हिमाचल प्रदेश राजकीय टीजीटी (कला) स्नातक शिक्षक संघ ने मांग की है कि टीजीटी से पीजीटी (प्रवक्ता पदोन्नति), मुख्याध्यापक, प्रधानाचार्य एवं जिला शिक्षा उपनिदेशक स्तर पर विभागीय पदोन्नति के समय टीजीटी (कला एवं विज्ञान) शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति कोटा 1:1 (टीजीटी कला और विज्ञान) बराबर अनुपात आधार पर सुनिश्चित किया जाए।
इसके लिए विभाग भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में आवश्यक संशोधन करके टीजीटी कला शिक्षकों को एक समान पदोन्नति के अवसर प्रदान करे।
मांगों को लेकर शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपशिक्षा निदेशक (प्रारंभिक) बिलासपुर से मिला। इसमें उन्होंने मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की। संघ ने मांग की है कि टीजीटी (कला एवं विज्ञान) शिक्षकों की नवीनतम वरिष्ठता सूची अलग-अलग बनाई जानी चाहिए और निश्चित अवधि में इंटरनेट पर डाली जाए।
वर्तमान में सीमित पदोन्नति अवसरों के कारण दुर्भाग्य से प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक 27-28 वर्ष नियमित सेवाकाल के बाद भी प्रथम नियुक्ति पद ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस कॉडर के अध्यापकों को 15 और 20 वर्ष सेवाकाल पूरा करने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदान की जाएं। भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1992 को यथावत किया जाए, जिसमें टीजीटी कॉडर और सीधी भर्ती प्रवक्ताओं का हैडमास्टर और प्रधानाचार्य पदोन्नति कोटा 60:40 का प्रावधान था।
इसके अलावा 26, जुलाई, 2010 के बाद टीजीटी से प्रवक्ता और हैडमास्टर्स पदोन्नति के लिए विकल्प की शर्त को अविलंब वापिस लिया जाए। उन्होंने मांग की है कि भविष्य में मुख्याध्यापकों के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति द्वारा टीजीटी शिक्षकों से ही भरे जाएं।
साथ ही 4-9-14 के संदर्भ में 7-7-14 की अधिसूचना रद्द की जाए। छठीं से आठवीं कक्षा तक की मुफ्त पाठ्य पुस्तकें समय पर दी जाएं। वहीं अन्य कई मांगों को भी उपशिक्षा निदेशक के समक्ष रखा गया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के जिला प्रधान दिग्विजय मल्होत्रा, महासचिव अखिलेश शर्मा, खंड घुमारवीं-2 के प्रधान पवन सांख्यान, महासचिव देवराज, सदर प्रधान राकेश ठाकुर, केशव, नरेश गुप्ता, स्वारघाट के प्रधान श्याम लाल, घुमारवीं-1 से नरवेंद्र देव, राजेश राव, प्रवीण, राकेश, मनोहर और देवराज आदि शामिल रहे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इसके लिए विभाग भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में आवश्यक संशोधन करके टीजीटी कला शिक्षकों को एक समान पदोन्नति के अवसर प्रदान करे।
मांगों को लेकर शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपशिक्षा निदेशक (प्रारंभिक) बिलासपुर से मिला। इसमें उन्होंने मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की। संघ ने मांग की है कि टीजीटी (कला एवं विज्ञान) शिक्षकों की नवीनतम वरिष्ठता सूची अलग-अलग बनाई जानी चाहिए और निश्चित अवधि में इंटरनेट पर डाली जाए।
वर्तमान में सीमित पदोन्नति अवसरों के कारण दुर्भाग्य से प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक 27-28 वर्ष नियमित सेवाकाल के बाद भी प्रथम नियुक्ति पद ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस कॉडर के अध्यापकों को 15 और 20 वर्ष सेवाकाल पूरा करने पर दो अग्रिम वेतन वृद्धियां प्रदान की जाएं। भर्ती एवं पदोन्नति नियम 1992 को यथावत किया जाए, जिसमें टीजीटी कॉडर और सीधी भर्ती प्रवक्ताओं का हैडमास्टर और प्रधानाचार्य पदोन्नति कोटा 60:40 का प्रावधान था।
इसके अलावा 26, जुलाई, 2010 के बाद टीजीटी से प्रवक्ता और हैडमास्टर्स पदोन्नति के लिए विकल्प की शर्त को अविलंब वापिस लिया जाए। उन्होंने मांग की है कि भविष्य में मुख्याध्यापकों के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति द्वारा टीजीटी शिक्षकों से ही भरे जाएं।
साथ ही 4-9-14 के संदर्भ में 7-7-14 की अधिसूचना रद्द की जाए। छठीं से आठवीं कक्षा तक की मुफ्त पाठ्य पुस्तकें समय पर दी जाएं। वहीं अन्य कई मांगों को भी उपशिक्षा निदेशक के समक्ष रखा गया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के जिला प्रधान दिग्विजय मल्होत्रा, महासचिव अखिलेश शर्मा, खंड घुमारवीं-2 के प्रधान पवन सांख्यान, महासचिव देवराज, सदर प्रधान राकेश ठाकुर, केशव, नरेश गुप्ता, स्वारघाट के प्रधान श्याम लाल, घुमारवीं-1 से नरवेंद्र देव, राजेश राव, प्रवीण, राकेश, मनोहर और देवराज आदि शामिल रहे।
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