शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में पहली से
पांचवी कक्षाओं को पढ़ा रहे सैंकड़ों अस्थाई शिक्षकों को एनआईओएस ने बड़ी
राहत दी है। डीएलएड कोर्स करने के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों की
वेरीफिकेशन की तारीख को बढ़ा दिया है।
वेरीफिकेशन की अंतिम तारीख तीस नवंबर रखी गई थी, लेकिन कई शिक्षकों की वेरीफीकेशन नहीं हो पाने के कारण उनका डीएलएड में प्रवेश पक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी, जिसे देखते हुए आईओएस ने वेरीफिकेशन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर रखी गई है।
डीएलएड के लिए आवेदन करने वालों में से 861 शिक्षकों की वेरिफिकेशन नहीं हो पाई थी। आवेदन करने के लिए तीस नवंबर को अंतिम दिन था, लेकिन कई प्रिंसिपलों ने 861 शिक्षकों की वेरीफिकेशन ही नही की थी। ऐसे में इन शिक्षकों को डीएलएड कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। डीएलएड कोर्स करने के लिए 9634अप्रशिक्षित शिक्षकों ने डीएलएड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था। इसमें से 8773 शिक्षकों का डीएलएड कोर्स में प्रवेश पुख्ता हो चुका है, लेकिन 861 शिक्षकों का प्रवेश में वेरीफिकेशन का पेंच पड़ गया था। अब वेरीफिकेशन की तारीख बढऩे के साथ ही इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि डीएलएड के बिना कोई भी शिक्षक पहली से पांचवी कक्षा को नहीं पढ़ा सकेगा।
डीएलएड के लिए केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को सूबे के कई सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों के ऐसे शिक्षकों को यह कोर्स करना अनिवार्य किया गया है।
बयान....
एनआईओएस ने वेरीफिकेशन की तरीख को बढ़ा कर 15 दिसंबर कर दिया गया है।
31 मार्च, 2019 के बाद सरकारी और निजी स्कूलों में डीएलएड किए बिना कोई भी शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को नहीं पढ़ा सकेगा।
-मनमोहन शर्मा, निदेशक निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग।
वेरीफिकेशन की अंतिम तारीख तीस नवंबर रखी गई थी, लेकिन कई शिक्षकों की वेरीफीकेशन नहीं हो पाने के कारण उनका डीएलएड में प्रवेश पक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी, जिसे देखते हुए आईओएस ने वेरीफिकेशन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर रखी गई है।
डीएलएड के लिए आवेदन करने वालों में से 861 शिक्षकों की वेरिफिकेशन नहीं हो पाई थी। आवेदन करने के लिए तीस नवंबर को अंतिम दिन था, लेकिन कई प्रिंसिपलों ने 861 शिक्षकों की वेरीफिकेशन ही नही की थी। ऐसे में इन शिक्षकों को डीएलएड कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। डीएलएड कोर्स करने के लिए 9634अप्रशिक्षित शिक्षकों ने डीएलएड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवाया था। इसमें से 8773 शिक्षकों का डीएलएड कोर्स में प्रवेश पुख्ता हो चुका है, लेकिन 861 शिक्षकों का प्रवेश में वेरीफिकेशन का पेंच पड़ गया था। अब वेरीफिकेशन की तारीख बढऩे के साथ ही इन शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि डीएलएड के बिना कोई भी शिक्षक पहली से पांचवी कक्षा को नहीं पढ़ा सकेगा।
डीएलएड के लिए केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को सूबे के कई सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों के ऐसे शिक्षकों को यह कोर्स करना अनिवार्य किया गया है।
बयान....
एनआईओएस ने वेरीफिकेशन की तरीख को बढ़ा कर 15 दिसंबर कर दिया गया है।
31 मार्च, 2019 के बाद सरकारी और निजी स्कूलों में डीएलएड किए बिना कोई भी शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को नहीं पढ़ा सकेगा।
-मनमोहन शर्मा, निदेशक निदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग।