धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश
पी.टी.ए. शिक्षक संघर्ष मंच ने सरकार द्वारा नियमित करने के वायदे को पूरा
करने की पुरजोर मांग की है। प्रदेशाध्यक्ष पंकज कुमार, उपाध्यक्ष दिनेश
पटियाल, महासचिव संजीव ठाकुर, सचिव
अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष रविकांत शर्मा,
मुख्य सलाहकार नरेंद्र शर्मा, संयोजक कासिम खान व प्रैस सचिव संतोष रावत ने
संयुक्त बयान में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे पंकज लोहिया बनाम
हिमाचल सरकार मामले में लीव पटीशन स्वीकार होते ही सर्वोच्च न्यायालय के
पिछले 2 साल से चल रहे यथास्थिति के आदेश संभवता ही निरस्त हो गए हैं।7000 पी.टी.ए. शिक्षकों को ग्रांट इन एड नीति के तहत किया था तैनात
अब सरकार संघर्ष मंच की पिछले 2 सालों से पी.टी.ए. अध्यापकों के सशर्त नियमितीकरण की मांग को अभिलंब स्वीकार करे ताकि हजारों परिवारों को पिछले 11 वर्षों से हो रहे शोषण से मुक्ति मिल सके। गौरतलब है कि सरकार द्वारा वर्ष 2006-07 में करीबन 7000 पी.टी.ए. शिक्षकों को ग्रांट इन एड नीति के तहत तैनात किया था। वर्तमान सरकार द्वारा 2013 में पी.टी.ए. शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए पॉलिसी बनाई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जनवरी, 2015 को इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए जोकि 13 फरवरी, 2017 को केस का स्टेटस हटते स्वता ही हट गए हैं, चूंकि मामला न्यायालय में लंबे समय तक विचाराधीन रहने की संभावना है। ऐसे में प्रदेश सरकार शिक्षकों को शर्तों सहित नियमित करने के लिए उचित कदम उठाए।