19 हजार पद भरेगी सरकार विधानसभा चुनावों की आहट में सरकार ने हर वर्ग को दिल खोलकर तोहफे बांटे
हैं। चुनावों में कर्मचारी राजनीतिक पार्टियों की जीत और हार तय करने में
अहम भूमिका निभाते हैं। सरकार ने समिति संसाधनों के बावजूद भी हर वर्ग के
कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट पेश किया। इसमें कर्मचारियों के सभी वर्गों रेग्युलर कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, पार्टटाइम, आंगनबाड़ी, एसएमसी टीचर, एमडीएम वर्कर, सहित सभी वर्गों को तोहफे बांटे हैं। 2.50 लाख से ज्यादा रेग्युलर कर्मचारी प्रदेश में हैं। जबकि 1 लाख पेंशनर, 40 हजार से ज्यादा आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा कर उन्हें खुश करने की कोशिश की है।
डीएऔर आईआर ऐसे मिलेगा : मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित को सर्वोच्च स्थान देती है। उन्होंने कर्मचारियों को 1 जुलाई-2016 से नियमित कर्मचारियों को असंशोधित वेतन पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता (डीए) देने की घोषणा की है, जो जुलाई-2016 माह से दिए जा रहे 2 प्रतिशत महंगाई भत्ते के अतिरिक्त होगा। इस वृद्धि को अप्रैल-2017 के वेतन के साथ दिया जाएगा। महंगाई भत्ते की 3 प्रतिशत वृद्धि राज्य सरकार के पेंशनरों को भी दी जाएगी।
इससे सरकार पर 180 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने नियमित सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 4 प्रतिशत मूल वेतन/ मूल पेंशन पर 1 अगस्त-2017 से अंतरिम सहायता (आईआर) देने की घोषणा की है। इससे कर्मचारियों/पेंशनरों को प्रति वर्ष 260 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इस अंतरिम सहायता को राज्य सरकार द्वारा भविष्य में स्वीकार किए जाने वाले वेतन/पेंशन संशोधन में समायोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से सभी कर्मचारी एवं पेंशनर के चेहरे पर मुस्कान आएगी। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा रेग्युुलर कर्मचारी हैं और 1 लाख के करीब पेंशनर हैं जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।
कर्मचारियोंको नए आवास बनेंगे, पुरानों की रिपेयर : मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की समुचित आवासीय आवश्यकताओं से अवगत है। वर्तमान मकानों को भी रख-रखाव की आवश्यकता है। उन्होंने 45 करोड़ की राशि के सरकारी कर्मचारियों के नए आवास निर्माण की घोषणा की। सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ की राशि की घोषणा की है। उन्होंने तहसीलों/उप-तहसीलों और राजस्व भवनों के निर्माण के लिए 10 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित करने की घोषणा की है। राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स और स्कूलों में तैनात कंप्यूटर टीचरों के लिए सरकार ने पॉलिसी बनाने की घोषणा की है। एक महीने के भीतर कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर मुख्य धारा में जोड़ा जाएगा। प्रदेश में 40 हजार के करीब कर्मचारी आउटसोर्स आधार पर तैनात हैं। हालांकि सरकार ने घोषणा में इसका जिक्र नहीं किया है कि पॉलिसी में किस तरह के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। लेकिन सरकार की इस घोषणा से आउटसोर्स आधार पर तैनात कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश के स्कूलों में 1500 के करीब कंप्यूटर टीचर कार्यरत हैं। सरकार इनके लिए भी पॉलिसी बनाने जा रही है। ये पहला मौका है जब बजट में इनके लिए पॉलिसी बनाने की घोषणा के साथ इसे टाइम बाउंड किया गया है।
कैपिटल, चिकित्सा भत्ता बढ़ा
मुख्यमंत्रीने नियमित कर्मचारियों/पेंशनरों के चिकित्सा भत्ते को 350 से 400 प्रति माह बढ़ाने की घोषणा की है। राजधानी भत्ते को 275 से बढ़ाकर 400 प्रति माह किया जाएगा। कर्मचारियों के जन-जातीय भत्ते को 300 से बढ़ाकर 450 प्रति माह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों के राशन भत्ते की दर को भी 180 से बढ़ाकर 210 प्रति माह तक बढ़ाने की घोषणा की है। चतुर्थ श्रेणी के धुलाई भत्ते को 30 से बढ़ाकर 60 प्रतिमाह किया जाएगा।
अस्थाई कर्मियों का वेतन बढ़ा
30हजार से ज्यादा अस्थाई कर्मी
को सरकार ने को चुनावी साल में खुश करने का प्रयास किया है। सरकार ने हर वर्ग के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। जल गार्डों के मानदेय को 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। पंचायत चौकीदारों का सहायता अनुदान 2050 से बढ़ाकर 2350 प्रति माह किया जाएगा और ग्राम पंचायत की सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय 2300 से 2600 प्रतिमाह बढ़ाया जाएगा।
सिलाई अध्यापिकाएं रेग्युुलर
ग्रामीणविकास विभाग द्वारा नियुक्त की गई सिलाई अध्यापिकाओं को भी सरकार ने नियमिति करण का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की इन अध्यापिकाओं को पात्रता अनुसार नियमित किया जाएगा। आशाकार्यकर्ताओंको उनके कार्यकलापों के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अब उन्हें कम से कम 1000 की प्रोत्साहन राशि प्रतिमाह दी जाएगी।
200 बढ़ा एमडीएम का वेतन
मिडडे मील योजना (एमडीएम) योजना के तहत स्कूलों में तैनात रसोइया एवं सहायकों के मानदेय में भी बढ़ोतरी कर उन्हें खुश करने की कोशिश की है। भारत सरकार द्वारा इन्हें 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाता है। सरकार इसमें 200 रुपए प्रतिमाह अपने बजट से देगी। इससे इन्हें 1200 रुपए प्रतिमाह मिलेगा। इस घोषणा का लाभ 22,500 व्यक्तियों को मिलेगा।
दिहाड़ी में ~ 10 की बढ़ोतरी
राज्यमें 50 हजार के करीब डेलीवेजर यानि दिहाड़ीदारों को खुश करने का प्रयास सरकार ने बजट में किया है। उनकी दिहाड़ी को 200 रुपए से बढ़ाकर 210 रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकार के कार्यकाल में चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी 150 से बढ़ाकर 200 की गई है। दैनिक दिहाड़ी को 210 तक बढ़ाया जाएगा जिससे 300 प्रतिमाह का लाभ होगा।
{36,800 महिला कर्मियों को ये लाभ
राज्यसरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर चुनावी साल में लुभाने का प्रयास किया है। प्रदेश में 36000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त मानदेय को 450 से बढ़ाकर 1000 अौर सहायकों के अतिरिक्त मानदेय को 300 से बढ़ाकर 600 करने की घोषणा की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 4050 और सहायकों का 2100 रुपए मानदेय हो जाएगा। इन्हें पहले 3500 और सहायिकाओं का 1800 रुपए मानदेय मिलता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आईसीडीएस योजना के तहत तय किए हुए मानदेय के अतिरिक्त भी प्रदेश सरकार मानदेय दे रही है।
{ सिर्फ 30 फीसदी बढ़ेगा वेतन
राज्यके स्कूलों स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के तहत तैनात शिक्षकों को झटका लगा है। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों के पारिश्रमिक में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। शिक्षक स्थाई पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एसएमसी शिक्षकों के कार्यक्रम में उनके लिए पॉलिसी बनाने की घोषणा की भी थी। लेकिन वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में उनके लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। प्रदेश में 3500 के करीब एसएमसी शिक्षक कार्यरत हैं। सरकार ने इनके एनुअल कांट्रेक्ट को पहले रिन्यू नहीं किया था। तीस फीसदी की बढ़ोतरी होने से शिक्षकों के वेतन में 1000 से लेकर 5 हजार तक का लाभ होगा। कैटेगरी के हिसाब से वेतन में बढ़ोतरी होगी।
{अनुमानित बढ़ोतरी 1 से 3 हजार
मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी अनुबंध आधार पर हैं। चुनावी साल में सरकार ने इनके ग्रेड पे को 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। ग्रेड पे में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होने से अनुबंध कर्मचारियों के मासिक वेतन में 1 हजार से 3 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद अनुबंध कर्मचारियों के लिए वित्तीय लाभ दिए हैं। उन्होंने कहा कि अनुबंध कर्मचारियों के वेतन में ग्रेड-पे के 50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में इसे बढ़ाकर ग्रेड-पे का 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इस घोषणा से 40 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट पेश किया। इसमें कर्मचारियों के सभी वर्गों रेग्युलर कर्मचारी, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, पार्टटाइम, आंगनबाड़ी, एसएमसी टीचर, एमडीएम वर्कर, सहित सभी वर्गों को तोहफे बांटे हैं। 2.50 लाख से ज्यादा रेग्युलर कर्मचारी प्रदेश में हैं। जबकि 1 लाख पेंशनर, 40 हजार से ज्यादा आउट सोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा कर उन्हें खुश करने की कोशिश की है।
डीएऔर आईआर ऐसे मिलेगा : मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हित को सर्वोच्च स्थान देती है। उन्होंने कर्मचारियों को 1 जुलाई-2016 से नियमित कर्मचारियों को असंशोधित वेतन पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता (डीए) देने की घोषणा की है, जो जुलाई-2016 माह से दिए जा रहे 2 प्रतिशत महंगाई भत्ते के अतिरिक्त होगा। इस वृद्धि को अप्रैल-2017 के वेतन के साथ दिया जाएगा। महंगाई भत्ते की 3 प्रतिशत वृद्धि राज्य सरकार के पेंशनरों को भी दी जाएगी।
इससे सरकार पर 180 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने नियमित सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 4 प्रतिशत मूल वेतन/ मूल पेंशन पर 1 अगस्त-2017 से अंतरिम सहायता (आईआर) देने की घोषणा की है। इससे कर्मचारियों/पेंशनरों को प्रति वर्ष 260 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इस अंतरिम सहायता को राज्य सरकार द्वारा भविष्य में स्वीकार किए जाने वाले वेतन/पेंशन संशोधन में समायोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से सभी कर्मचारी एवं पेंशनर के चेहरे पर मुस्कान आएगी। प्रदेश में ढाई लाख से ज्यादा रेग्युुलर कर्मचारी हैं और 1 लाख के करीब पेंशनर हैं जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।
कर्मचारियोंको नए आवास बनेंगे, पुरानों की रिपेयर : मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की समुचित आवासीय आवश्यकताओं से अवगत है। वर्तमान मकानों को भी रख-रखाव की आवश्यकता है। उन्होंने 45 करोड़ की राशि के सरकारी कर्मचारियों के नए आवास निर्माण की घोषणा की। सरकारी आवासों की मरम्मत के लिए 20 करोड़ की राशि की घोषणा की है। उन्होंने तहसीलों/उप-तहसीलों और राजस्व भवनों के निर्माण के लिए 10 करोड़ का बजट परिव्यय प्रस्तावित करने की घोषणा की है। राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स और स्कूलों में तैनात कंप्यूटर टीचरों के लिए सरकार ने पॉलिसी बनाने की घोषणा की है। एक महीने के भीतर कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर मुख्य धारा में जोड़ा जाएगा। प्रदेश में 40 हजार के करीब कर्मचारी आउटसोर्स आधार पर तैनात हैं। हालांकि सरकार ने घोषणा में इसका जिक्र नहीं किया है कि पॉलिसी में किस तरह के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। लेकिन सरकार की इस घोषणा से आउटसोर्स आधार पर तैनात कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश के स्कूलों में 1500 के करीब कंप्यूटर टीचर कार्यरत हैं। सरकार इनके लिए भी पॉलिसी बनाने जा रही है। ये पहला मौका है जब बजट में इनके लिए पॉलिसी बनाने की घोषणा के साथ इसे टाइम बाउंड किया गया है।
कैपिटल, चिकित्सा भत्ता बढ़ा
मुख्यमंत्रीने नियमित कर्मचारियों/पेंशनरों के चिकित्सा भत्ते को 350 से 400 प्रति माह बढ़ाने की घोषणा की है। राजधानी भत्ते को 275 से बढ़ाकर 400 प्रति माह किया जाएगा। कर्मचारियों के जन-जातीय भत्ते को 300 से बढ़ाकर 450 प्रति माह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों के राशन भत्ते की दर को भी 180 से बढ़ाकर 210 प्रति माह तक बढ़ाने की घोषणा की है। चतुर्थ श्रेणी के धुलाई भत्ते को 30 से बढ़ाकर 60 प्रतिमाह किया जाएगा।
अस्थाई कर्मियों का वेतन बढ़ा
30हजार से ज्यादा अस्थाई कर्मी
को सरकार ने को चुनावी साल में खुश करने का प्रयास किया है। सरकार ने हर वर्ग के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। जल गार्डों के मानदेय को 200 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। पंचायत चौकीदारों का सहायता अनुदान 2050 से बढ़ाकर 2350 प्रति माह किया जाएगा और ग्राम पंचायत की सिलाई अध्यापिकाओं का मानदेय 2300 से 2600 प्रतिमाह बढ़ाया जाएगा।
सिलाई अध्यापिकाएं रेग्युुलर
ग्रामीणविकास विभाग द्वारा नियुक्त की गई सिलाई अध्यापिकाओं को भी सरकार ने नियमिति करण का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की इन अध्यापिकाओं को पात्रता अनुसार नियमित किया जाएगा। आशाकार्यकर्ताओंको उनके कार्यकलापों के आधार पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। अब उन्हें कम से कम 1000 की प्रोत्साहन राशि प्रतिमाह दी जाएगी।
200 बढ़ा एमडीएम का वेतन
मिडडे मील योजना (एमडीएम) योजना के तहत स्कूलों में तैनात रसोइया एवं सहायकों के मानदेय में भी बढ़ोतरी कर उन्हें खुश करने की कोशिश की है। भारत सरकार द्वारा इन्हें 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाता है। सरकार इसमें 200 रुपए प्रतिमाह अपने बजट से देगी। इससे इन्हें 1200 रुपए प्रतिमाह मिलेगा। इस घोषणा का लाभ 22,500 व्यक्तियों को मिलेगा।
दिहाड़ी में ~ 10 की बढ़ोतरी
राज्यमें 50 हजार के करीब डेलीवेजर यानि दिहाड़ीदारों को खुश करने का प्रयास सरकार ने बजट में किया है। उनकी दिहाड़ी को 200 रुपए से बढ़ाकर 210 रुपए किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकार के कार्यकाल में चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी 150 से बढ़ाकर 200 की गई है। दैनिक दिहाड़ी को 210 तक बढ़ाया जाएगा जिससे 300 प्रतिमाह का लाभ होगा।
{36,800 महिला कर्मियों को ये लाभ
राज्यसरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के मानदेय में बढ़ोतरी कर चुनावी साल में लुभाने का प्रयास किया है। प्रदेश में 36000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त मानदेय को 450 से बढ़ाकर 1000 अौर सहायकों के अतिरिक्त मानदेय को 300 से बढ़ाकर 600 करने की घोषणा की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 4050 और सहायकों का 2100 रुपए मानदेय हो जाएगा। इन्हें पहले 3500 और सहायिकाओं का 1800 रुपए मानदेय मिलता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आईसीडीएस योजना के तहत तय किए हुए मानदेय के अतिरिक्त भी प्रदेश सरकार मानदेय दे रही है।
{ सिर्फ 30 फीसदी बढ़ेगा वेतन
राज्यके स्कूलों स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के तहत तैनात शिक्षकों को झटका लगा है। राज्य सरकार ने एसएमसी शिक्षकों के पारिश्रमिक में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। शिक्षक स्थाई पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एसएमसी शिक्षकों के कार्यक्रम में उनके लिए पॉलिसी बनाने की घोषणा की भी थी। लेकिन वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में उनके लिए कोई घोषणा नहीं की गई है। प्रदेश में 3500 के करीब एसएमसी शिक्षक कार्यरत हैं। सरकार ने इनके एनुअल कांट्रेक्ट को पहले रिन्यू नहीं किया था। तीस फीसदी की बढ़ोतरी होने से शिक्षकों के वेतन में 1000 से लेकर 5 हजार तक का लाभ होगा। कैटेगरी के हिसाब से वेतन में बढ़ोतरी होगी।
{अनुमानित बढ़ोतरी 1 से 3 हजार
मुख्यमंत्रीवीरभद्र सिंह ने अनुबंध कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश में 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी अनुबंध आधार पर हैं। चुनावी साल में सरकार ने इनके ग्रेड पे को 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। ग्रेड पे में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होने से अनुबंध कर्मचारियों के मासिक वेतन में 1 हजार से 3 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद अनुबंध कर्मचारियों के लिए वित्तीय लाभ दिए हैं। उन्होंने कहा कि अनुबंध कर्मचारियों के वेतन में ग्रेड-पे के 50 प्रतिशत की वृद्धि की थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में इसे बढ़ाकर ग्रेड-पे का 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इस घोषणा से 40 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।