्वारा उससे अश्लील हरकतें करने का मामला दर्ज करवाया था।
इसके उपरांत चाइल्ड लाइन टीम ने गनेड़ स्कूल जाकर जब मामले की छानबीन की तो उन्हें पता चला कि आरोपी अध्यापक ने लगभग आधा दर्जन लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें की थी। पीड़ित छात्राओं ने यह भी बताया था कि जून 2016 में उन्होंने अध्यापक के विरुद्ध लिखित शिकायत भी मुख्याध्यापक को दी थी। जिस पर कारवाई करते हुए स्कूल प्रबंधन व एसएमसी ने 16 जुलाई 2016 को उसे स्कूल से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन उन पीड़ित छात्राओं में से एक छात्रा ने पुलिस में मामला दर्ज करवाने का निर्णय लिया तथा चाइल्ड लाइन के साथ मिलकर पुलिस थाना तीसा में शिकायत की जिस पर पुलिस ने आरोपी अध्यापक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व पोस्को एक्ट की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इसी बीच आरोपी अध्यापक ने उच्च न्यायालय से अपनी जमानत करवा ली। लेकिन हद तो तब हुई जब उक्त अध्यापक को इसी स्कूल के साथ लगते एक स्कूल में एसएमसी की ओर से नियुक्ति दे दी गई।
कपिल ने बताया कि एसएमसी और एसडीएम चुराह को इस बात की जानकारी कैसे नहीं लगी, जबकि यह मामला कई दिन समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित होता रहा। वहीं इतना संगीन आरोप लगने के बाद भी पुलिस द्वारा उसे चरित्र प्रमाणपत्र कैसे दे दिया गया।
इस मामले को लेकर 15 फरवरी 2017 को चाइल्डलाइन चंबा की टीम उपायुक्त चंबा सुदेश मोख्टा से मिली थी और उन्हें इसकी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा था। इस पर उपायुक्त ने उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा के माध्यम से एसडीएम चुराह को आरोपी अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा था। साथ ही पुलिस को आरोपी अध्यापक का चरित्र प्रमाणपत्र की जांच करने को भी कहा था।
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चाइल्डलाइन ने उपायुक्त को इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कारवाई करवाने के लिए आग्रह किया है। यदि जल्द ही आरोपी अध्यापक पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो चाइल्डलाइन इस मामले को लेकर महिला आयोग शिमला, राज्य बाल अधिकार आयोग तथा सचिव शिक्षा विभाग शिमला को सूचित करेगी और आरोपी अध्यापक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई करने की मांग करेगी।
-कपिल शर्मा, समन्वयक चाइल्डलाइन चंबा।
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इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। जानकारी लेकर ही इस मामले के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
-हितेश आजाद, एसडीएम चुराह।
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इस मामले की जांच के लिए उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं एसडीएम चुराह को निर्देश दे दिए गए हैं।
-सुदेश मोख्टा, उपायुक्त चंबा।