प्रदेश में जेबीटी प्रशिक्षुओं की भर्ती न होने से निराशा
700 पदों पर होनी है जेबीटी की भर्ती, 1858 पद स्कूलों में रिक्त
भर्ती ने होने से जेबीटी प्रशिक्षुओं में रोष, जल्द भर्ती की उठाई मांग
अमर उजाला ब्यूरो
मंडी। कोर्ट के आदेशों के बाद अब प्रदेश के जेबीटी प्रशिक्षु भर्ती न होने से निराश हैं। टेट मेरिट के आधार पर भर्ती पर रोक लगने के बाद अब विभाग 50 फीसदी बैच और 50 फीसदी कमीशन से भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है। प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की ओर से बीते 30 अगस्त 2017 को प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर टेट मेरिट वाले आरएंडपी को निरस्त कर दिया है। उसके बाद विभाग की ओर से जेबीटी के नए आरएंडपी रूल बनाए गए। लेकिन, नए नियमों के तहत भर्ती नहीं हुई। प्रदेशभर में जेबीटी के 1858 पद रिक्त चल रहे हैं। प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों के नौनिहाल आज भी शिक्षकों की राह देख रहे हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जीएस बेदी ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार की ओर से जल्द बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती है तो कुछ हद तक रिक्त पदों को भरा जा सकता है, जिससे सत्र के शुरू में ही नौनिहालों को शिक्षकों की सेवाएं मिल सकेंगी। प्रदेशभर के प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी के 1858 पद खाली होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश सरकार अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रिक्त पदों को भरे ताकि सत्र के शुरू में शिक्षकों की तैनाती हो सके।
बेरोजगार जेबीटी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जेबीटी भर्ती को शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार और विभाग को नए आरएंडपी के तहत स्वतंत्र कर दिया है लेकिन, सरकार और विभाग कोर्ट में स्टे का हवाला देकर बेरोजगारों को गुमराह कर रहे हैं।
कोर्ट का निर्णय आने के बाद होगी भर्ती : निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. मनमोहन शर्मा ने कहा कि जेबीटी भर्ती को लेकर मामला प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
भर्ती ने होने से जेबीटी प्रशिक्षुओं में रोष, जल्द भर्ती की उठाई मांग
अमर उजाला ब्यूरो
मंडी। कोर्ट के आदेशों के बाद अब प्रदेश के जेबीटी प्रशिक्षु भर्ती न होने से निराश हैं। टेट मेरिट के आधार पर भर्ती पर रोक लगने के बाद अब विभाग 50 फीसदी बैच और 50 फीसदी कमीशन से भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका है। प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की ओर से बीते 30 अगस्त 2017 को प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर टेट मेरिट वाले आरएंडपी को निरस्त कर दिया है। उसके बाद विभाग की ओर से जेबीटी के नए आरएंडपी रूल बनाए गए। लेकिन, नए नियमों के तहत भर्ती नहीं हुई। प्रदेशभर में जेबीटी के 1858 पद रिक्त चल रहे हैं। प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों के नौनिहाल आज भी शिक्षकों की राह देख रहे हैं। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जीएस बेदी ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार की ओर से जल्द बैचवाइज भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाती है तो कुछ हद तक रिक्त पदों को भरा जा सकता है, जिससे सत्र के शुरू में ही नौनिहालों को शिक्षकों की सेवाएं मिल सकेंगी। प्रदेशभर के प्राथमिक स्कूलों में जेबीटी के 1858 पद खाली होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। प्रदेश सरकार अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रिक्त पदों को भरे ताकि सत्र के शुरू में शिक्षकों की तैनाती हो सके।
बेरोजगार जेबीटी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कश्यप ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जेबीटी भर्ती को शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार और विभाग को नए आरएंडपी के तहत स्वतंत्र कर दिया है लेकिन, सरकार और विभाग कोर्ट में स्टे का हवाला देकर बेरोजगारों को गुमराह कर रहे हैं।
कोर्ट का निर्णय आने के बाद होगी भर्ती : निदेशक
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. मनमोहन शर्मा ने कहा कि जेबीटी भर्ती को लेकर मामला प्रदेश हाई कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।