Transfer Racket himchal : मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के निजी सहायक संजीव सैनी व उसके परिवार द्वारा प्रदेश में व्यापक स्तर पर ट्रांसफर रैकेट चलाया जा रहा है।
इसका खुलासा दस्तावेजी सबूतों के साथ सिरमौर राजपूत सभा के प्रधान व बिजली बार्ड के सेवानिवृत्त एसडीओ दिनेश चौधरी ने रविवार को नाहन में प्रेसवार्ता के दौरान किया है। चौधरी का कहना है कि संजीव सैनी के खाता संख्या 4588000400003305 की जांच यदि सरकार उच्च स्तर पर करवाती है तो सच्चाई खुद व खुद सामने आ जाएगी। मगर इस परिवार के कई सदस्य सचिवालय में तैनात हैं। जिसके चलते इस मामले को 7 दिसंबर, 2016 से दबाये जाने की कोशिश भी की जा रही है।
दिनेश चौधरी ने कहा कि उनकी जांच को एक आला दर्जे का अधिकारी यह कहकर दबा रहा है कि शिकायतकर्ता भ्रष्ट व्यक्ति है। इस पर चौधरी ने कहा कि वह हर स्तर अपनी जांच करवाने को तैयार हैं। यही नहीं रिटायरमेंट के बाद सरकार से मिली तमाम सुविधाओं को भी वह सरकार को सौंप देंगे, यदि निष्पक्ष जांच में वे कसूरवार साबित होंगे। चौधरी ने कहा कि प्रदेश के सचिवालय में मुख्यमंत्री की आंख के नीचे ट्रांसफर माफिया पूरी तरह से सक्रिय है, जिसका सरगना मुख्यमंत्री के विशेष सचिव का निजी सहायक संजीव सैनी हैं।
उन्होंने कहा कि संजीव सैनी का भाई नाहन मेंं तैनात अधीक्षक ग्रेड टू राकेश सैनी जोकि एक ट्रांसफर के बदले 30 हजार रुपए लेता है। इस खेल में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में तैनात ग्र्रेड टू के अधीक्षक देवेंद्र चौहान की भी मिलीभगत बताई जा रही है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि इनके द्वारा कंप्यूटर में फर्जी तरीके से सीएम की अप्रूवल भी दिखाई जाती है। जबकि इन तबादलों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों का अनुमोदन होता ही नहीं है। ट्रांसफर का आवेदन सीएम की डाक में दर्शा दिया जाता है। जिस पर इतने छोटे नंबर लिखे जाते हैं, जोकि पढऩे में न आए। चौधरी का आरोप है कि स्थानांतरण के व्यक्तिगत आवेदन को संजीव सैनी डील करते हैं।
इसके बाद देवेंद्र चौहान अपने सरकारी कंप्यूटर में डाटा अपडेट करते हैं। डेढ़ वर्ष में अभी तक 200 तबादले नाहन क्षेत्र में इनके माध्यम से हो चुके हैं। चौधरी का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला उनके नौकरी के दौरान भी था। उन्होंने प्रबंधन से भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत करने की अनुमति भी मांगी थी। मगर इस रैकेट में जुड़े लोगों का प्रभावशाली होने के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई।
इसका खुलासा दस्तावेजी सबूतों के साथ सिरमौर राजपूत सभा के प्रधान व बिजली बार्ड के सेवानिवृत्त एसडीओ दिनेश चौधरी ने रविवार को नाहन में प्रेसवार्ता के दौरान किया है। चौधरी का कहना है कि संजीव सैनी के खाता संख्या 4588000400003305 की जांच यदि सरकार उच्च स्तर पर करवाती है तो सच्चाई खुद व खुद सामने आ जाएगी। मगर इस परिवार के कई सदस्य सचिवालय में तैनात हैं। जिसके चलते इस मामले को 7 दिसंबर, 2016 से दबाये जाने की कोशिश भी की जा रही है।
दिनेश चौधरी ने कहा कि उनकी जांच को एक आला दर्जे का अधिकारी यह कहकर दबा रहा है कि शिकायतकर्ता भ्रष्ट व्यक्ति है। इस पर चौधरी ने कहा कि वह हर स्तर अपनी जांच करवाने को तैयार हैं। यही नहीं रिटायरमेंट के बाद सरकार से मिली तमाम सुविधाओं को भी वह सरकार को सौंप देंगे, यदि निष्पक्ष जांच में वे कसूरवार साबित होंगे। चौधरी ने कहा कि प्रदेश के सचिवालय में मुख्यमंत्री की आंख के नीचे ट्रांसफर माफिया पूरी तरह से सक्रिय है, जिसका सरगना मुख्यमंत्री के विशेष सचिव का निजी सहायक संजीव सैनी हैं।
उन्होंने कहा कि संजीव सैनी का भाई नाहन मेंं तैनात अधीक्षक ग्रेड टू राकेश सैनी जोकि एक ट्रांसफर के बदले 30 हजार रुपए लेता है। इस खेल में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में तैनात ग्र्रेड टू के अधीक्षक देवेंद्र चौहान की भी मिलीभगत बताई जा रही है। उन्होंने खुलासा करते हुए बताया कि इनके द्वारा कंप्यूटर में फर्जी तरीके से सीएम की अप्रूवल भी दिखाई जाती है। जबकि इन तबादलों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों का अनुमोदन होता ही नहीं है। ट्रांसफर का आवेदन सीएम की डाक में दर्शा दिया जाता है। जिस पर इतने छोटे नंबर लिखे जाते हैं, जोकि पढऩे में न आए। चौधरी का आरोप है कि स्थानांतरण के व्यक्तिगत आवेदन को संजीव सैनी डील करते हैं।
इसके बाद देवेंद्र चौहान अपने सरकारी कंप्यूटर में डाटा अपडेट करते हैं। डेढ़ वर्ष में अभी तक 200 तबादले नाहन क्षेत्र में इनके माध्यम से हो चुके हैं। चौधरी का कहना है कि उनके संज्ञान में यह मामला उनके नौकरी के दौरान भी था। उन्होंने प्रबंधन से भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत करने की अनुमति भी मांगी थी। मगर इस रैकेट में जुड़े लोगों का प्रभावशाली होने के कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई।