बिलासपुर. स्कूलों में अक्सर आपने बच्चों को ड्रैस में तो देखा होगा, लेकिन कभी शिक्षकों को भी ड्रैस में देखा है. हैरान करने वाली बात है ना….हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सरकार स्कूल के शिक्षकों ने यह पहल शुरू की है. शिक्षकों ने खुद ही तय किया है कि वह तय ड्रैस कोड में स्कूल आएंगे.
महिला शिक्षकों के लिए गुलाबी रंग का सूट और पुरुष शिक्षकों के लिए सफेद कमीज और ग्रे रंग की पेंट रखी गई है. मामला जिला बिलासपुर की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जामली का है. इस स्कूल में करीब 110 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.जब शिक्षक ड्रेस में स्कूल पहुंचे तो वे काफी खुश दिखे. स्कूल प्रधानाचार्य राकेश मनकोटिया की इस पहल की हर जगह चर्चा हो रही है. उनके इस फैसले को जमकर सराहना मिल रही है. जामली स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है. स्कूल में करीब 110 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. शिक्षकों को ड्रेस कोड में देखकर विद्यार्थी भी उनसे प्रेरणा लेंगे. प्रधानाचार्य राकेश मनकोटिया ने कहा कि इस नई पहल के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता होती है.
कमरों के निर्माण के लिए शिक्षिका ने दिए एक लाख
प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में कमरों की कमी से कुछ कक्षाएं बाहर बैठानी
पड़ती थीं, लेकिन कमरों के निर्माण के लिए स्कूल की एक शिक्षिका ने एक लाख
रुपये दान में दिए हैं. स्थानीय लोग भी इसमें पीछे नहीं हैं. एक दानी सज्जन
ने स्कूल के लिए 50 हजार रुपये दान किए हैं. स्कूल प्रबंधन समिति के साथ
भी समस्याओं पर चर्चा होती है. इनका तुरंत निपटारा किया जाता है.
उच्च शिक्षा उपनिदेशक राजकुमार शर्मा ने बताया कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जामली ने शिक्षकों को ड्रेस लगाकर एक नई पहल है. वर्तमान में यह स्कूल प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां शिक्षक स्कूल में ड्रेस में दिखेंगे. हालांकि, दो दिन ही शिक्षक ड्रेस कोड में नजर आएंगे.