संवाद सहयोगी, सुंदरनगर : प्रदेश में तीन हजार के करीब विज्ञान
अध्यापकों को नियुक्ति की तिथि से नियमित करने समेत अन्य वित्तीय व
पदोन्नति लाभ नहीं दिया जा रहे हैं। इसके विरोध में प्रदेश विज्ञान अध्यापक
संघ बिखर गया है।
संघ ने रविवार को इस संबंध में सुंदरनगर में अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें विज्ञान शिक्षकों की समस्याओं व मुद्दों को सरकार से पूरा करने की मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि 2008 में अनुबंध पर नियुक्त विज्ञान शिक्षकों को पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियम के तहत नियुक्त किया है। सरकार इन्हें नियुक्ति की तिथि से नियमित करे क्योंकि नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम पॉलिसी 22 अक्टूबर 2009 को अधिकारिक तौर पर स्वीकृत हुई है, लेकिन 2008 में नियुक्त शिक्षकों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसे विज्ञान अध्यापक संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जेबीटी व सीएंडवी से पदोन्नत होकर जो शिक्षक टीजीटी लगे हैं वह स्वयं को सीनियर मान रहे हैं, जबकि उनकी पदोन्नति 2012 में हुई है और 2008 से लेकर 2012 के बीच के इतने लंबे अंतराल में इस काडर के विज्ञान शिक्षक किस तरह से कनिष्ठ हो सकते हैं। संघ ने विज्ञान प्रयोग भत्ता 150 से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की मांग उठाई है। सभी विज्ञान संकाय पर स्कूलों में जीव विज्ञान विषय भी लागू किए हैं क्योंकि बहुत सी पाठशालाएं बिना जीव विज्ञान के चल रही हैं।
इस अवसर पर जिला महामंत्री जय ¨सह ठाकुर, उपाध्यक्ष सुनील कुमार, अशोक वालिया, पूजा वैद्य, राकेश ठाकुर, राजीव ठाकुर, भूप ¨सह सैनी, सुंदरनगर के अध्यक्ष रविकांत, बल्ह खंड के अध्यक्ष लवलीन, प्रवीण प्ररासर, चांदराम, देवेंद्र पाल, देवराज राजपूत, इंद्रजीत ¨सह ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।
संघ ने रविवार को इस संबंध में सुंदरनगर में अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें विज्ञान शिक्षकों की समस्याओं व मुद्दों को सरकार से पूरा करने की मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि 2008 में अनुबंध पर नियुक्त विज्ञान शिक्षकों को पुराने भर्ती एवं पदोन्नति नियम के तहत नियुक्त किया है। सरकार इन्हें नियुक्ति की तिथि से नियमित करे क्योंकि नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम पॉलिसी 22 अक्टूबर 2009 को अधिकारिक तौर पर स्वीकृत हुई है, लेकिन 2008 में नियुक्त शिक्षकों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इसे विज्ञान अध्यापक संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जेबीटी व सीएंडवी से पदोन्नत होकर जो शिक्षक टीजीटी लगे हैं वह स्वयं को सीनियर मान रहे हैं, जबकि उनकी पदोन्नति 2012 में हुई है और 2008 से लेकर 2012 के बीच के इतने लंबे अंतराल में इस काडर के विज्ञान शिक्षक किस तरह से कनिष्ठ हो सकते हैं। संघ ने विज्ञान प्रयोग भत्ता 150 से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की मांग उठाई है। सभी विज्ञान संकाय पर स्कूलों में जीव विज्ञान विषय भी लागू किए हैं क्योंकि बहुत सी पाठशालाएं बिना जीव विज्ञान के चल रही हैं।
इस अवसर पर जिला महामंत्री जय ¨सह ठाकुर, उपाध्यक्ष सुनील कुमार, अशोक वालिया, पूजा वैद्य, राकेश ठाकुर, राजीव ठाकुर, भूप ¨सह सैनी, सुंदरनगर के अध्यक्ष रविकांत, बल्ह खंड के अध्यक्ष लवलीन, प्रवीण प्ररासर, चांदराम, देवेंद्र पाल, देवराज राजपूत, इंद्रजीत ¨सह ठाकुर व अन्य मौजूद रहे।