प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के मामले में
प्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष को व्यक्तिगत शपथ
पत्र के माध्यम से यह बताने को कहा कि शिक्षकों के पदों को भरने के लिए
कितने दिनों में चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। न्यायालय ने एक सप्ताह के
भीतर यह शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं।
न्यायालय को आयोग की ओर से यह बताया गया कि भाषा अध्यापक के 122, ड्राइंग
मास्टर के 77 और शास्त्री के 234 पदों को भरने के लिए सरकार को सिफारिश भेज
दी गई है। अब राज्य सरकार द्वारा इन पदों को भरने के लिए नियुक्ति दी जानी
है।
प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह इस बाबत जल्द से जल्द जरूरी प्रक्रिया संपन्न कर लें। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए।
पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष कोर्ट मित्र ने बताया था कि शिक्षा सचिव द्वारा दायर किए शपथ पत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक नहीं है। विशेषतया जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की तैनाती विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से होगी।
प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह इस बाबत जल्द से जल्द जरूरी प्रक्रिया संपन्न कर लें। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए।
पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष कोर्ट मित्र ने बताया था कि शिक्षा सचिव द्वारा दायर किए शपथ पत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक नहीं है। विशेषतया जब शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों की तैनाती विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से होगी।