- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: जावड़ेकर ने आरयूएसए अभियान का पोर्टल और मोबाइल एप करेंगे लॉन्च जावड़ेकर ने आरयूएसए अभियान का पोर्टल और मोबाइल एप करेंगे लॉन्च

जावड़ेकर ने आरयूएसए अभियान का पोर्टल और मोबाइल एप करेंगे लॉन्च

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वाधान में सोमवार को  राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान पर अपना खुद का पोर्टल और मोबाइल एप लॉन्च करेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कल यहां नई दिल्ली में इसे लॉन्च करेंगे।
बताया जा रहा है कि यह पोर्टल राज्यों की उच्चतर शिक्षा योजनाओं, राज्यों की उच्चतर शिक्षा परिषदों के निर्णयों एवं इन योजनाओं के तहत संसाधनों के बटवारे से संबंधित एक वन स्टॉप योजना है। इसके अतिरिक्त, यह गैलरी आरयूएसए के तहत शुरू की गई परियोजनाओं का एक समृद्ध संग्रह भी है। दरअसल लॉन्च के मौके पर उपस्थित रहने वाले व्यक्तियों के अतिरिक्त इस अवसर पर 12 राज्यों के शिक्षा मंत्री, सचिव, आरयूएसए के नोडल अधिकारी मौजूद रहेंगे। अन्य व्यक्ति डिजिटल प्रसारण के माध्यम से लॉन्च का अवलोकन करेंगे।  कल डिजिटल तरीके से 17 आरयूएसए की परियोजनाओं को भी लॉन्च किया जाएगा। इनमें जम्मू एवं कश्मीर में एक कलस्टर विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय में खुफिया प्रणालियों के लिए आरयूएसए केन्द्र पर सूक्ष्म एटीएम सुविधा, केरल के कलाडी में श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा सुविधा, झारखंड के घाटशिला महाविद्यालय में भाषा प्रयोगशालाएं शामिल हैं। कहा जा रहा है कि जावड़ेकर केंद्र प्रायोजित इस योजना के लिए फंड एवं रिफॉर्म ट्रैकर को भी लॉन्च करेंगे। मोबाइल एप्लीकेशन सुनिश्चित करेगा कि आरयूएसए के तहत सभी परियोजनाओं की 24 घंटे ट्रैकिंग हो सके। दरअसल राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने इस योजना के प्रति बहुत अच्छी प्रतिक्रिया जताई है; 29 राज्य और 6 केन्द्र शासित प्रदेश आरयूएसए में भाग ले रहे हैं। अभी तक 2000 से अधिक राज्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने इसका समर्थन किया है। आरयूएसए के लॉन्च से पहले राष्ट्रीय जीईआर 20.8 (2012) था जिसमें पुरुष जीईआर 22.1, महिला जीईआर 19.4 था। आरयूएसए सहायता जीईआर में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण रही है। राष्ट्रीय जीईआर में 24.5 की एक उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है, जिसमें 2015-16 में पुरुष जीईआर 25.4 एवं महिला जीईआर 23.5 रही है। लेकिन पूरे भारत वर्ष में हजारों वर्ग कक्षाओं के भीतर एक बार फिर से शिक्षण - अध्ययन को पुनः जीवित किया गया है। आरयूएसए के तहत भर्तियों पर प्रतिबंध को हटाने तथा रिक्त स्थानों को भरने के प्रति राज्यों द्वारा की गयी प्रतिबद्धताओं को देखते हुए कई राज्यों ने रिक्त संकाय पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। राज्य बेहतर तरीके से अपने शिक्षा परिव्यय की योजना भी बना रहे हैं। आरयूएसए के गठन से पहले 9 राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों का सृजन विधायिका के एक अधिनियम द्वारा किया गया था। राज्य एक प्रतिबद्धता के तहत आरयूएसए में शामिल हुए जिससे कि उनके द्वारा निर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों का सृजन किया जा सके। आज की तारीख तक 21 और अधिक राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों ने पहले ही एक कार्यकारी आदेश के जरिए राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों का गठन कर दिया गया है तथा पांच और राज्यों ने विधायिका के एक अधिनियम के जरिए राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों की स्थापना की है। अभी तक 36 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में से दिल्ली एवं लक्षद्वीप को छोड़कर 34 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपनी उच्चतर शिक्षा योजना प्रस्तुत कर दी है। प्रत्येक राज्य को उनके प्रमुख हितधारकों के परामर्श से एक व्यापक राज्य उच्चतर शिक्षा योजना तैयार करना है।
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