- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: टॉप 500 विवि से पीएचडी करने वाले सीधे बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर टॉप 500 विवि से पीएचडी करने वाले सीधे बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

टॉप 500 विवि से पीएचडी करने वाले सीधे बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

अब यूजीसी ने यूनिवर्सिटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ही बदलाव की तैयारी कर रहा है। इस बदलाव से शिक्षकों के बीच ही भेदभाव पैदा हो जाएगा। यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य एकेडमिक स्टाफ की भर्तियों के लिए रेगुलेशन-2018 तैयार किया है। इसमें किए गए प्रावधान के अनुसार विश्व की 500 यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वालों को सीधे कॉलेज व यूनिवर्सिटी में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नौकरी दी जा सकेगी। 

जबकि अन्य यूनिवर्सिटी से पासआउट स्टूडेंट्स को नेट, स्लेट और सेट जैसे एग्जाम पास करने के बाद इंटरव्यू देकर नौकरी हासिल करनी पड़ेगी। दूसरी ओर, एग्जाम पास करके असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नौकरी के बाद उनकी दिक्कत कम नहीं हाेने वाली है। असिस्टेंट से एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए उनको पीएचडी हर हाल में करनी पड़ेगी। वहीं, जो पहले ही पीएचडी होल्डर हैं, उनका समय रहते प्रमोशन हो जाएगा। यही प्रमोशन उनके प्रोफेसर लेवल तक पहुंचने में काम आएगा। जॉब में रहते हुए पीएचडी करना पहले से ही मुश्किल है। वर्तमान में कोटा यूनिवर्सिटी के चार असिस्टेंट प्रोफेसर्स पीएचडी नहीं हैं। ऐसे में वह अभी भी एसोसिएट के लिए एलिजिबल नहीं है।

इन विभागों में मिलेगी नौकरी:आर्ट्स, कॉमर्स, ह्यूमेनिटीज, एजुकेशन, लॉ, सोशल साइंसेज, साइंसेज, लैंग्वेज, लाइब्रेरी साइंसेज, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर को सीधी भर्ती के तहत नौकरी मिल पाएगी। पीएचडी के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले को क्यूएस, टाइम्स हॉयर एजुकेशन, एकेडमिक रैंकिंग ऑफ वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की ओर से जारी रैंकिंग के आधार पर ही नौकरी मिलेगी।

भर्ती में भेदभाव

यूजीसी ने तैयार किया मसौदा, अन्य यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को एलिजिबिलिटी के लिए देना होगा नेट

यह भारतीय संस्थान टॉप 500 में शामिल

विश्व रैंकिंग में आईआईएससी बैंगलुरु और आईआईटी मुंबई ही शामिल थे। साल 2017 में आईआईटी दिल्ली, कानपुर, मद्रास ने भी टॉप 500 में जगह बनाई थी। क्यूएस रैंकिंग में आईआईएससी बैंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास, खड़गपुर, रुड़की व दिल्ली यूनिवर्सिटी शामिल थी। साल 2017 में गुवाहटी भी इसमें शामिल था।

पढ़ाने से पहले मिलेगी पढ़ाने की ट्रेनिंग : यूजीसी ने इसके साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर्स के इंडक्शन प्रोग्राम को लागू करने के प्रावधान को भी ड्राफ्ट में शामिल किया है। इसमें पढ़ाने की स्किल्स उनके ही सीनियर्स द्वारा सिखाई जाएगी। अभी यह ड्राफ्ट पब्लिक कमेंट्स के लिए ओपन रखा है। सुझाव मिलने के बाद जरूरत पड़ने पर ही बदलाव करके नए सेशन से शुरू कर दिया जाएगा।

ग्रेड भी लिखनी होगी वेबसाइट पर

यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर यह कहा है कि वह अपनी ग्रेडिंग को वेबसाइट पर भी जारी करें। अगर उनको एक्रीडेशन मिल चुका है तो उसकी ग्रेड लिखें और अगर नहीं मिली है तो वह भी साफ साफ लिखें। इससे एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को अधिक जानकारी मिलेगी। वह एडमिशन के संबंध में सही निर्णय ले पाएंगे। 
Previous Post Next Post

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement