हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्य प्रवक्ता संघ के पालमपुर सम्मेलन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा की गई कुछ घोषणाओं से स्नातकोत्तर अध्यापक संघ बिफर गया है। इन घोषणाओं के बाद पीजीटीयू की एक आपातकालीन बैठक शिमला में हुई। इसमें कुछ निर्णय लिए गए हैं।
संघ के अध्यक्ष चितरंजन काल्टा और महासचिव देसराज कटवाल ने बताया कि उनका संघ पीजीटी अध्यापकों के पदनाम को प्रवक्ता करने का स्वागत करता है, लेकिन पदनाम बदलने के साथ 26 अप्रैल, 2010 के बाद प्रमोट हुए पीजीटी को पूर्व की भांति दोहरे विकल्प की व्यवस्था बहाल की जाए और इससे संबंधित भर्ती नियमों में भी यह बदलाव हो। संघ ने शिक्षा मंत्री के साथ 23 जुलाई को हुई बैठक में भी यह मांग रखी थी। यदि भर्ती नियम साथ नहीं बदले गए तो इसमें वेतन विसंगतियां उभरेंगी। पीजीटी काडर 2010 में हाईकोर्ट के आदेश से अस्तित्व में आया था और अब यह ट्रिब्यूनल में विचाराधीन है।
कोर्ट में केस को देखते हुए भी इस बारे मेंं पूर्व स्थिति को बहाल करना जरूरी है। संघ ने शिक्षकों पर इन्क्रीमेंट रोकने की कार्रवाई को रोकने का स्वागत किया है। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल के पद का भी स्वागत किया है, लेकिन मांग की है कि यह पद अलग से क्रिएट किया जाए, ताकि पीजीटी को भी इसका लाभ मिल सके। संघ का कहना है कि जहां तक 60:40 प्रमोशन कोटे की बात है तो सरकार ने इस बारे में जल्दबाजी में कदम उठाया है। सरकार से आग्रह किया है कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले सभी संगठनों को भरोसे में लिया जाए। संघ ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री इस बारे में गंभीरता से विचार करने के बाद ही आगे बढ़ेेंगे।
प्रमोशन कोटा बढ़ाने पर प्रवक्ता खुश
शिमला। राज्य स्कूल प्रवक्ता संघ ने 23 नवंबर को कृषि विवि पालमपुर में हुए सम्मेलन में उनकी मांगें माने जाने पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार जताया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, महासचिव संजीव ठाकुर, सलाहकार कमल राणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, राज्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, संगठन सचिव राजेश सैनी और वित्त सचिव धीरज व्यास ने बताया कि सम्मेलन में प्रदेशभर से 3000 प्रवक्ताओं ने भाग लिया और शिक्षा में गुणवत्ता पर मंथन किया।
मुख्यमंत्री ने प्रवक्ताओं की मांगों का हल मंच से अपने संबोधन में ही कर दिया। इनमें पीजीटी का पदनाम प्रवक्ता बहाल करना, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में वाइस प्रिंसिपल का पद सृजित करना, प्रिंसिपल प्रमोशन के लिए प्रवक्ताओं का कोटा बढ़ाकर 60 फीसदी करना आदि शामिल हैं। सीएम ने खराब रिजल्ट के कारण इन्क्रीमेंट रोके जाने के निर्णय को वापस लेने का ऐलान भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा वाणिज्य प्रवक्ताओं के नियमतीकरण में आड़े आने वाली बीएड की शर्त का समाधान करने का आश्वासन देकर भी राहत दी है।
इन घोषणाओं से प्रवक्ताओंं को न्याय मिला है और इसके लिए संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, सांसद शांता कुमार का आभार व्यक्त करता है।
संघ के अध्यक्ष चितरंजन काल्टा और महासचिव देसराज कटवाल ने बताया कि उनका संघ पीजीटी अध्यापकों के पदनाम को प्रवक्ता करने का स्वागत करता है, लेकिन पदनाम बदलने के साथ 26 अप्रैल, 2010 के बाद प्रमोट हुए पीजीटी को पूर्व की भांति दोहरे विकल्प की व्यवस्था बहाल की जाए और इससे संबंधित भर्ती नियमों में भी यह बदलाव हो। संघ ने शिक्षा मंत्री के साथ 23 जुलाई को हुई बैठक में भी यह मांग रखी थी। यदि भर्ती नियम साथ नहीं बदले गए तो इसमें वेतन विसंगतियां उभरेंगी। पीजीटी काडर 2010 में हाईकोर्ट के आदेश से अस्तित्व में आया था और अब यह ट्रिब्यूनल में विचाराधीन है।
कोर्ट में केस को देखते हुए भी इस बारे मेंं पूर्व स्थिति को बहाल करना जरूरी है। संघ ने शिक्षकों पर इन्क्रीमेंट रोकने की कार्रवाई को रोकने का स्वागत किया है। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में वाइस प्रिंसिपल के पद का भी स्वागत किया है, लेकिन मांग की है कि यह पद अलग से क्रिएट किया जाए, ताकि पीजीटी को भी इसका लाभ मिल सके। संघ का कहना है कि जहां तक 60:40 प्रमोशन कोटे की बात है तो सरकार ने इस बारे में जल्दबाजी में कदम उठाया है। सरकार से आग्रह किया है कि इस तरह का निर्णय लेने से पहले सभी संगठनों को भरोसे में लिया जाए। संघ ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री इस बारे में गंभीरता से विचार करने के बाद ही आगे बढ़ेेंगे।
प्रमोशन कोटा बढ़ाने पर प्रवक्ता खुश
शिमला। राज्य स्कूल प्रवक्ता संघ ने 23 नवंबर को कृषि विवि पालमपुर में हुए सम्मेलन में उनकी मांगें माने जाने पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार जताया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर, महासचिव संजीव ठाकुर, सलाहकार कमल राणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा, राज्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, संगठन सचिव राजेश सैनी और वित्त सचिव धीरज व्यास ने बताया कि सम्मेलन में प्रदेशभर से 3000 प्रवक्ताओं ने भाग लिया और शिक्षा में गुणवत्ता पर मंथन किया।
मुख्यमंत्री ने प्रवक्ताओं की मांगों का हल मंच से अपने संबोधन में ही कर दिया। इनमें पीजीटी का पदनाम प्रवक्ता बहाल करना, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में वाइस प्रिंसिपल का पद सृजित करना, प्रिंसिपल प्रमोशन के लिए प्रवक्ताओं का कोटा बढ़ाकर 60 फीसदी करना आदि शामिल हैं। सीएम ने खराब रिजल्ट के कारण इन्क्रीमेंट रोके जाने के निर्णय को वापस लेने का ऐलान भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा वाणिज्य प्रवक्ताओं के नियमतीकरण में आड़े आने वाली बीएड की शर्त का समाधान करने का आश्वासन देकर भी राहत दी है।
इन घोषणाओं से प्रवक्ताओंं को न्याय मिला है और इसके लिए संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, सांसद शांता कुमार का आभार व्यक्त करता है।