शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के 13 हजार
से अधिक अस्थायी शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। याचिकाकर्ता पंकज कुमार
ने सुप्रीमकोर्ट से केस वापस ले लिया है। कोर्ट ने सोमवार को उनकी याचिका
निरस्त कर दी है। इससे पीटीए शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो गया
है। हालांकि पैट और पैरा के केस की तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन केस
निरस्त होने से इनको भी राहत मिलने की उम्मीद बंधी है।
प्रदेश में करीब सात हजार पीटीए शिक्षक
हैं। पंकज कुमार की याचिका पर इनके नियमितीकरण पर सुप्रीमकोर्ट ने 2015 में
रोक लगा दी थी। पंकज ने 2013 में अस्थायी शिक्षकों को हाईकोर्ट में चुनौती
दी थी। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। 2014 में कोर्ट ने इन
शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया, लेकिन पंकज ने फैसले को सुप्रीमकोर्ट में
चुनौती दी। सुप्रीमकोर्ट से रोक लगने के बाद पीटीए, पैरा, पैट शिक्षक
नियमित नहीं हो पाए थे। करीब 2200 पैरा शिक्षक कोर्ट का आदेश आने से पहले
नियमित हुए थे, लेकिन करीब 99 शिक्षक नियमितीकरण से वंचित रह गए थे। साढ़े
तीन हजार पैट भी नियमित नहीं हो पाए थे।
कोर्ट की रोक से अनुबंध पर भी नहीं आए
कोर्ट की रोक के कारण डेढ़ हजार
पीटीए शिक्षक अनुबंध पर आने से वंचित रह गए थे, जबकि बाकी अनुबंध पर आ
गए थे। लेकिन अनुबंध वाले बाद में नियमित नहीं हो पाए।
-हाईकोर्ट ने दिया था शिक्षकों के पक्ष में फैसला, अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ
-पैरा और पैट की तस्वीर साफ नहीं, केस वापसी से बंधी राहत मिलने की उम्मीद
पीटीए शिक्षकों के खिलाफ कोर्ट में याचिका
दायर करने वाले पंकज कुमार ने केस वापस ले लिया है। कोर्ट ने याचिका
निरस्त कर दी है। सरकार अब शिक्षकों को नियमित कर सकती है।
-अमित मुखिया, उपाध्यक्ष पीटीए, अनुबंध शिक्षक संघ।