हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा विभाग में ऑफिशियल वर्क पेपरलेस होगा। निदेशालय में आने वाली फाइलों पर अब नोटिंग ऑनलाइन होगी। फाइल का स्टेटस जानने के लिए कर्मचारियों और शिक्षकों को ब्रांच के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। निदेशालय के कैंपस में लगी क्योस्क मशीन में उन्हें यह जानकारी ऑन लाइन ही मिल
जाएगी। निदेशालय में ट्रांसफर के लिए आने वाले डीओ से लेकर दूसरी ऑफिशियल फाइल की मूवमेंट इसी तरह होगी। उच्चतर शिक्षा विभाग कागज की बचत के लिए यह नई पहल शुरू करने जा रहा है। टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ की ओर से ट्रांसफर के लिए लगाया गया डीओ नोट का स्टेटस पता करना हो या फिर, पोस्टिंग, प्लेसमेंट, प्रमोशन अन्य तरह की जानकारी चाहिए। यह सब क्योस्क मशीन में पता चल सकेगी। निदेशालय के कैंपस में क्योस्क मशीन लगी होगी। इस पर ही फाइल का स्टेटस पता चल जाएगा। यानि सारा कार्य ऑनलाइन ही होगा।
इसतरह का कार्य करने वाला पहला विभाग बनेगाः इसतरह से कार्य करने वाला उच्चतर शिक्षा विभाग प्रदेश का पहला विभाग बनेगा। विभाग का तर्क है कि इस कार्य में ज्यादा खर्चा नहीं आएगा उल्टा मैन पावर बचेगी।
सबसेबड़ा विभाग है एजुकेशनः शिक्षाविभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत स्कूल, कॉलेज से लेकर अन्य संस्थान आते हैं। करीब 50 हजार कर्मचारी विभाग से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा छात्र अन्य तरह के कार्य निदेशालय से ही होते हैं।
विधानसभाहै पूरी तरह पेपर लेसः प्रदेशविधानसभा को पेपर लेस किया गया है। विधानसभा के सत्र में ऑनलाइन ही कार्य किया जाता है।
^प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में चार ब्रांचों में ट्रायल बेस पर इस सेवा को शुरू किया जा रहा है। सफल रहे तो अन्य ब्रांचों को भी जोड़ा जाएगा। डॉ.बीएल बिंटा, ज्वाइंट डायरेक्टर हायर एजुकेशन
यह होगा फायदा
फाइलकी रियल मूवमेंट का पता चलेगा। यानि जो शिकायतें रहती थी कि एक ही टेबल पर कई दिनों तक फाइल पड़ी रहती है वह नहीं रहेगी। दूसरा फाइलों की ट्रेकिंग आसानी से होगी। यानि कभी किसी फाइल की जरूरत पड़ती है तो उसे ढूंढने में व्यर्थ का समय नहीं गंवाना पड़ेगा।
यह चार ब्रांचें जुड़ेंगी
पहलेचरण में 4 ब्रांचों को इस सिस्टम से जोड़ने जा रहा है। इसमें डायरी डिस्पैच, एस्टेब्लिशमेंट, आईटी और रूसा सैल शािमल हैं। डायरी डिस्पैच में ज्यादा फाइलें आती है। प्रयोग सफल रहा तो अन्य ब्रांचों को इससे जोड़ा जाएगा। जिला स्तर, स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी एेसे ही काम किया जाएगा।
ऐसे होगा कार्य
ब्रांचोंसे जो भी लेटर आएगा उसे स्कैन किया जाएगा। लेटर कंप्यूटर पर ऑनलाइन मूव होगा। ऑफिसर कमेंट लिखने के लिए जो कागज इस्तेमाल करते थे वह अब नहीं होगा। कमेंट कंप्यूटर पर ही लिखा जाएगा। फाइल का रिकार्ड और टाइमिंग अपने आप नोट होती रहेगी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जाएगी। निदेशालय में ट्रांसफर के लिए आने वाले डीओ से लेकर दूसरी ऑफिशियल फाइल की मूवमेंट इसी तरह होगी। उच्चतर शिक्षा विभाग कागज की बचत के लिए यह नई पहल शुरू करने जा रहा है। टीचर, नॉन टीचिंग स्टाफ की ओर से ट्रांसफर के लिए लगाया गया डीओ नोट का स्टेटस पता करना हो या फिर, पोस्टिंग, प्लेसमेंट, प्रमोशन अन्य तरह की जानकारी चाहिए। यह सब क्योस्क मशीन में पता चल सकेगी। निदेशालय के कैंपस में क्योस्क मशीन लगी होगी। इस पर ही फाइल का स्टेटस पता चल जाएगा। यानि सारा कार्य ऑनलाइन ही होगा।
इसतरह का कार्य करने वाला पहला विभाग बनेगाः इसतरह से कार्य करने वाला उच्चतर शिक्षा विभाग प्रदेश का पहला विभाग बनेगा। विभाग का तर्क है कि इस कार्य में ज्यादा खर्चा नहीं आएगा उल्टा मैन पावर बचेगी।
सबसेबड़ा विभाग है एजुकेशनः शिक्षाविभाग में सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत स्कूल, कॉलेज से लेकर अन्य संस्थान आते हैं। करीब 50 हजार कर्मचारी विभाग से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा छात्र अन्य तरह के कार्य निदेशालय से ही होते हैं।
विधानसभाहै पूरी तरह पेपर लेसः प्रदेशविधानसभा को पेपर लेस किया गया है। विधानसभा के सत्र में ऑनलाइन ही कार्य किया जाता है।
^प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में चार ब्रांचों में ट्रायल बेस पर इस सेवा को शुरू किया जा रहा है। सफल रहे तो अन्य ब्रांचों को भी जोड़ा जाएगा। डॉ.बीएल बिंटा, ज्वाइंट डायरेक्टर हायर एजुकेशन
यह होगा फायदा
फाइलकी रियल मूवमेंट का पता चलेगा। यानि जो शिकायतें रहती थी कि एक ही टेबल पर कई दिनों तक फाइल पड़ी रहती है वह नहीं रहेगी। दूसरा फाइलों की ट्रेकिंग आसानी से होगी। यानि कभी किसी फाइल की जरूरत पड़ती है तो उसे ढूंढने में व्यर्थ का समय नहीं गंवाना पड़ेगा।
यह चार ब्रांचें जुड़ेंगी
पहलेचरण में 4 ब्रांचों को इस सिस्टम से जोड़ने जा रहा है। इसमें डायरी डिस्पैच, एस्टेब्लिशमेंट, आईटी और रूसा सैल शािमल हैं। डायरी डिस्पैच में ज्यादा फाइलें आती है। प्रयोग सफल रहा तो अन्य ब्रांचों को इससे जोड़ा जाएगा। जिला स्तर, स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी एेसे ही काम किया जाएगा।
ऐसे होगा कार्य
ब्रांचोंसे जो भी लेटर आएगा उसे स्कैन किया जाएगा। लेटर कंप्यूटर पर ऑनलाइन मूव होगा। ऑफिसर कमेंट लिखने के लिए जो कागज इस्तेमाल करते थे वह अब नहीं होगा। कमेंट कंप्यूटर पर ही लिखा जाएगा। फाइल का रिकार्ड और टाइमिंग अपने आप नोट होती रहेगी।
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