शिमला —हिमाचल प्रदेश
विश्वविद्यालय के विभागों से शिक्षक सेवानिवृत्त तो हो रहे हैं, लेकिन
सेवानिवृत्ति के बाद रिक्त पडे़ पदों पर नियुक्तियां विवि प्रशासन नहीं कर
पा रहा है। हालात यह हैं कि विभागों में शिक्षकों की संख्या कम होती जा रही
है। शिक्षक न होने से शैक्षणिक कार्य विभागों में प्रभावित हो रहा है।
शनिवार को भी एचपीयू से छह शिक्षकों की सेवानिवृत्ति हुई।
सेवानिवृत्त होने
वाले शिक्षकों में आचार्य नीरज शर्मा रसायन विभाग, आचार्य गिरिजा शर्मा
अंग्रेजी विभाग, आचार्य दुनी चंद गौतम जैव विज्ञान विभाग, आचार्य एमएस
चौहान रसायन विभाग, आचार्य शांति स्वरूप शर्मा जैव विज्ञान विभाग और आचार्य
श्यामा जोशी विदेशी भाषा शामिल रहे। ये सब शिक्षक एचपीयू में अपनी
उत्कृष्ट सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। एचपीयू के विभागों में
इन शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बाद अब रिक्त पदों का आंकड़ा और भी बढ़
गया है। विवि प्रशासन का शिक्षक भर्ती की ओर काई ध्यान नहीं है। रिक्त
पदों पर नियुक्तियों के लिए एचपीयू प्रशासन को सरकार के निर्देशों का
इंतजार है, लेकिन विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने के लिए हरी झंडी
सरकार की ओर से प्रशासन को नहीं मिल पा रही है। विवि प्रशासन भी मात्र
निर्देशों और नए कुलपति की नियुक्ति की राह ही ताकने तक सीमित रह गया है।
विश्वविद्यालय में वर्तमान समय में 32 से अधिक विभाग अलग-अलग कोर्सेज के
साथ छात्रों के लिए चलाए गए हैं। इन सभी विभागों में शिक्षकों की कुल
संख्या की बात की जाए तो विवि के पास इस समय विभागों में 259 शिक्षक ही
छात्रों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किए गए हैं। इनमें से 30 के करीब
शिक्षकों का आकंड़ा ऐसा है जो विभागों में नियमित रूप से नियुक्त न होकर
गेस्ट फैकल्टी पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभागों में शिक्षक न होने की
स्थिति में प्रशासन की ओर से शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखने के लिए गेस्ट
फैकल्टी के तहत ही शिक्षकों की सेवाएं ली जा रही हैं। विश्वविद्यालय के लिए
400 से अधिक शिक्षकों की फैकल्टी मंजूर की गई है। अभी भी विभागों में
रिक्त पदों का आंकड़ा आधे से अधिक है।मात्र हुई हैं 60 शिक्षक भर्तियां
विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो.
एडीएन वाजपेयी के कार्यकाल में मात्र 60 शिक्षकों की भर्तियां ही हो पाई
हैं। इसके अलावा बीते वर्ष 28 फरवरी तक विवि ने 115 पद विज्ञापित किए थे,
जिसमें से एक पद को भरने की प्रक्रिया एक वर्ष में पूरी की गई है। जो 60 पद
पूर्व कुलपति के कार्यकाल में भरे गए हैं वे भर्तियां वर्ष 2012 और 2015
में की गई थीं।