राज्य ब्यूरो, शिमला : जरूरत से ज्यादा शिक्षकों को ढो रहे स्कूलों से
युक्तिकरण के तहत 600 से अधिक अध्यापकों को हटाने के आदेश जारी हो गए हैं।
विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती को लेकर शिक्षा
विभाग ने पांच जिलों में युक्तिकरण शुरू कर दिया है।
कुल्लू व चंबा में युक्तिकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कुल्लू में 92 शिक्षकों को बदल कर स्कूलों में खल रही कमी को पूरा किया है। चंबा में 140 अध्यापकों को बदला गया है। ऊना जिला में 57 शिक्षक ऐसे स्कूलों में भेजे जा रहे हैं जहां छात्रों की संख्या के अनुरूप अध्यापक नहीं हैं। इन जिलों में युक्तिकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। शिमला व सोलन में ऐसे स्कूलों व शिक्षकों की सूची विभाग ने मंगवाई है जिनमें छात्र कम व अध्यापक अधिक या फिर अध्यापक कम व छात्र अधिक हैं। जिला उपनिदेशकों की ओर से भेजी गई ऐसी सूची में पहले चरण में शिमला जिला में 150 शिक्षक ऐसे स्कूलों में भेजे जा रहे हैं जहां अध्यापक कम हैं। सोलन में भी 100 से अधिक शिक्षकों का तबादला गांव की ओर होना तय है। आलम यह है कि प्रदेश में शहरों में चल रहे सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या इतनी अधिक नहीं है लेकिन अध्यापक यहां जरूरत से अधिक तैनात हैं। वहीं, गांव में छात्र भरपूर हैं मगर अध्यापक एक या दो हैं और शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है। इस कारण अब दो जिलों में युक्तिकरण प्रक्रिया पूरी हो गई है और तीन जिलों में प्रक्रिया जारी है। हालांकि हमीरपुर व बिलासपुर दो जिला ऐसे हैं जहां बीते साल युक्तिकरण हो चुका है।
इस आधार पर हो रहा युक्तिकरण
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों की तैनाती होना अनिवार्य है। इसके मुताबिक जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या एक से 60 के बीच है, उनमें कम से कम दो शिक्षक होने चाहिएं जबकि 61 से 90 की संख्या वाले स्कूलों में तीन शिक्षक तथा 91 से 120 तक की संख्या वाले स्कूलों में चार शिक्षक होने चाहिए। इन आंकड़ों के आधार पर ही प्रदेश के स्कूलों में युक्तिकरण किया जा रहा है।
1471 स्कूलों में एक-एक शिक्षक
पूरे प्रदेश में 1471 स्कूल ऐसे हैं जिनमें सिर्फ एक-एक शिक्षक है। इनमें 1343 प्राथमिक स्कूल हैं जो मात्र एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं जबकि 6600 स्कूल ऐसे हैं जिनमें दो शिक्षक तैनात हैं। डिस्ट्रिक इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइस) की हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ था। इसके बाद यह युक्तिकरण शुरू हुआ है। हालांकि यूडाइस की पिछले साल की रिपोर्ट की बात की जाए तो 943 प्राथमिक व 172 माध्यमिक पाठशालाएं ऐसी थीं जिनमें सिर्फ एक-एक शिक्षक थे।
पांच जिलों में स्कूलों में अध्यापक
प्राथमिक स्कूल
जिला एक अध्यापक दो अध्यापक तीन अध्यापक
कुल्लू 99 434 108
चंबा 195 608 215
ऊना 40 216 102
शिमला 250 1000 239
सोलन 65 454 134
माध्यमिक स्कूल
जिला एक अध्यापक दो अध्यापक तीन अध्यापक
कुल्लू 11 17 40
चंबा 29 37 49
ऊना 2 11 30
शिमला 18 33 89
सोलन 2 15 35
छात्रों की संख्या के मुताबिक तैनात होंगे शिक्षक
कुल्लू व चंबा जिलों में युक्तिकरण पूरा हो चुका है। ऊना, शिमला व सोलन में यह प्रक्रिया जारी है। छात्रों की संख्या के मुताबिक ही शिक्षक तैनात किए जाएंगे। कम से कम दो शिक्षक प्रत्येक प्राथमिक स्कूल में होंगे। आरटीई नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। इसके बाद अन्य जिलों में भी यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- आशीष कोहली, अतिरिक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
कुल्लू व चंबा में युक्तिकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कुल्लू में 92 शिक्षकों को बदल कर स्कूलों में खल रही कमी को पूरा किया है। चंबा में 140 अध्यापकों को बदला गया है। ऊना जिला में 57 शिक्षक ऐसे स्कूलों में भेजे जा रहे हैं जहां छात्रों की संख्या के अनुरूप अध्यापक नहीं हैं। इन जिलों में युक्तिकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। शिमला व सोलन में ऐसे स्कूलों व शिक्षकों की सूची विभाग ने मंगवाई है जिनमें छात्र कम व अध्यापक अधिक या फिर अध्यापक कम व छात्र अधिक हैं। जिला उपनिदेशकों की ओर से भेजी गई ऐसी सूची में पहले चरण में शिमला जिला में 150 शिक्षक ऐसे स्कूलों में भेजे जा रहे हैं जहां अध्यापक कम हैं। सोलन में भी 100 से अधिक शिक्षकों का तबादला गांव की ओर होना तय है। आलम यह है कि प्रदेश में शहरों में चल रहे सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या इतनी अधिक नहीं है लेकिन अध्यापक यहां जरूरत से अधिक तैनात हैं। वहीं, गांव में छात्र भरपूर हैं मगर अध्यापक एक या दो हैं और शिक्षा का अधिकार (आरटीई) नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है। इस कारण अब दो जिलों में युक्तिकरण प्रक्रिया पूरी हो गई है और तीन जिलों में प्रक्रिया जारी है। हालांकि हमीरपुर व बिलासपुर दो जिला ऐसे हैं जहां बीते साल युक्तिकरण हो चुका है।
इस आधार पर हो रहा युक्तिकरण
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रत्येक स्कूल में शिक्षकों की तैनाती होना अनिवार्य है। इसके मुताबिक जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या एक से 60 के बीच है, उनमें कम से कम दो शिक्षक होने चाहिएं जबकि 61 से 90 की संख्या वाले स्कूलों में तीन शिक्षक तथा 91 से 120 तक की संख्या वाले स्कूलों में चार शिक्षक होने चाहिए। इन आंकड़ों के आधार पर ही प्रदेश के स्कूलों में युक्तिकरण किया जा रहा है।
1471 स्कूलों में एक-एक शिक्षक
पूरे प्रदेश में 1471 स्कूल ऐसे हैं जिनमें सिर्फ एक-एक शिक्षक है। इनमें 1343 प्राथमिक स्कूल हैं जो मात्र एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं जबकि 6600 स्कूल ऐसे हैं जिनमें दो शिक्षक तैनात हैं। डिस्ट्रिक इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइस) की हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ था। इसके बाद यह युक्तिकरण शुरू हुआ है। हालांकि यूडाइस की पिछले साल की रिपोर्ट की बात की जाए तो 943 प्राथमिक व 172 माध्यमिक पाठशालाएं ऐसी थीं जिनमें सिर्फ एक-एक शिक्षक थे।
पांच जिलों में स्कूलों में अध्यापक
प्राथमिक स्कूल
जिला एक अध्यापक दो अध्यापक तीन अध्यापक
कुल्लू 99 434 108
चंबा 195 608 215
ऊना 40 216 102
शिमला 250 1000 239
सोलन 65 454 134
माध्यमिक स्कूल
जिला एक अध्यापक दो अध्यापक तीन अध्यापक
कुल्लू 11 17 40
चंबा 29 37 49
ऊना 2 11 30
शिमला 18 33 89
सोलन 2 15 35
छात्रों की संख्या के मुताबिक तैनात होंगे शिक्षक
कुल्लू व चंबा जिलों में युक्तिकरण पूरा हो चुका है। ऊना, शिमला व सोलन में यह प्रक्रिया जारी है। छात्रों की संख्या के मुताबिक ही शिक्षक तैनात किए जाएंगे। कम से कम दो शिक्षक प्रत्येक प्राथमिक स्कूल में होंगे। आरटीई नियमों का पूरा पालन किया जाएगा। इसके बाद अन्य जिलों में भी यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- आशीष कोहली, अतिरिक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय।
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