संवाद सहयोगी, मंडी : जिला मंडी में अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों के
सैकड़ों पद रिक्त हैं। इससे स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की पढ़ाई
प्रभावित हो रही है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से अभिभावक बच्चों
को निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
इससे स्कूलों में दिन प्रतिदिन विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है। इस कारण कई स्कूल बंद हो गए हैं और कुछ बंद होने के कगार पर है। स्कूलों में कम हो रही विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने व रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग क्या कदम उठा रहा है, इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक केडी शर्मा ने विशेष बातचीत में खुलकर बताया। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश ...
जिला के कुल कितने प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल हैं?
-मौजूदा समय में जिला में कुल 2090 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल चल रहे हैं। इसमें 1740 प्राथमिक पाठशालाएं हैं जबकि 350 माध्यमिक स्कूल हैं।
इनमें से कितने स्कूलों में शिक्षकों की कमी चल रही है?
-करीब 300 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। प्राइमरी स्कूलों में 200 से अधिक पद रिक्त हैं जबकि माध्यमिक विद्यालयों 100 से अधिक पद रिक्त हैं। ये पद काफी समय से खाली हैं।
रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे?
जिला के विभिन्न स्कूलों में जल्द जेबीटी के लगभग 115 पद भरे जाएंगे। इसमें से पहले चरण में 89 पद भरे जाएंगे। इसके लिए साक्षात्कार प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। जल्द शिक्षकों को नियुक्ति दे दी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में 26 और पद भरे जाएंगे। इनको भरने के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।
शेष 150 पदों पर कब तक भर्तियां होंगी?
सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को इस संदर्भ में अवगत करवाया दिया गया है। जैसे ही सरकार व विभाग से स्वीकृति मिलती है शेष पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू की दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए उड़ान, प्रयास आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। विभिन्न प्रकार की शिक्षण तकनीक के बारे में बताया जाता है और आधुनिक तकनीक से शिक्षा दी जा रही है। शिक्षकों पर चेक रखने के लिए समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया जाता है और विद्यार्थियों से कक्षाओं में जाकर सवाल पूछे जाते हैं। उनके पढ़ाई में कमजोर पाए जाने पर शिक्षकों से जवाब तलब भी किया जाता है।
विद्यार्थियों को क्या क्या सुविधाएं दी जा रही है?
बच्चों को दोपहर भोजन के लिए जिला के 2464 स्कूलों में मिड डे मील तैयार किया जाता है। इसके लिए मिड डे मील वर्कर के अलावा अंशकालीन जलवाहक तैनात किए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। निशुल्क बस सुविधा, वर्दी व किताबें भी बच्चों को निशुल्क दी जा रही हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का भी प्रावधान किया गया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इससे स्कूलों में दिन प्रतिदिन विद्यार्थियों की संख्या कम हो रही है। इस कारण कई स्कूल बंद हो गए हैं और कुछ बंद होने के कगार पर है। स्कूलों में कम हो रही विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने व रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग क्या कदम उठा रहा है, इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक केडी शर्मा ने विशेष बातचीत में खुलकर बताया। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश ...
जिला के कुल कितने प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल हैं?
-मौजूदा समय में जिला में कुल 2090 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल चल रहे हैं। इसमें 1740 प्राथमिक पाठशालाएं हैं जबकि 350 माध्यमिक स्कूल हैं।
इनमें से कितने स्कूलों में शिक्षकों की कमी चल रही है?
-करीब 300 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। प्राइमरी स्कूलों में 200 से अधिक पद रिक्त हैं जबकि माध्यमिक विद्यालयों 100 से अधिक पद रिक्त हैं। ये पद काफी समय से खाली हैं।
रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे?
जिला के विभिन्न स्कूलों में जल्द जेबीटी के लगभग 115 पद भरे जाएंगे। इसमें से पहले चरण में 89 पद भरे जाएंगे। इसके लिए साक्षात्कार प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। जल्द शिक्षकों को नियुक्ति दे दी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में 26 और पद भरे जाएंगे। इनको भरने के लिए स्वीकृति मिल चुकी है।
शेष 150 पदों पर कब तक भर्तियां होंगी?
सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को इस संदर्भ में अवगत करवाया दिया गया है। जैसे ही सरकार व विभाग से स्वीकृति मिलती है शेष पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू की दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
शिक्षा की गुणवत्ता के लिए उड़ान, प्रयास आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। विभिन्न प्रकार की शिक्षण तकनीक के बारे में बताया जाता है और आधुनिक तकनीक से शिक्षा दी जा रही है। शिक्षकों पर चेक रखने के लिए समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण भी किया जाता है और विद्यार्थियों से कक्षाओं में जाकर सवाल पूछे जाते हैं। उनके पढ़ाई में कमजोर पाए जाने पर शिक्षकों से जवाब तलब भी किया जाता है।
विद्यार्थियों को क्या क्या सुविधाएं दी जा रही है?
बच्चों को दोपहर भोजन के लिए जिला के 2464 स्कूलों में मिड डे मील तैयार किया जाता है। इसके लिए मिड डे मील वर्कर के अलावा अंशकालीन जलवाहक तैनात किए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। निशुल्क बस सुविधा, वर्दी व किताबें भी बच्चों को निशुल्क दी जा रही हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा का भी प्रावधान किया गया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC