दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों की अब
हर महीने हाजिरी रिपोर्ट राजधानी शिमला स्थित उच्च शिक्षा निदेशालय में
भेजनी होगी। शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने को शिक्षा
निदेशालय ने यह फैसला लिया है।
संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा ने प्रदेश के दूरदराज और पिछडे़ क्षेत्रों के
स्थित स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को आदेश जारी कर शिक्षकों की
नियमित हाजिरी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं।
आदेशों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी आदेशों के तहत दूरदराज और पिछड़ा क्षेत्रों में नियुक्त शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियमित हाजिरी सुनिश्चित बनाने के लिए सशक्त प्रणाली तैयार करने को भी कहा है।
संयुक्त निदेशक सोनिया ठाकुर की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि स्कूलों-कॉलेजों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रिंसिपल हाजिरी की लगातार मानीटरिंग करें।
स्टाफ को अनुशासन में रखने के लिए सख्त आदेश दें। हर महीने हाजिरी की रिपोर्ट को शिमला भेजा जाए। प्रदेश के सामान्य क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय बायोमीट्रिक मशीनें लगाने जा रहा है।
शिक्षा निदेशालय ने स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलेपमेंट कारपोरेशन को मशीनों की खरीद का जिम्मा सौंपा है। पहले चरण में जिला मुख्यालय और उपमंडल स्तर पर स्थित स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जानी हैं।
600 एसएमसी शिक्षकों को नहीं मिली एक्सटेंशन
शीतकालीन स्कूलों में तैनात करीब 600 पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षकों को सरकार ने स्कूल खुलने के बाद भी एक्सटेंशन नहीं दी है। सरकार ने इन शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए एक साल का कांट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया है।
एक्सटेंशन न मिलने से शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया है कि सरकार से अभी एक्सटेंशन की मंजूरी नहीं मिली है। शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों के एसएमसी शिक्षकों का 31 दिसंबर, 2017 को एक साल का कांट्रेक्ट समाप्त हो चुका है।
प्रदेश में करीब 1500 एसएमसी शिक्षक हैं। दूरदराज के स्कूलों में इन शिक्षकों को नियुक्तियां दी गई हैं। जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक जाने से गुरेज करते हैं वहां एसएमसी शिक्षकों के सहारे ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इन शिक्षकों के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल कांट्रेक्ट रिन्यू करता है।
शीतकालीन स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले 600 शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 दिसंबर को समाप्त हो गया है। जबकि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आठवीं तक पढ़ाने वाले और पूरे प्रदेश में नवीं से जमा दो कक्षा तक पढ़ाने वाले 900 एसएमसी शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 मार्च, 2018 को समाप्त होगा।
इस बारे में एसएमसी शिक्षक संघ के महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा है कि इस मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। शिक्षकों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीते दिनों एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से भी मुलाकात की थी। शिक्षा मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है।
आदेशों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी आदेशों के तहत दूरदराज और पिछड़ा क्षेत्रों में नियुक्त शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियमित हाजिरी सुनिश्चित बनाने के लिए सशक्त प्रणाली तैयार करने को भी कहा है।
संयुक्त निदेशक सोनिया ठाकुर की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि स्कूलों-कॉलेजों में शिक्षकों और गैर शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रिंसिपल हाजिरी की लगातार मानीटरिंग करें।
स्टाफ को अनुशासन में रखने के लिए सख्त आदेश दें। हर महीने हाजिरी की रिपोर्ट को शिमला भेजा जाए। प्रदेश के सामान्य क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय बायोमीट्रिक मशीनें लगाने जा रहा है।
शिक्षा निदेशालय ने स्टेट इलेक्ट्रानिक डेवलेपमेंट कारपोरेशन को मशीनों की खरीद का जिम्मा सौंपा है। पहले चरण में जिला मुख्यालय और उपमंडल स्तर पर स्थित स्कूलों में बायोमीट्रिक मशीनें लगाई जानी हैं।
600 एसएमसी शिक्षकों को नहीं मिली एक्सटेंशन
शीतकालीन स्कूलों में तैनात करीब 600 पीरियड बेसिस एसएमसी शिक्षकों को सरकार ने स्कूल खुलने के बाद भी एक्सटेंशन नहीं दी है। सरकार ने इन शिक्षकों का शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए एक साल का कांट्रेक्ट रिन्यू नहीं किया है।
एक्सटेंशन न मिलने से शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा ने बताया है कि सरकार से अभी एक्सटेंशन की मंजूरी नहीं मिली है। शीतकालीन छुट्टियों वाले स्कूलों के एसएमसी शिक्षकों का 31 दिसंबर, 2017 को एक साल का कांट्रेक्ट समाप्त हो चुका है।
प्रदेश में करीब 1500 एसएमसी शिक्षक हैं। दूरदराज के स्कूलों में इन शिक्षकों को नियुक्तियां दी गई हैं। जिन स्कूलों में नियमित शिक्षक जाने से गुरेज करते हैं वहां एसएमसी शिक्षकों के सहारे ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इन शिक्षकों के साथ शिक्षा निदेशालय हर साल कांट्रेक्ट रिन्यू करता है।
शीतकालीन स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले 600 शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 दिसंबर को समाप्त हो गया है। जबकि ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आठवीं तक पढ़ाने वाले और पूरे प्रदेश में नवीं से जमा दो कक्षा तक पढ़ाने वाले 900 एसएमसी शिक्षकों का कांट्रेक्ट 31 मार्च, 2018 को समाप्त होगा।
इस बारे में एसएमसी शिक्षक संघ के महासचिव मनोज रौंगटा ने कहा है कि इस मामले को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। शिक्षकों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीते दिनों एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से भी मुलाकात की थी। शिक्षा मंत्री ने सकारात्मक आश्वासन दिया है।