ब्यूरो/अमर उजाला, शिमला प्रिंसिपलों की लापरवाही से प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 861 अप्रशिक्षित शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन के लिए नामांकन करवा चुके इन शिक्षकों की निर्धारित तारीख तक स्कूल प्रिंसिपलों ने सत्यापन नहीं किया है।
30 नवंबर सत्यापन की आखिरी तारीख थी। स्कूल प्रिंसिपलों को सत्यापन करने के लिए निदेशालय ने कई बार आगाह किया था, बावजूद इसके लापरवाही बरती गई। अगर एनआईओएस ने सत्यापन की तारीख नहीं बढ़ाई तो 861 अप्रशिक्षित शिक्षकों की मार्च 2019 में सरकारी सेवाओं से छुट्टी हो जाएगी।
स्कूल प्रिंसिपलों को ऑनलाइन ही सत्यापन करना है। प्राइमरी कक्षाएं पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार डीएलएड करना अनिवार्य किया है। 31 मार्च 2019 के बाद सरकारी और निजी स्कूलों में डीएलएड किए बिना कोई भी शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को नहीं पढ़ा सकेगा।
30 नवंबर सत्यापन की आखिरी तारीख थी। स्कूल प्रिंसिपलों को सत्यापन करने के लिए निदेशालय ने कई बार आगाह किया था, बावजूद इसके लापरवाही बरती गई। अगर एनआईओएस ने सत्यापन की तारीख नहीं बढ़ाई तो 861 अप्रशिक्षित शिक्षकों की मार्च 2019 में सरकारी सेवाओं से छुट्टी हो जाएगी।
स्कूल प्रिंसिपलों को ऑनलाइन ही सत्यापन करना है। प्राइमरी कक्षाएं पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार डीएलएड करना अनिवार्य किया है। 31 मार्च 2019 के बाद सरकारी और निजी स्कूलों में डीएलएड किए बिना कोई भी शिक्षक प्राथमिक कक्षाओं को नहीं पढ़ा सकेगा।