राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए दागी शिक्षक का नाम
सूची में शामिल करने के मामले की जांच रिपोर्ट प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय
में पहुंच गई है। रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि दागी शिक्षक के खिलाफ
विभागीय जांच चल रही थी। अब सितंबर के दौरान शिमला में तैनात शिक्षा
उपनिदेशक पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
पूर्व उपनिदेशक ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि दागी शिक्षक के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं थी। यह मामला उनके शिमला में ज्वाइन करने से पहले का है। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षक का चयन करने के जिलास्तर पर समिति गठित की जाती है। इस समिति का काम पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के पुराने रिकॉर्ड की जांच करना होता है। लेकिन शिमला की समिति ने इसमें लापरवाही बरती है। इस कारण दागी शिक्षक का नाम राज्य पुरस्कार की सूची में शामिल कर दिया गया। दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले दागी शिक्षक का नाम पुरस्कार सूची से बाहर कर दिया था। शिमला के दागी शिक्षक का नाम राज्य शिक्षक पुरस्कार की सूची में शामिल किए जाने के दौरान शिमला के उपनिदेशक पद पर राकेश विशिष्ट तैनात थे। वह अब पदोन्नति के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में संयुक्त निदेशक हैं। विभागीय जांच की फाइल गायब
दागी शिक्षक के खिलाफ टीए-डीए बिल में गड़बड़ी करने के आरोप हैं। इस मामले की विभागीय जांच वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। हैरत है कि शिक्षक के खिलाफ विभागीय जांच की फाइल गायब है। इस गड़बड़ी के मामले में शिक्षक का तीन महीने का वेतन भी रोका गया था। शिक्षा विभाग के जिलास्तर के अधिकारी भी यह कहकर मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि उनके सामने दागी शिक्षक के खिलाफ कोई जांच नहीं आई है।
मुझे इस मामले में अभी कुछ नहीं कहना है।
राकेश विशिष्ट, संयुक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय दोषी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
मामले की जांच रिपोर्ट मिल गई है। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रोहित जम्वाल, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
पूर्व उपनिदेशक ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि दागी शिक्षक के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं थी। यह मामला उनके शिमला में ज्वाइन करने से पहले का है। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए शिक्षक का चयन करने के जिलास्तर पर समिति गठित की जाती है। इस समिति का काम पुरस्कार के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के पुराने रिकॉर्ड की जांच करना होता है। लेकिन शिमला की समिति ने इसमें लापरवाही बरती है। इस कारण दागी शिक्षक का नाम राज्य पुरस्कार की सूची में शामिल कर दिया गया। दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उठाने के बाद शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले दागी शिक्षक का नाम पुरस्कार सूची से बाहर कर दिया था। शिमला के दागी शिक्षक का नाम राज्य शिक्षक पुरस्कार की सूची में शामिल किए जाने के दौरान शिमला के उपनिदेशक पद पर राकेश विशिष्ट तैनात थे। वह अब पदोन्नति के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में संयुक्त निदेशक हैं। विभागीय जांच की फाइल गायब
दागी शिक्षक के खिलाफ टीए-डीए बिल में गड़बड़ी करने के आरोप हैं। इस मामले की विभागीय जांच वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। हैरत है कि शिक्षक के खिलाफ विभागीय जांच की फाइल गायब है। इस गड़बड़ी के मामले में शिक्षक का तीन महीने का वेतन भी रोका गया था। शिक्षा विभाग के जिलास्तर के अधिकारी भी यह कहकर मामले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं कि उनके सामने दागी शिक्षक के खिलाफ कोई जांच नहीं आई है।
मुझे इस मामले में अभी कुछ नहीं कहना है।
राकेश विशिष्ट, संयुक्त निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय दोषी के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
मामले की जांच रिपोर्ट मिल गई है। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रोहित जम्वाल, निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा विभाग