- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: हिमाचल सरकार ने बदले नियम, अब अपने बच्चे की पढ़ाई से पास होंगे गुरुजी हिमाचल सरकार ने बदले नियम, अब अपने बच्चे की पढ़ाई से पास होंगे गुरुजी

हिमाचल सरकार ने बदले नियम, अब अपने बच्चे की पढ़ाई से पास होंगे गुरुजी

शिमला, राज्य ब्यूरो। राज्य शिक्षक पुरस्कार के चाहिए तो शिक्षक को अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना होगा। प्रदेश सरकार ने राज्य शिक्षक पुरस्कार देने के नियमों में बदलाव किया है। पुरस्कार प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को अंकों की लड़ाई भी लड़नी होगी। जो शिक्षक नियमों और शर्तों पर आधारित सबसे अधिक अंक प्राप्त करेगा सरकार उसे राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करेगी।

इसके लिए सरकार ने टेलीशीट तैयार की है। इसमें स्कूल के परीक्षा परिणाम के साथ खेल प्रतियोगिताओं
के आधार पर अंक निर्धारित किए हैं। इसी में एक शर्त है कि शिक्षक को अपने बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाने होंगे। यह शर्त पूरा करने वाले को टेलीशीट में पांच अंक मिलेंगे। दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों के शिक्षकों को पुरस्कार के लिए नियमों में छूट दी है। ऐसे शिक्षकों को आवेदन के लिए गृहक्षेत्र से 15 किमी की दूरी की शर्त को घटा 10 किमी कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा।

ऐसे मिलेंगे अंक
स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर पांच अतिरिक्त अंक मिलेंगे। इसमें 5 से 1 विद्यार्थी बढ़ने पर दो  व 11 से 25 विद्यार्थी बढ़ाने पर तीन अंक दिए जाएंगे। शिक्षक जिस कक्षा को पढ़ा रहे हैं उसके बच्चे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो सात अंक, यदि कोई छात्र जिलास्तर पर पुरस्कार प्राप्त करता है तो उसके तीन अंक, राज्यस्तर पर विजेता के पांच अंक और राष्ट्रीय स्तर पर विजेता रहने वाले छात्र के सात अंक दिए जाएंगे। यदि किसी शिक्षक का कोई लेख किसी समाचार पत्र, पत्रिका और जर्नल में छपा है तो उसके पांच अंक दिए जाएंगे।

31 जुलाई तक करना होगा आवेदन
शिक्षक पुरस्कार के लिए 31 जुलाई तक आवेदन होंगे। इसके बाद जिला कमेटी आवेदनों की छंटनी करेगी। राज्य

शिक्षक पुरस्कार पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर दिया जाता है। पहले यह पुरस्कार 24 शिक्षकों को दिया जाता
था। अब यह 27 शिक्षकों को दिया जाएगा। राज्य शिक्षक पुरस्कार के नियमों में बदलाव स्वागत योग्य कदम है। यह अच्छा निर्णय है। जो शिक्षक काम करेगा वही पुरस्कार का हकदार होगा।

-जेएस बेदी, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ।
जो शिक्षक काम करेंगे उन्हें ही पुरस्कार मिलेगा। स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने, गुणात्मक शिक्षा देने में निर्णय मील का पत्थर साबित होगा।

-चमन लाल, अध्यक्ष सीएंडवी अध्यापक संघ।
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