शिमला—प्रारंभिक
शिक्षा निदेशालय के बाहर आंदोलन कर रहे ठियोग के भोगड़ा स्कूल की एसएमसी
कमेटी ने गुरुवार को रात दस बजे अपने आंदोलन को खत्म कर दिया। प्रारंभिक
शिक्षा निदेशालय के निदेशक रोहित जम्वाल ने क्षेत्र के विधायक और एसएमसी
कमेटी के सदस्यों को आश्वस्त किया है कि वह चुनाव आयोग से परमिशन आने के
बाद सबसे पहले उक्त स्कूल में ही शिक्षकों की भर्तियां करेंगे।
बताया जा
रहा है कि गुरुवार रात को निदेशालय में एडीसी और एसडीएम भी मौके पर पहुंचे
और उन्होंने भी इस दौरान क्षेत्र के लोगों को धरने को खत्म करने की सलाह
दी। बता दें कि इस दौरान लिखित में निदेशक ने भोगड़ा स्कूल से आए लोगों को
शिक्षकों के पदों को भरने का पूरा विश्वास दिलाया है। जानकारी के अनुसार
शुक्रवार को सुबह क्षेत्र की एसएमसी कमेटी ने मुख्य सचिव से भी इस बारे में
मुलाकात की और मांग की है कि सरकारी स्कूल में शिक्षकांे के पदों को जल्द
भरा जाए। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव ने भी एसएमसी कमेटी को इस समस्या
का जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। बता दें कि शिमला जिला के
ठियोग क्षेत्र के भोगड़ा स्कूल को 2016 मेें अपग्रेड करने के बाद शिक्षा
विभाग भूल गया। इसका नतीजा स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को आज तक भुगतना
पड़ रहा है। हैरत है कि वर्ष 2016 में अपग्रेड करने के बाद हाई स्कूल को एक
शिक्षक संभाल रहा था। हैरानगी यह है कि इस स्कूल में मुखिया तक नहीं है।
शिमला के ठियोग के साथ लगते धर्मपुर पंचायत के भोगड़ा स्कूल और वहां पढ़ने
वाले छात्रों को शिक्षकों की आहट का इंतजार है। भोगड़ा स्कूल के एसएमसी
प्रधान पवन कुमार का कहना है कि शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए
स्कूल की दसवीं कक्षा में पढ़ रही छात्रा ने हाई कोर्ट में अपील दायर की
थी। छात्रा की दायर की गई अपील में हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को अक्तूबर
में शिक्षकांे के पदों को भरने के आदेश दिए थे। उनका आरोप है कि बावजूद
इसके शिक्षा विभाग ने अभी तक भगोड़ स्कूल में शिक्षकों की भर्ती न करते हुए
सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। एसएमसी प्रधान पवन
ठाकुर ने यहां तक आरोप लगाया कि स्कूल में मुख्याध्यापक तक के पद को भरने
की हिम्मत शिक्षा विभाग नहीं जुटा पा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय
में स्कूल में एक नॉन मेडिकल और दो तीन माह पहले शास्त्री शिक्षक की भर्ती
हुई है। ऐसे में हाई स्कूल की शिक्षा केवल दो शिक्षकों के भरोसे ही चलाई जा
रही है।
स्कूल में नहीं ये शिक्षक
स्कूल की एसएमसी कमेटी से मिली जानकारी के
अनुसार दो टीजीटी आर्ट्स, हैडमास्टर, ड्राइंग मास्टर, साइंस, एलटी, पीटीआई
शिक्षक स्कूल में नहीं हैं। शिक्षकों के एक साथ इतने पद खाली होने से ही
यह अंदेशा जताया जा सकता है कि इस स्कूल में छात्रों की पढ़ाई किस आधार पर
हो रही थी।