शिमला: सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में 11वीं व 12वीं कक्षा के पीरियड की अवधि को कम करने के आदेश शिक्षकों को रास नहीं आए हैं। शिक्षकों का तर्क है कि इससे बच्चों की पढ़ाई का नुक्सान होगा, जहां इस समय स्कूलों में 70 मिनट का पीरियड लगता है अब वहीं नए आदेशों के तहत यह पीरियड 35 मिनट का होगा।
विभाग ने स्कूल प्रशासन को इस माह से इन आदेशों को लागू करने को कहा है। इसके तहत अब जमा एक व जमा दो कक्षाओं में पीरियड 35-35 मिनट के लगेंगे।
वर्ष 1986 में स्कूलों में जमा दो प्रणाली को प्रारंभ किया गया था, तब से लेकर आज तक स्कूलों में 70-70 मिनट के पीरियड रिसैस से पहले व 60-60 मिनट के पीरियड रिसैस के बाद लग रहे हैं। नए आदेशों के तहत 35-35 मिनट के पीरियड होंगे। स्कूल प्रवक्ता संघ का कहना है कि सरकार के नए आदेशों से स्कूलों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा होंगी।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार और राज्य प्रैस सचिव प्रेम शर्मा का कहना है कि 35-35 मिनट के पीरियड होने पर हर पीरियड में बच्चों की उपस्थिति दर्ज करनी पड़ेगी, जिसमें हर पीरियड में 5 मिनट का समय लगेगा यानी पूरे दिन में 9 पीरियड लगेंगे जिसमें 45 मिनट उपस्थिति दर्ज करने में बर्बाद हो जाएंगे। संघ का तर्क है कि जमा एक व जमा दो में हर पीरियड में छात्रों की उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती है जबकि कक्षा 6 से 10 तक अनुपस्थिति एक बार ही ली जाती है।
इसके अलावा जमा एक व जमा दो में हर विषय के पीरियड में बच्चों को अलग-अलग कमरों में जाकर कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। बच्चों को एक कमरे से दूसरे कमरे में शिफ्ट होने में 5 मिनट का समय लगता है और अब उन्हें 9 पीरियड लगाने के लिए बार-बार कमरे शिफ्ट करने पडेंग़े, जिसमें और अधिक समय लगेगा। संघ ने सरकार व शिक्षा निदेशक से इस निर्णय पर पुनॢवचार करने का आग्रह किया है।
विभाग ने स्कूल प्रशासन को इस माह से इन आदेशों को लागू करने को कहा है। इसके तहत अब जमा एक व जमा दो कक्षाओं में पीरियड 35-35 मिनट के लगेंगे।
वर्ष 1986 में स्कूलों में जमा दो प्रणाली को प्रारंभ किया गया था, तब से लेकर आज तक स्कूलों में 70-70 मिनट के पीरियड रिसैस से पहले व 60-60 मिनट के पीरियड रिसैस के बाद लग रहे हैं। नए आदेशों के तहत 35-35 मिनट के पीरियड होंगे। स्कूल प्रवक्ता संघ का कहना है कि सरकार के नए आदेशों से स्कूलों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा होंगी।
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार और राज्य प्रैस सचिव प्रेम शर्मा का कहना है कि 35-35 मिनट के पीरियड होने पर हर पीरियड में बच्चों की उपस्थिति दर्ज करनी पड़ेगी, जिसमें हर पीरियड में 5 मिनट का समय लगेगा यानी पूरे दिन में 9 पीरियड लगेंगे जिसमें 45 मिनट उपस्थिति दर्ज करने में बर्बाद हो जाएंगे। संघ का तर्क है कि जमा एक व जमा दो में हर पीरियड में छात्रों की उपस्थिति दर्ज करनी पड़ती है जबकि कक्षा 6 से 10 तक अनुपस्थिति एक बार ही ली जाती है।
इसके अलावा जमा एक व जमा दो में हर विषय के पीरियड में बच्चों को अलग-अलग कमरों में जाकर कक्षाएं लगानी पड़ती हैं। बच्चों को एक कमरे से दूसरे कमरे में शिफ्ट होने में 5 मिनट का समय लगता है और अब उन्हें 9 पीरियड लगाने के लिए बार-बार कमरे शिफ्ट करने पडेंग़े, जिसमें और अधिक समय लगेगा। संघ ने सरकार व शिक्षा निदेशक से इस निर्णय पर पुनॢवचार करने का आग्रह किया है।