सरकारी सेवाओं की बदहाली
के खिलाफ निकाली रैली
मंडी में जुटे विभिन्न संगठन, डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की बिगड़ती स्थिति पर जताया असंतोष
अमर उजाला ब्यूरो
मंडी। जन एकता जन अधिकार के बैनर तले सीटू, हिमाचल किसान सभा, एसएफआई, जनवादी महिला समिति और दलित शोषण मुक्ति मंच ने जन सुविधाओं की बदहाली के खिलाफ रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क, परिवहन और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए उपायुक्त मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मांग की गई कि सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी रूप से भर्ती करके शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जाए। पीएचसी, सीएचसी और सिविल अस्पतालों में डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ की भर्ती करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु किया जाए। लाल बहादुर मेडिकल कॉलेज में ट्रामा सेंटर और आपातकालीन सेवाएं तत्काल शुरू की जाएं। भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। पीने के पानी और सिंचाई स्कीमों का निजीकरण बंद किया जाए। सड़क परिवहन को मजबूत किया जाए। ज्ञापन के कहा कि बीएसएल, बीबीएमबी से छंटनीकृत मजदूरों के ज्ञापन का भी मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया है जो पिछले कई सालों से न्याय के लिए भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वह बीबीएमबी की मैनेजमेंट और अन्य राज्य सरकारों से मामले को उठाकर समस्या का समाधान करें। रैली को हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज, परसराम, राजेश शर्मा, वीना वैद्य, जोगेंदर वलिया, सुनीता बिष्ट, राजेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया।
जंजैहली में आंदोलनकारियों पर हमला
विभिन्न संगठनों ने सरकारी सेवाओं की बदहाली के विरोध में प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किए। जंजैहली में जयवंती के नेतृत्व में जब एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम जंजैहली को ज्ञापन सौंपने जा रहा था तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और धमकियां दीं कि यदि बाजार में सरकार के खिलाफ रैली निकाली तो अंजाम बुरा होगा। इस दौरान पुलिस थाना जंजैहली में एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है। जन आधार आंदोलन से जुड़े सभी संगठनों ने इस वारदात की भर्त्सना की है।
के खिलाफ निकाली रैली
मंडी में जुटे विभिन्न संगठन, डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की बिगड़ती स्थिति पर जताया असंतोष
अमर उजाला ब्यूरो
मंडी। जन एकता जन अधिकार के बैनर तले सीटू, हिमाचल किसान सभा, एसएफआई, जनवादी महिला समिति और दलित शोषण मुक्ति मंच ने जन सुविधाओं की बदहाली के खिलाफ रैली निकाली और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सड़क, परिवहन और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए उपायुक्त मंडी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मांग की गई कि सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी रूप से भर्ती करके शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा जाए। पीएचसी, सीएचसी और सिविल अस्पतालों में डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ की भर्ती करके स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु किया जाए। लाल बहादुर मेडिकल कॉलेज में ट्रामा सेंटर और आपातकालीन सेवाएं तत्काल शुरू की जाएं। भर्तियों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। पीने के पानी और सिंचाई स्कीमों का निजीकरण बंद किया जाए। सड़क परिवहन को मजबूत किया जाए। ज्ञापन के कहा कि बीएसएल, बीबीएमबी से छंटनीकृत मजदूरों के ज्ञापन का भी मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई जवाब नहीं आया है जो पिछले कई सालों से न्याय के लिए भटक रहे हैं। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वह बीबीएमबी की मैनेजमेंट और अन्य राज्य सरकारों से मामले को उठाकर समस्या का समाधान करें। रैली को हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज, परसराम, राजेश शर्मा, वीना वैद्य, जोगेंदर वलिया, सुनीता बिष्ट, राजेंद्र सिंह ने भी संबोधित किया।
जंजैहली में आंदोलनकारियों पर हमला
विभिन्न संगठनों ने सरकारी सेवाओं की बदहाली के विरोध में प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किए। जंजैहली में जयवंती के नेतृत्व में जब एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम जंजैहली को ज्ञापन सौंपने जा रहा था तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और धमकियां दीं कि यदि बाजार में सरकार के खिलाफ रैली निकाली तो अंजाम बुरा होगा। इस दौरान पुलिस थाना जंजैहली में एफआईआर भी दर्ज करवा दी गई है। जन आधार आंदोलन से जुड़े सभी संगठनों ने इस वारदात की भर्त्सना की है।