संवाद सहयोगी, पालमपुर : हिमाचल प्रदेश अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने स्कूलों
में एसएमसी के तहत शिक्षकों की भर्ती का विरोध किया है। मोर्चा के प्रदेश
अध्यक्ष प्रवीण कुमार व महासचिव भरत भूषण ने कहा कि इससे शिक्षकों को ¨जदगी
भर प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।
सरकार का एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने का निर्णय प्रदेश, छात्र व शिक्षक हित में नहीं है। इससे पहले भी ऐसी भर्तियों के तहत लगे शिक्षक मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। यही नहीं, राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भर्ती हुए शिक्षकों को भी प्रताड़ित होना पड़ रहा है। इन्हें सरकारें आज तक एक पॉलिसी का हिस्सा नहीं मानती हैं। अनुबंध पर रखे गए शिक्षकों को अलग-अलग अंतराल में नियमित कर प्रताड़ित किया गया। एसएमसी से की जा रही भर्ती में घोषणा के अनुसार किसी तरह के मापदंड तय नहीं हैं। इसे काम चलाऊ भर्ती कहा जा रहा है। इससे शिक्षा का स्तर उठने वाला नहीं है। यह निर्णय पढ़े-लिखे बेरोजगारों के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। प्रदेश में रोजगार कार्यालयों की स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि पंजीकृत बेरोजगारों के नाम मंगवाकर नियमों के अनुसार भर्ती हो सके व सभी को बराबर रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें। मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति अगर खराब है तो सरकार कम मानदेय पर ही रोजगार कार्यालयों से नाम मंगवाकर शिक्षक भर्ती करे, ताकि नियुक्त होने वाले शिक्षक अपने शिक्षण कार्य को ईमानदारी व स्वतंत्र रूप से कर पाएं और उन्हें मानसिक प्रताड़ना न मिले।
सरकार का एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने का निर्णय प्रदेश, छात्र व शिक्षक हित में नहीं है। इससे पहले भी ऐसी भर्तियों के तहत लगे शिक्षक मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। यही नहीं, राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भर्ती हुए शिक्षकों को भी प्रताड़ित होना पड़ रहा है। इन्हें सरकारें आज तक एक पॉलिसी का हिस्सा नहीं मानती हैं। अनुबंध पर रखे गए शिक्षकों को अलग-अलग अंतराल में नियमित कर प्रताड़ित किया गया। एसएमसी से की जा रही भर्ती में घोषणा के अनुसार किसी तरह के मापदंड तय नहीं हैं। इसे काम चलाऊ भर्ती कहा जा रहा है। इससे शिक्षा का स्तर उठने वाला नहीं है। यह निर्णय पढ़े-लिखे बेरोजगारों के सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है। प्रदेश में रोजगार कार्यालयों की स्थापना इस उद्देश्य से हुई थी कि पंजीकृत बेरोजगारों के नाम मंगवाकर नियमों के अनुसार भर्ती हो सके व सभी को बराबर रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकें। मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति अगर खराब है तो सरकार कम मानदेय पर ही रोजगार कार्यालयों से नाम मंगवाकर शिक्षक भर्ती करे, ताकि नियुक्त होने वाले शिक्षक अपने शिक्षण कार्य को ईमानदारी व स्वतंत्र रूप से कर पाएं और उन्हें मानसिक प्रताड़ना न मिले।