प्रदेश सरकार के लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के माध्यम से सरकारी
स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने की राह आसान नहीं रहने वाली है। धूमल
सरकार ने साल 2011 में एसएमसी से शिक्षक भर्ती शुरू की थी। वीरभद्र सरकार
ने भी इस प्रथा को जारी रखा। वर्तमान में 2600 से अधिक शिक्षक बीते कई
सालों से उनके लिए नीति बनाने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन किसी भी सरकार ने इन शिक्षकों को नियमित नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट
ने भी सरकार को सभी पात्र लोगों को एक समान अवसर देते हुए ही शिक्षकों की
भर्ती करने के आदेश दिए हुए हैं। ऐसे में सरकार को भर्ती करने के लिए नीति
बनाने को खूब माथापच्ची करनी पड़ेगी। एसएमसी से पंचायत स्तर पर शिक्षक
भर्ती करना सरकार के लिए मुमकिन नहीं होगा।
सरकार को बकायदा भर्ती विज्ञापन निकालकर प्रदेश के सभी क्षेत्रों के लोगों को इस भर्ती में शामिल करना पड़ेगा। उधर, शिक्षा सचिव डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया है कि एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने के लिए जल्द ही नीति तैयार की जाएगी। कोर्ट में विचाराधीन मामलों सहित अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए नीति तैयार की जाएगी।
सरकार को बकायदा भर्ती विज्ञापन निकालकर प्रदेश के सभी क्षेत्रों के लोगों को इस भर्ती में शामिल करना पड़ेगा। उधर, शिक्षा सचिव डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया है कि एसएमसी से शिक्षक भर्ती करने के लिए जल्द ही नीति तैयार की जाएगी। कोर्ट में विचाराधीन मामलों सहित अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए नीति तैयार की जाएगी।