हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
प्रदेश में पैट, पैरा और पीटीए जैसे अस्थायी शिक्षकों की पक्की नियुक्ति की राह थोड़ी आसान हुई है। सुप्रीमकोर्ट में चल रहे पंकज कुमार बनाम प्रदेश सरकार केस के राज्य सरकार इन अस्थायी शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला नहीं ले पा रही थी। सोमवार को याचिकाकर्ता पंकज कुमार ने सरकार के खिलाफ दायर यह केस वापस ले लिया है। पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के अध्यक्ष बोबिल ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में पंकज कुमार द्वारा केस वापस लेने के बाद 5500 शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है। बताया जा रहा है कि 13 फरवरी को पंकज कुमार ने कोर्ट में केस वापस लेने की याचिका दायर की थी। जिनकी सुनवाई में सोमवार को अदालत में के स वापस ले लिया गया है। अब इस कदम से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। गौर हो कि वर्ष 2011 में पंकज कुमार ने अस्थायी नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश हाइकोर्ट ने याचिका दायर की थी।
प्रदेश अनुबंध पीटीए शिक्षक संघ का कहना है कि कोर्ट में अब संबंधित केस के साथ प्रदेश के तीन और मामले लगे हैं। जिन पर सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुनाना है। संघ का कहना है कि अब प्रदेश सरकार से आग्रह है कि सरकार शिक्षकों के हित में आगामी कदम उठाएगी। संघ के मुताबिक पंकज का सीधा केस पीटीए के उपर था इसलिए शिक्षक अब प्रदेश सरकार से पक्की नियुक्ति की उम्मीद कर सकते हैं।
प्रदेश में पैट, पैरा और पीटीए जैसे अस्थायी शिक्षकों की पक्की नियुक्ति की राह थोड़ी आसान हुई है। सुप्रीमकोर्ट में चल रहे पंकज कुमार बनाम प्रदेश सरकार केस के राज्य सरकार इन अस्थायी शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला नहीं ले पा रही थी। सोमवार को याचिकाकर्ता पंकज कुमार ने सरकार के खिलाफ दायर यह केस वापस ले लिया है। पीटीए अनुबंध शिक्षक संघ के अध्यक्ष बोबिल ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट में पंकज कुमार द्वारा केस वापस लेने के बाद 5500 शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया है। बताया जा रहा है कि 13 फरवरी को पंकज कुमार ने कोर्ट में केस वापस लेने की याचिका दायर की थी। जिनकी सुनवाई में सोमवार को अदालत में के स वापस ले लिया गया है। अब इस कदम से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। गौर हो कि वर्ष 2011 में पंकज कुमार ने अस्थायी नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश हाइकोर्ट ने याचिका दायर की थी।
तीन शिक्षकों ने अलग-अलग केस में कोर्ट में फिर से याचिका दायर की
बताया जा रहा है कि इस याचिका में प्रदेश सरकार के साथ साथ पैरा अध्यापक, ग्रामीण विद्या उपासक, पीटीए और पैट अध्यापकों को पार्टी बनाया था। उसके बाद प्रदेश हाइकोर्ट ने पैरा शिक्षकों की पक्की नियुक्ति, पीटीए को अनुबंध और पैट को नियमित करने के फैसले पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद तीन शिक्षकों ने अलग- अलग केस में कोर्ट में फिर से याचिका दायर की थी। इस दौरान शिक्षकों के हित में फैसला आया। बताया जा रहा है कि शिक्षकों के हित में फैसला आने के बाद पंकज कु मार ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।प्रदेश अनुबंध पीटीए शिक्षक संघ का कहना है कि कोर्ट में अब संबंधित केस के साथ प्रदेश के तीन और मामले लगे हैं। जिन पर सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुनाना है। संघ का कहना है कि अब प्रदेश सरकार से आग्रह है कि सरकार शिक्षकों के हित में आगामी कदम उठाएगी। संघ के मुताबिक पंकज का सीधा केस पीटीए के उपर था इसलिए शिक्षक अब प्रदेश सरकार से पक्की नियुक्ति की उम्मीद कर सकते हैं।