मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि ड्यूटी में कोताही बरतने वाले अध्यापकों को बिना नोटिस तुरंत बर्खास्त किया जाएगा। उन्होंने फरलू बाज शिक्षकों को आगाह किया कि सरकारी कर्मचारी की अपेक्षा शिक्षकों को मिशन बेस कार्य करने की जरूरत है।
प्रदेश में निरीक्षण निदेशालय का गठन किया जाएगा। निदेशालय यह भी निश्चित करेगा कि अध्यापक अपना कार्य पूरे समर्पण भाव से कर रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निदेशालय की ओर से नियमित तौर पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण और निगरानी की जाएगी।
कहा कि बहुत दुख होता है, जब सरकारी स्कूलों के रिजल्ट अच्छे नहीं आते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को पढ़ाई करवाकर अच्छा रिजल्ट लाना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सोमवार को सोलन जिले की अर्की तहसील के भूमति में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमति के 70वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की और शैक्षणिक व अन्य संबद्ध गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को पुरस्कार वितरित किए। कहा कि अध्यापकों की जिम्मेदारी एक सामान्य सरकारी कर्मचारी से अधिक है।
उन्हें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि उन पर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। यह उनके लिए केवल सामान्य ड्यूटी का हिस्सा न होकर एक मिशन से भी कहीं अधिक है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
प्रदेश में निरीक्षण निदेशालय का गठन किया जाएगा। निदेशालय यह भी निश्चित करेगा कि अध्यापक अपना कार्य पूरे समर्पण भाव से कर रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए निदेशालय की ओर से नियमित तौर पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण और निगरानी की जाएगी।
कहा कि बहुत दुख होता है, जब सरकारी स्कूलों के रिजल्ट अच्छे नहीं आते हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को पढ़ाई करवाकर अच्छा रिजल्ट लाना प्रत्येक शिक्षक का दायित्व है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सोमवार को सोलन जिले की अर्की तहसील के भूमति में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमति के 70वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की और शैक्षणिक व अन्य संबद्ध गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों को पुरस्कार वितरित किए। कहा कि अध्यापकों की जिम्मेदारी एक सामान्य सरकारी कर्मचारी से अधिक है।
उन्हें इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि उन पर विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास की एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। यह उनके लिए केवल सामान्य ड्यूटी का हिस्सा न होकर एक मिशन से भी कहीं अधिक है।
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