- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: Jai Ram Thakur की शिक्षकों को सलाह, युवा विज्ञान पुरस्कार योजना के तहत 46 पुरस्कृत Jai Ram Thakur की शिक्षकों को सलाह, युवा विज्ञान पुरस्कार योजना के तहत 46 पुरस्कृत

Jai Ram Thakur की शिक्षकों को सलाह, युवा विज्ञान पुरस्कार योजना के तहत 46 पुरस्कृत

 शिमला। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने आज यहां हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् द्वारा आयोजित युवा विज्ञान पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में विद्यार्थियों को विज्ञान विषय को अपनाकर उन्हें अनुसंधान के लिए प्रेरित करने के लिए युवा विज्ञान पुरस्कार योजना (Yuva Vigyan Puraskar Yojana) की शुरूआत की थी। सीएम ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 में 47 विद्यार्थियों, वर्ष 2019 में 30 विद्यार्थियों और आज के इस कार्यक्रम में इस वर्ष 46 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा।

हिमाचल देश का दूसरा सबसे अधिक साक्षर राज्य

जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और आवश्यकता केवल इस बात की है कि विद्यार्थियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे अधिक साक्षर राज्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने विद्यार्थियों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को वर्चुअल माध्यम से पढ़ाया जाए और इसका सफलतापूर्वक कार्यान्वित भी किया गया। उन्होंने कहा कि कक्षा की पढ़ाई का कोई अन्य विकल्प नहीं है और विद्यार्थियों ने उन्हें लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान और इसके बाद कक्षाएं शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अब संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आने के कारण प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है।

इस वर्ष चुनौती के रूप में खड़ी रही कोरोना महामारी

सीएम ने कहा कि इस वर्ष कोरोना (Corona) महामारी ने कई चुनौतियां खड़ी की हैं जो पहले कभी अनुभव नहीं की गई थीं। उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद प्रदेश सरकार चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अथक प्रयास कर रही है और इस महामारी को नियंत्रित करने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि इस वर्ष परिषद् ने कोरोना महामारी के तहत आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन कर विपरीत परिस्थितियों में विज्ञान के प्रसार को आगे बढ़ाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर के विद्यार्थियों के लिए छात्र विज्ञान सम्मेलन (Student Science Conference) का सफलतापूर्वक आयोजन करवाया गया। इस आयोजन में खंड, जिला और राज्य स्तर के लगभग 20 हजार विद्यार्थियों को भाग लेने का मौका मिला।

छात्रों ने कार्यक्रमों में दिखाई रूचि

जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् ने विज्ञान को बढ़ावा देने व लोकप्रिय बनाने के लिए वर्षभर बाल विज्ञान सम्मलेन, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, राष्ट्रीय गणित दिवस, ग्रहण अवलोकन जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों का विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों और गणितज्ञ पर विशेष प्रभाव पड़ा और उन्होंने इन कार्यक्रमों में विशेष रूचि दिखाई। सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनौतियों को अवसर में तबदील करने का मंत्र दिया है तभी राष्ट्र की उन्नति हुई है। उन्होंने कहा कि जब भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला पाया गया था तो भारत में उस समय एक भी पीपीई किट तैयार नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि आज भारत ना केवल देश के लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट तैयार कर रहा है, बल्कि अन्य देशों को भी निर्यात कर रहा है।

सीएम ने सभी पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। पुरस्कार विजेता विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सीएम ने आशा व्यक्त की कि उत्कृष्ट विद्यार्थी नए ज्ञान की खोज करेंगे और भविष्य में वैज्ञानिक बनकर उभरेंगे और शीर्ष स्थान हासिल कर देश व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। प्रधान सचिव पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग केके पंत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में विद्यार्थियों के मन में वैज्ञानिक सोच बिठाने के लिए एक कार्यक्रम आरंभ किया था। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं में दस जमा दो विज्ञान विषय में पहले दस स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने कहा कि पहला स्थान प्राप्त करने वाले को एक लाख रुपये की राशि, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को 90 हजार रुपये और तीसरा स्थान अर्जित करने वाले विद्यार्थी को 80 हजार रुपये की ईनाम राशि प्रदान की गई है। हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् के संयुक्त सदस्य सचिव निशांत ठाकुर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

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