हिमाचल में शिक्षा विभाग में अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए 1239 शिक्षकों के पद भरे जाएंगे।इन पदों को भरने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है तथा इसके लिए अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड व लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने यह बात आज विधानसभा में विधायक कर्नल इन्द्र सिंह द्वारा गैर सरकारी सदस्यता के तहत लाए गए शिक्षा की गुणवता में सुधार लाने को लेकर लाए प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कही। बाद में सदन से इस सकल्प को ध्वनिमत से नमंजूर कर दिया।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षण संस्थानो की नियुक्ति हेतु पूर्णरूप से सजग है तथा पूर्ण पारदर्शिता योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवायें चयन बोर्ड तथा लोक सेवा आयोग के माध्यम से कर रही है। शिक्षा विभाग ने विभिन्न नियुक्ति प्रक्रियाओ द्वारा शिक्षकों के 13,568 पदों को भरा है, जिसमें 9522 पद नियुक्ति व 4014 पदोन्नती शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में गुणवता लाने हेतु सरकार द्वारा पहले ही आवश्यकतानुसार कारगर नीतियां लागू की गई हैं। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्ष 1986 व 1992 को प्रदेश में लागू किया है। 01 अप्रैल 2010 से प्रदेश में बच्चों की निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 प्रदेश में लागू है। कक्षा 6 से 12 तक एन.सी.ई.आर.टी. के पाठ्यक्रम को ही अपनाया गया है तथा 1 से 5 तक के पाठ्यक्रम को एन.सी.एफ. 2005 के अनुरूप बनाया गया है।
वीरभद्र ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में नवीं से बारहवी कक्षा तक सूचना प्रौद्योगिकी विषय चलाया जा रहा है। आज तकनीकी युग में सूचना प्रौद्यौगिकी का विशेष महत्व है।
प्रथम चरण में 628 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं मे सूचना एवं संचार तकनीकी स्कीम को लागू किया गया तथा दूसरे चरण मंे 1520 स्कूलों में यह योजना लागू की जा रही है। इसके अतिरिक्त 5 पाठशालाओं को स्मार्ट स्कूल का स्तर प्रदान किया जा रहा है।
इससे पूर्व संकल्प पेश करते हुए विधायक कर्नल इन्द्र सिंह ने प्रदेश में शिक्षा के ढांचे को बदलने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों केा बिना आधारभूत ढांचे के स्तरोन्नत न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा में गुणवत्ता लानी है तो स्कूलों में राजनीति खत्म करनी होगी और मिड टर्म ट्रांसफर नीति तुरंत बंद करनी होगी।
उन्होंने प्राथमिक स्कूलों में एलकेजी और यूकेजी कक्षाएं आरंभ करने की बात कही। उन्होंने सभी स्कूलों में वार्षिक समारोह 15 फरवरी तक खत्म करने की सलाह दी ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। उन्होंने बच्चों को नशा निवारण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों में योग शिक्षा को बढ़ावा देने की बात भी कही। उन्होंने सरकार को इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले का अनुसरण करने और अधिकारियों तथा राजनीतिज्ञों के बच्चों को पढ़ने के लिए सरकारी स्कूलों में भेजने की बात कही।
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