- The HP Teachers - हिमाचल प्रदेश - शिक्षकों का ब्लॉग: हर साल होगी शिक्षकों की भर्ती, बनेगा निश्चित भर्ती प्रोसैस: सुरेश भारद्वाज हर साल होगी शिक्षकों की भर्ती, बनेगा निश्चित भर्ती प्रोसैस: सुरेश भारद्वाज

हर साल होगी शिक्षकों की भर्ती, बनेगा निश्चित भर्ती प्रोसैस: सुरेश भारद्वाज

पालमपुर (मुनीष): प्रदेश में जल्द ही शिक्षकों की भर्ती के लिए नई पॉलिसी बनेगी। इसमें हर साल शिक्षकों की निश्चित भर्ती का प्रोसैस चलाया जाएगा ताकि प्रदेश में शिक्षकों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। मौजूदा समय में प्रदेश में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं हो पा रही है। इस कारण जनजातीय इलाकों सहित कई अन्य क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि सरकार ने शिक्षकों की भर्ती का प्रोसैस चलाया है लेकिन जितनी भर्ती होती है, उतने ही सेवानिवृत्त भी हो जाते हैं। ऐसे में रैगुलर कोटा भर्ती में कोई कमी न आए, इसके लिए प्रयास कर रहे हैं कि कोई निश्चित प्रोसैस बन जाए और साल में एक ही बार सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई असर न पड़े। यह बात शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पालमपुर में बातचीत में कही। 
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षकों की भर्ती की है लेकिन इसे और बढ़ाने तथा साल में एक निश्चित समय में करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा सहित कुछ जिलों में सरप्लस स्टाफ  है लेकिन यहां सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या भी अधिक है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को मिलने वाले अवार्ड में भी अब विभाग ऐसे शिक्षकों को भी अपने स्तर पर चुनेगा जो स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। सरकार कहती है कि स्टैंडर्ड ऑफ  एजुकेशन बढ़ाना है लेकिन कॉलेज स्तर की शिक्षा में पहले पास प्रतिशतता 45 थी, इसे अब 40 कर दिया गया। अब प्रैक्टीकल व थ्योरी में कुल अंक 40 प्रतिशत कर दिए गए। क्या आपको लगता है कि इससे शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ेगी। इस बारे शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह मामला मेरे ध्यान में अभी नहीं है। यह यूनिवर्सिटी का मामला है। इस बारे यूनिवर्सिटी काऊंसिल निर्णय लेती है। इसमें सरकार का कोई निर्णय नहीं होता है। 

छुट्टियों के शैड्यूल में अभी कोई बदलाव नहीं 

शिक्षा मंत्री ने बरसात की छुट्टियों में होने वाले बदलाव की चर्चा पर फिलहाल विराम लगाया है। उन्होंने कहा कि अभी जो शैड्यूल है वही चलेगा और तभी बदला जाएगा जब इसमें कोई बदलाव की जरूरत पड़ेगी। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में बरसात की छुट्टियों के शैड्यूल को लेकर शिक्षक संघों के मुखर हो जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बदलाव शिक्षक संघों के कहने पर नहीं होगा। यदि इसमें कोई बदलाव होता है और इसमें गड़बड़ी लगती है तो शिक्षक संघ अपनी बात कहे। बरसात की छुट्टियों को लेकर अलग-अलग राय आ रही है। कुछ लोग गर्मियों की छुट्टियों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में इन सब बातों पर चर्चा हो रही है। जब तक कोई नया बदलाव नहीं होगा तब तक पुराना शैड्यूल ही चलेगा।

फीस स्ट्रक्चर पर बनेंगे नियम 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में निजी स्कूल संविधान के दायरे में ही चल रहे हैं। इसके लिए जो भी कानून होता है, उसके तहत ही ये स्कूल नियमानुसार काम कर रहे हैं। जब सरकार इन्हें मान्यता देती ह तो सरकार पूरा चैक भी करती है। अभी निजी स्कूलों के फीस निर्धारण के लिए कोई साफ  कानून नहीं है। आर.टी.ए. एक्ट में इसको लेकर कुछ प्रावधान है लेकिन उसमें भी केवल यही कहा गया है कि फीस सामान्य होनी चाहिए और किसी के लाभ के लिए फीस वृद्धि नहीं की होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति में भी फीस स्ट्रक्चर को लेकर यही बात कही गई है फिर भी देश में इस संबंध में विभिन्न राज्यों में जो भी कानून बने हैं या कोर्ट के निर्णय हुए हैं उन्हें स्टडी किया जा रहा है। इसके बाद इस विषय में यहां भी कानून बनाया जाएगा और उम्मीद है कि आने वाले सत्र में इस संबंध में जो भी रैगुलेशन या रूल्स बनेंगे, उसके बाद ही कोई निर्णय ले पाएंगे। 

सरकारी स्कूलों में भी बढ़ाई जा रहीं सुविधाएं 

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हमने सत्ता में आते ही सबसे पहले सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों के मुकाबले लाने पर काम किया और सरकारी स्कूलों में भी वो सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जो पहले नहीं थीं। इसके लिए हमने सर्वे करवाया था। इसके बाद 3391 स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गईं और इसमें इस बार करीब 350 की बढ़ौतरी कर इसे 3700 तक पहुंचाया है। हम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसी तरह अटल आदर्श आवासीय स्कूल भी शुरू किए गए हैं। 

नियम टूटे तो स्कूलों की मान्यता रद्द


स्कूल बसों की सुरक्षा पर शिक्षा मंत्री ने साफ  कहा कि इस दिशा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में हाई लेवल की बैठक हो चुकी है। उसमें एक गाइड लाइन्स भी बनाई गई है। इसमें एस.डी.एम. सहित कई अधिकारियों को इन बसों की चैकिंग करने के अधिकार दिए गए हैं। अगर उनके अनुसार कमियां पाई जाती हैं तो बसों का परमिट रद्द कर दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर स्कूलों की मान्यता भी खत्म की जा सकती है।
Previous Post Next Post

Popular Posts

Weekly Updates

5/col-left/recent

Recent

► Govt Jobs updates

Recent Posts

4/footer/recent

Random Posts

4/footer/random

Current Affairs

15/col-right/random

$ok={Accept !} $days={7}

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ads Area

Advertisement