धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश
स्कूल शिक्षा बोर्ड को इस बार बोर्ड परीक्षाओं तथा पेपर मूल्यांकन के दौरान
मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश भर में तैनात सी. एंड वी. शिक्षक
इस बार बोर्ड की परीक्षाओं तथा पेपर मूल्यांकन के कार्य का पूरी तरह से
बहिष्कार करेंगे।
सी. एंड वी. अध्यापक संघ ने यह फैसला उनकी लगातार हो रही
अनदेखी के चलते लिया है। अध्यापक संघ अपने निर्णय को तब तक कायम रखेगा जब
तक बोर्ड द्वारा उन्हें बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता। जानकारी के
अनुसार राजकीय सी. एंड वी. अध्यापक संघ स्कूल शिक्षा बोर्ड की लेटलतीफी से
खफा है। संघ की मानें तो उसने कई वर्षों से बार-2 समय पर बैठक बुलाने का
आग्रह किया लेकिन शिक्षा बोर्ड हर वर्ष फरवरी माह में ही बैठक के लिए
बुलाता है। संघ के अनुसार बोर्ड परीक्षा के 10 दिन पहले बैठक करने का कोई
औचित्य ही नहीं बनता है।बोर्ड खोखले फरमान करता है जारी
सी. एंड वी. अध्यापक संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने तथा परीक्षा संचालन के कई खोखले फरमान जारी करता है लेकिन बोर्ड द्वारा अध्यापकों को विश्वास में नहीं लिया जाता है। ऐसे में जब तक बोर्ड द्वारा अध्यापकों को विश्वास में नहीं लिया जाएगा तब तक सही तरीके से परीक्षाओं का संचालन नहीं किया जा सकता। इसके लिए स्कूल शिक्षा बोर्ड को अपना रवैया बदलना होगा।
बैठक कर लगाई मुहर
बोर्ड की परीक्षाओं तथा पेपर मूल्यांकन के कार्य के बहिष्कार का निर्णय सी. एंड वी. अध्यापक संघ की बैठक के दौरान लिया है। इस बैठक में संघ के महासचिव राकेश संदल, कोषाध्यक्ष एच.एस. मस्ताना, वरिष्ठ उपप्रधान सीताराम ठाकुर, सुरेंद्र पठानिया, प्रैस सचिव मंगल सिंह गुलेरिया, चम्बा के प्रधान चतर सिंह सूर्यवंशी, ऊना के प्रधान रमण सहोड, बिलासपुर से कश्मीर सिंह, मंडी से प्रहलाद चंद, शिमला से नरेंद्र कुमार, सोलन से कमल, सिरमौर से धनवीर, कांगड़ा से हरचरन सिंह मस्ताना, रक्षा राठौर, मंडी से नरेश, नागणु राम, वेली राम, राज कपूर व जय सिंह आदि शामिल थे। सभी सदस्यों ने एकमत से बोर्ड परीक्षाओं का बहिष्कार का निर्णय लिया।