शिमला-राज्य के सरकारी
स्कूलों में तैनात शिक्षक ही अब चाइल्ड काउंसलर का कार्य करेंगे। यानी कि
छात्रों को पहले से तैनात शिक्षक ही बैड व गुड टच के बारे में जागरूक
करेंगे। स्कूलों में फिलहाल अभी चाइल्ड काउंसलर के नए पद नहीं भरे जाएंगे,
जबकि शिक्षा विभाग ने केंद्रीय स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में
चाइल्ड काउंसलर के पद भरने की मांग सरकार से की थी।
बाकायदा सरकार को
शिक्षा विभाग ने प्रोपोजल भी भेजा था। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली
जानकारी के अनुसार सरकार ने विभाग को प्रोपोजल का कोई जवाब नहीं दिया है।
हालांकि शिक्षा अधिकारियों को सरकार से यह जवाब जरूर मिला है कि इतने
स्कूलों में चाइल्ड काउंसलर के पदों को भरना संभव नहीं है। बता दें कि
सरकारी स्कूलों में छेड़खानी के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए ही अभिभावकों
की मांग पर शिक्षा विभाग ने चाइल्ड काउंसलर के पद अलग से भरने का फैसला
लिया था, लेकिन एक साथ इतने चाइल्ड काउंसलर के पद भरना कमीशन के माध्यम से
संभव नहीं है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अगर चाइल्ड
काउंसलर्ज के पद भरे भी जाते हैं, तो हर जिले के स्कूलों में में दो चाइल्ड
काउंसलर के पदों को सृजत किया जाएगा। हालांकि अभी शिक्षा विभाग ने डाइट
केंद्रों में शिक्षकों को ही गुड व बैड टच पर ट्रेनिंग दी है। शिक्षक ही नए
सत्र से स्कूलों में छात्रों को गुड टच व बैड टच के बारे में बताएंगे। इस
दौरान छात्रों को यह भी बताया जाएगा कि अगर कोई उनके साथ बैड टच करता है,
या फिर छेड़खानी करता है, तो ऐसी सूरत में उन्हें कहां शिकायत करनी चाहिए,
इस बारे में भी बताया जाएगा। शिक्षा विभाग ने तय किया है कि एक दिन में एक
घंटा छात्रों को इस बारे में काउंसिलिंग की जानी चाहिए। इस दौरान शिक्षा
विभाग हर छह माह बाद स्कूलों से रिपोर्ट भी तलब करेगा।
नए सत्र में सिलेबस के साथ पढ़ाई
नए सत्र से लाखों छात्रों को गुड टच व बेड
टच पर सिलेबस के साथ पढ़ाया जाएंगा। इस दौरान छात्राओं की अलग से काउसलिंग
का प्रावधान भी होगा। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस पर
शिक्षा विभाग हर छः माह बाद स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब करेंगा। बताया जा
रहा है कि जो शिक्षक छात्रों की काउसलिंग करेंगे, उन में से 200 शिक्षकों
को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। यह शिक्षक सिलेबस के साथ गुड व बेड टच के बारे
में बताएंगे।