प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों की लिखित में जानकारी
देने पर शिक्षा निदेशालय ने रोक लगा दी है। स्कूल प्रिंसिपलों,
हेडमास्टरों और सीएचटी को वेकैंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं करने के आदेश दिए
हैं।
शिक्षकों के तबादला आवेदन और कोर्ट केस बढ़ने पर यह फैसला लिया गया है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट से फटकार के
बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी हर पहलू की बारीकी से जांच कर रहे हैं। इसी
कड़ी में यह व्यवस्था की गई है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की लिखित में जानकारी हासिल कर रोजाना दर्जनों शिक्षक तबादले करवाने के लिए निदेशालय पहुंच रहे हैं। तबादले नहीं होने पर यही शिक्षक कोर्ट तक मामले ले जा रहे हैं।
इसके अलावा सर्विस संबंधित मामलों में भी वेकैंसी सर्टिफिकेट का प्रयोग किया जा रहा है। स्कूलों से जारी हो रहे इन वेकैंसी सर्टिफिकेट के चलते निदेशालय को अनावश्यक कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की लिखित में जानकारी हासिल कर रोजाना दर्जनों शिक्षक तबादले करवाने के लिए निदेशालय पहुंच रहे हैं। तबादले नहीं होने पर यही शिक्षक कोर्ट तक मामले ले जा रहे हैं।
इसके अलावा सर्विस संबंधित मामलों में भी वेकैंसी सर्टिफिकेट का प्रयोग किया जा रहा है। स्कूलों से जारी हो रहे इन वेकैंसी सर्टिफिकेट के चलते निदेशालय को अनावश्यक कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है।