अमर उजाला ब्यूरो कुल्लू। हिमाचल बोर्ड से मान्यता प्राप्त राज्य निजी
स्कूल संघ ने शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा विस अध्यक्ष राजीव
बिंदल को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान संघ ने निजी स्कूलों पेश आ
रही समस्याओं को सीएम के समक्ष रखा और उचित कार्रवाई अमल पर लाने की गुहार
लगाई। सीएम ने जायज मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया।
कुल्लू से निजी स्कूल संगठन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ठाकुर, महासचिव गणेश भारद्वाज, स्टेट डेलीगेट डॉ निरंजन देव शर्मा, मोती लाल शर्मा और महासचिव गणेश भारद्वाज ने कहा कि मांगपत्र राज्य अध्यक्ष जगदीश ठाकुर और पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर की अगुवाई में दिया गया। मांगपत्र में हर साल के बजाए 10 बाद नवीनीकरण तथा फीस लेना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम का विभागों द्वारा पालन न करना, छात्रों को बस पास न मिलना, स्कूल बस पर पैसेंजर टैक्स थोपना, किताबों को लेकर विभाग व बोर्ड का बंधन, पांचवीं और आठवीं के वार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र विभाग द्वारा जारी करना, हर साल भवन सुरक्षा तथा हर दूसरे साल अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य भर में 3500 निजी स्कूलों में तीन लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। हजारों लोगों को बिना किसी सरकारी मदद से रोजगार दिया गया है। हर साल बोर्ड परीक्षाओं में निजी स्कूल बेहतरीन परिणाम देते आए हैं। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इसके बावजूद निजी स्कूलों की छवि लगातार खराब करने की कोशिश की जाती है जो शिक्षकों व संचालकों को पीड़ा देती है।
स्कूल संचालकों ने मांग उठाई कि बच्चों के साथ यह सौतेला व्यवहार कतई मंजूर नहीं है। मीडिया को भी धैर्य से काम लेते हुए बेहतरीन कार्य कर रहे निजी स्कूलों की छवि ठीक करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
कुल्लू से निजी स्कूल संगठन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ठाकुर, महासचिव गणेश भारद्वाज, स्टेट डेलीगेट डॉ निरंजन देव शर्मा, मोती लाल शर्मा और महासचिव गणेश भारद्वाज ने कहा कि मांगपत्र राज्य अध्यक्ष जगदीश ठाकुर और पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर की अगुवाई में दिया गया। मांगपत्र में हर साल के बजाए 10 बाद नवीनीकरण तथा फीस लेना, शिक्षा के अधिकार अधिनियम का विभागों द्वारा पालन न करना, छात्रों को बस पास न मिलना, स्कूल बस पर पैसेंजर टैक्स थोपना, किताबों को लेकर विभाग व बोर्ड का बंधन, पांचवीं और आठवीं के वार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र विभाग द्वारा जारी करना, हर साल भवन सुरक्षा तथा हर दूसरे साल अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य भर में 3500 निजी स्कूलों में तीन लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। हजारों लोगों को बिना किसी सरकारी मदद से रोजगार दिया गया है। हर साल बोर्ड परीक्षाओं में निजी स्कूल बेहतरीन परिणाम देते आए हैं। बैठक में यह भी चर्चा हुई कि इसके बावजूद निजी स्कूलों की छवि लगातार खराब करने की कोशिश की जाती है जो शिक्षकों व संचालकों को पीड़ा देती है।
स्कूल संचालकों ने मांग उठाई कि बच्चों के साथ यह सौतेला व्यवहार कतई मंजूर नहीं है। मीडिया को भी धैर्य से काम लेते हुए बेहतरीन कार्य कर रहे निजी स्कूलों की छवि ठीक करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।