राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षक
कर्मचारियों की संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले वीरवार को एक घंटे
प्रदर्शन किया। इसमें संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष सहित अन्य सभी सदस्य
धरने पर बैठे। इसके अतिरिक्त 1:30 बजे परिसर में गेट मीटिंग का आयोजन भी
किया गया, जिसमें समस्त कर्मचारी समुदाय ने भाग लिया।
गेट मीटिंग को अध्यक्ष बिपन कुमार के अतिरिक्त कार्यकारिणी परिषद सदस्य राजकुमारी, पूर्व कोर्ट सदस्य तेज राम शर्मा व नरेश कुमार शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी संघ के अध्यक्ष देवीराम वर्मा, महेश कुमार, मदन गोपाल शर्मा व संदेश कुमार ने संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने सेवानिवृत्त वित्त अधिकारी की पुनर्नियुक्ति को निरस्त करने एवं संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा सौंपे गए 15 सूत्रीय माग पत्र को जल्द पूरा करने की माग उठाई। कर्मचारी वर्ग रूसा को लेकर भी लगातार कई महीनों से संघर्ष कर रहा है। प्रशासन के ढिलमुल रवैये की वजह से आज विवि बंद होने के कगार पर खड़ा है। विवि में गैर-शिक्षकों की भारी कमी चल रही है और लगभग 300 पद रिक्त हैं। इन पदों के कार्य का अतिरिक्त बोझ कर्मचारियों पर पड़ा है जिसके फलस्वरूप कर्मचारी मानसिक तनाव में रहते हैं। उन्होंने प्रशासन को चेताया है कि एक सप्ताह के अंदर यदि उक्त नियुक्ति को निरस्त नहीं किया जाता तो कर्मचारी परिसर में उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे जिसके दूसरे चरण में सोमवार को परिसर में समस्त कर्मचारी समुदाय द्वारा मास धरना दिया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। इसके साथ-साथ संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने आंदोलन के पहले चरण में वर्क-टू-रूल कार्य करने का फैसला भी जारी रखा है जिसके तहत कर्मचारी दस से पांच बजे तक ही कार्य कर रहे है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
गेट मीटिंग को अध्यक्ष बिपन कुमार के अतिरिक्त कार्यकारिणी परिषद सदस्य राजकुमारी, पूर्व कोर्ट सदस्य तेज राम शर्मा व नरेश कुमार शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी संघ के अध्यक्ष देवीराम वर्मा, महेश कुमार, मदन गोपाल शर्मा व संदेश कुमार ने संबोधित किया। कर्मचारी नेताओं ने सेवानिवृत्त वित्त अधिकारी की पुनर्नियुक्ति को निरस्त करने एवं संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा सौंपे गए 15 सूत्रीय माग पत्र को जल्द पूरा करने की माग उठाई। कर्मचारी वर्ग रूसा को लेकर भी लगातार कई महीनों से संघर्ष कर रहा है। प्रशासन के ढिलमुल रवैये की वजह से आज विवि बंद होने के कगार पर खड़ा है। विवि में गैर-शिक्षकों की भारी कमी चल रही है और लगभग 300 पद रिक्त हैं। इन पदों के कार्य का अतिरिक्त बोझ कर्मचारियों पर पड़ा है जिसके फलस्वरूप कर्मचारी मानसिक तनाव में रहते हैं। उन्होंने प्रशासन को चेताया है कि एक सप्ताह के अंदर यदि उक्त नियुक्ति को निरस्त नहीं किया जाता तो कर्मचारी परिसर में उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे जिसके दूसरे चरण में सोमवार को परिसर में समस्त कर्मचारी समुदाय द्वारा मास धरना दिया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। इसके साथ-साथ संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने आंदोलन के पहले चरण में वर्क-टू-रूल कार्य करने का फैसला भी जारी रखा है जिसके तहत कर्मचारी दस से पांच बजे तक ही कार्य कर रहे है।
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